ईडी की ओर से एक-दो दिनों में विष्णु अग्रवाल की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त करने का आदेश जारी होगा. ईडी ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल रहने के आरोप में 31 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया था. अब तक की जांच के दौरान अग्रवाल द्वारा सेना की सिरमटोली स्थित जमीन के अलावा नामकुम और चेशायर रोड होम की जमीन खरीदने की पुष्टि हो चुकी है. इडी द्वारा इसके अलावा कुछ और संपत्ति भी जब्त करने की तैयारी है.
दूसरी तरफ ईडी द्वारा दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन के खिलाफ दूसरा आरोप पत्र इसी सप्ताह दायर करने की भी तैयारी में है. यह आरोप पत्र विष्णु अग्रवाल को सिरमटोली स्थित सेना के कब्जेवाली 5.88 एकड़ जमीन, चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन और नामकुम की 9.30 एकड़ जमीन खरीदने में गलत तरीके से मदद करने के आरोप में दायर किया जायेगा.
इसमें कुल 12 अभियुक्तों को शामिल किये जाने की संभावना है. छवि रंजन के खिलाफ इससे पहले बरियातू स्थित सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में आरोप पत्र दायर किया जा चुका है.
विष्णु अग्रवाल द्वारा जमीन खरीद के मामले में ईडी द्वारा अब तक की जांच के दौरान तीन मामलों में छवि रंजन की संलिप्तता पायी गयी है. छवि रंजन ने चेशायर होम रोड स्थित खाता नंबर-37,प्लॉट नंबर-28 की जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर तैयार किये गये फर्जी दस्तावेज को वैध मानते हुए इसके खरीद-बिक्री की अनुमति दी थी.
इस जमीन की खरीद-बिक्री में प्रेम प्रकाश की महत्वपूर्ण भूमिका थी. प्रेम प्रकाश के करीबी पुनीत भार्गव से विष्णु अग्रवाल ने यह जमीन खरीदी थी. इसमें भुगतान के गलत दावे किये गये. छवि रंजन के आदेश के बाद ही विष्णु अग्रवाल को रांची नगर निगम क्षेत्र में सिरमटोली स्थित सेना के कब्जेवाली जमीन (एमएस प्लॉट नंबर-908, 851-पी) का मालिक बनाया गया. छवि रंजन की मदद से ही विष्णु अग्रवाल को नामकुम को पुगड़ू मौजा की (खाता नंबर-93, प्लॉट नंबर-543, 544, 546, 547) 9.30 एकड़ जमीन खरीदने में कामयाबी हासिल हुई. इडी ने जांच में पाया है कि यह खासमहल की जमीन थी. लेकिन एसआइटी की रिपोर्ट में ‘नहीं’ शब्द को जोड़ा गया.
ईडी द्वारा दायर किये जानेवाले इस आरोप पत्र में छवि रंजन के अलावा अफसर अली, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तलहा खान, फैयाज अहमद दूसरी बार अभियुक्तों की सूची में शामिल होंगे. वहीं विष्णु अग्रवाल, प्रेम प्रकाश, राजेश राय और भरत प्रसाद पहली बार आरोपी बनाये जायेंगे. इस मामले में विष्णु अग्रवाल को सबसे ज्यादा लाभान्वित होनेवाले व्यक्ति के रूप में चिह्नित किया गया है.
इडी की ओर से इसी सप्ताह साहिबगंज अवैध खनन घोटाले में दूसरा आरोप पत्र ट्विंकल भगत, भगवान भगत और कृष्णा साहा के खिलाफ दायर किया जायेगा. जांच के दौरान तीनों के खिलाफ अवैध खनन के सबूत पाये गये हैं. कृष्णा साहा द्वारा चपांडे पहाड़ पर अवैध खनन कराये जाने के दौरान पत्थर और मिट्टी धंसने से दो मजदूरों की मौत हो गयी थी. मरनेवालों में शपथ मंडल और मिथुन पाल का नाम शामिल है.
पत्थर और मिट्टी धंसने से मजदूरों की मौत की सूचना मिलने के बाद कृष्णा ने सुनियोजित साजिश के तहत मामले को दबाने की कोशिश की थी और शवों को वहां से हटवा दिया था. जिला प्रशासन ने दुर्घटना की जांच में मजदूरों की मौत की पुष्टि की. लेकिन, अवैध खनन के सबूत नहीं मिलने की बात कही थी. दूसरी तरफ इडी की जांच में अवैध खनन की पुष्टि हुई. यह पाया गया कि साहा को चपांडे मौजा में 6.13 एकड़ क्षेत्र में ही लीज मिला था, लेकिन उसने 12.60 एकड़ पर खनन किया था.