लोहरदगा, संजय कुमार : देश के बड़े शहरों व महानगरों के साथ-साथ आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी कैशलैस इकोनामी में तब्दील हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र में सरकार बनने के बाद यह देश डिजिटल क्रांति की ओर बड़ी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. समाज के प्रायः हर वर्ग डिजिटल लेन-देन सिस्टम को अपना रहे हैं. विभिन्न सरकारी विभागों के अलावा निजी सेक्टर में डिजिटलीकरण का दायरा बढ़ता जा रहा है. आज अगर एक क्लिक से पैसा ट्रांसफर करने से लेकर तमाम जरूरी काम कर पाते हैं तो इसके पीछे डिजिटल क्रांति का अहम योगदान है.
हालांकि, इसकी शुरुआत तो साल 2014 से पहले ही हो गई थी, लेकिन पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद उन्होंने ने अपने एक दशक से भी कम के कार्यकाल में देश में डिजिटल क्रांति लाने और आमलोगों को डिजिटली कार्य करने के प्रति किए गए प्रेरित का ही यह नतीजा हैं कि आज बड़े शहरों की चमचमाती मॉल से लेकर छोटे शहर के दुकानो के अलावा ग्रामीण हाट बाजारों में अवस्थित फुटपाथों तथा फेरीकर छोटे-छोटे सब्जी विक्रेता, फल-फूल व रोजमर्रा की अन्य आवश्यक और खाने-पीने की सामग्री का कारोबार क्यू आर कोड के बलबूते फलफूल रहा है. डिजिटल क्रांति ने देशवासियों को जो फायदा पहुंचाया है यह किसी करिश्मे से कम नहीं है. पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने की वजह से आमजनों की एक बड़ी आबादी इसका समुचित लाभ उठा रहे है. बहरहाल बदलते समय में शहर के साथ-साथ अब ग्रामीण भारत भी बदल रहा है.
मोदी के विजन ने विश्व मे भारत को दिलाई विशिष्ट पहचान
डिजिटल इंडिया को लेकर पीएम मोदी का विजन ने पूरे देश को विश्व मानचित्र पर एक अलग विशिष्ट पहचान दिलाई. केंद्र सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति के बलबूते ही आज डिजिटल क्रांति ने देशवासियों के जीवन को सरल और सुगम बनाया है. जिसके कारण आज लोग घर बैठे की अपनी जरूरत की सामानों को ऑनलाइन पेमेंट कर खरीदारी कर रहे हैं.
-सुदर्शन भगत, सांसद, लोहरदगा
Also Read: झारखंड : शाहपुर -गढ़वा मार्ग पर कार चालक ने पैदल चल रहे लोगों को रौंदा, चार की मौत, 13 घायल
आम आदमी उठा रहा कैशलेस का लाभ
पीएम मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को साढ़े 4 साल गुजर गए हैं. इस दौरान केंद्र सरकार का फोकस भारतीय अर्थव्यवस्था को कैशलेस इकोनॉमी में तब्दील करने पर ज्यादा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार ने भीम ऐप, यूपीआई और आधार पेमेंट सिस्टम समेत कई माध्यम शुरू किए हैं. इनके जरिये आम आदमी न सिर्फ कैशलेस भुगतान का लाभ उठा रहे है, बल्कि डिजिटल ट्रांजैक्शन से पैसा खोने और चोरी होने की आशंका से भी लोगो को निजात मिला है.
-ओम प्रकाश सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा किसान मोर्चा झारखंड
डिजिटल क्रांति से युवाओं को मिला रोजगार
डिजिटल क्रांति ने बढ़ी संख्या में शिक्षित बेरोजगार युवाओं रोजगार उपलब्ध कराने के दिशा में सहायक साबित हो रहा हैं. वर्तमान समय में ऑनलाइन आवश्यक सामग्रियों की खरीदारी में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले लोग भी अब ऑनलाइन सामानों की खरीदारी करने में मशगूल हैं. चाहे वह रेडीमेड वस्त्र हो या फिर इलेक्ट्रिक तथा इलेक्ट्रॉनिक समान हर छोटी-बड़ी जरूरत की सामग्रियों का ऑनलाइन कारोबार का प्रचलन बड़ा है. इस कार्य से जुड़े डिलेवरी ब्वॉय का नया जॉब भी शहर से लेकर गांव-गांव तक हुआ है.
-मनीर उरांव, अध्यक्ष, जिला भाजपा, लोहरदगा
रोजाना सात करोड़ का कारोबार डिजिटल ऐप के माध्यम से हो रहा
लोहरदगा जैसे छोटे जिले में डिजिटल इंडिया का कांसेप्ट जब से आया है गांव और शहरी दोनों ही क्षेत्र में बहुत ही तीव्रगति से लोग इसे अपना रहे है. लगभग व्यापारिक प्रतिष्ठान विभिन्न डिजिटल ऐप के माध्यम से भुगतान प्राप्त कर रही है. वर्तमान समय में 70 प्रतिशत व्यापार कैशलेश हो चुका है. गांव-गांव में प्रज्ञा केंद्र खुल चुकी है और वहीं पर डिजिटल ऐप एवं आधार आधारित फिंगरप्रिंट द्वारा नगद निकासी की व्यवस्था भी मुहैया है. बहुत से बेरोजगार युवा आज इसे व्यवसाय के रूप में अपनाकर खुशहाल जीवन यापन कर रहे है. लोहरदगा ज़िला में डिजिटल ऐप के माध्यम से कैशलेश का अनुमानित व्यापार लगभग 5 से 7 करोड़ रुपये प्रति दिन का होगा.
-रितेश कुमार, अध्यक्ष, चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज लोहरदगा