सरकारी स्कूलों के शिक्षक क्लास रूम में क्या पढ़ा रहे हैं?, उनके टॉपिक क्या रहे?, इनके दस्तावेजीकरण की कवायद शुरू होने जा रही है. दरअसल, प्रदेश के सभी 78 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों के 4.38 (4,38,880) लाख शिक्षकों को शिक्षा विभाग डायरी उपलब्ध कराने जा रहा है. बिहार शिक्षा परियोजना ने इसके लिए तैयारी कर ली है.
इस डायरी में शिक्षक अपनी कक्षा की अध्यापन संबंधी गतिविधि दर्ज करायेंगे. खासतौर पर शिक्षक ने रोजाना क्या पढ़ाया? इसमें लिखना होगा. इसमें टॉपिक भी बताना होगा. दूसरे कक्षा में जाने से पहले की तैयारियों के संदर्भ में शिक्षक को डायरी में नोट भी लिखना होगा. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक डायरियां कक्षा एक से बारह तक के सभी शिक्षकों को दी जायेंगी. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के एक्सपर्ट इसकी डायरी में नोट करने के बिंदु तैयार कर रहे हैं. स्कूली शिक्षकों को रूटीन की शैक्षणिक गतिविधियां दर्ज करने के लिए पहली बार डायरी दी जा रही हैं. इस प्रोजेक्ट से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि प्रत्येक शिक्षक को दी जाने वाली डायरी कक्षाओं में होने वाले आकस्मिक निरीक्षण के दौरान आधार का काम करेगी.
फिलहाल डायरी प्रकाशित करने के शिक्षा विभाग ने टेंडर आमंत्रित किये हैं. टेंडर 11 सितंबर तक ऑनलाइन भेजे जा सकते है. डायरी के पेेज पूरी तरह रंगीन होंगे, जो संभवत: 384 पेज की होगी. जिस एजेंसी को यह काम मिलेगा, उसे डायरी की पिंटिंग, डिजाइन से लेकर जिला मुख्यालय तक आपूर्ति भी करनी होगी. इससे पहले बिहार के सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को इस बार डायरी दी गयी हैं. इसमें उन्हें गृह कार्य दिये जा रहे हैं. किबात के साथ बच्चों को डायरी पूरी तरह मुफ्त में दी गयी है.