LPG Subsidy: राखी से पहले केंद्र सरकार के द्वारा आमलोगों और उज्जवला योजना के लाभार्थियों को बड़ा तोहफा दिया गया है. सरकार के द्वारा आम ग्राहकों के एलपीजी सिलेंडर पर 200 रुपये और उज्जवला योजना के ग्राहकों को भी सिलेंडर पर 200 रुपये अतिरक्त सब्सिडी देने की घोषणा की है. पहले से उज्जवला योजना के तहत लाभुकों को 200 रुपये सिलेंडर पर सब्सिडी दिया जा रहा है. इसका सीधा अर्थ है कि उन्हें अब एलपीजी सिलेंडर की खरीद पर 400 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. वर्तमान में देश में 75 लाख से ज्यादा एलपीजी ग्राहकों को उज्जवला योजना का लाभ दिया जा रहा है. ऐसे में समझा जा रहा है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर बड़ा प्रेशर आने वाला है.
कैबिनेट की बैठक में लिया गया फैसला
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में सभी लोगों के लिये एलपीजी सिलेंडर के दाम 200 रुपये कम करने का निर्णय किया गया. इस फैसले के बाद राजधानी दिल्ली में 14.2 किलो का एलपीजी सिलेंडर की लागत बुधवार से 903 रुपये होगी, जो अभी 1,103 रुपये है. मई, 2020 के मुकाबले अभी रसोई गैस सिलेंडर का दाम दोगुना से अधिक है. इसके साथ ही अब उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को कुल 400 रुपये का लाभ मिलेगा. उन्हें पहले से 200 रुपये की सब्सिडी मिल रही है. इससे उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर अब 703 रुपये में मिलेगा. ठाकुर ने कहा कि इस पहल का मकसद परिवारों को राहत उपलब्ध कराना है. इसके साथ सरकार उज्ज्वला योजना के तहत 75 लाख परिवारों को नये एलपीजी कनेक्शन देगी. इससे प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की संख्या 10.35 करोड़ हो जाएगी. इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रसोई गैस की कीमतों में कटौती से महिलाओं की सहूलियत बढ़ेगी तथा उनका जीवन और भी आसान होगा.
चुनाव को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला
जानकार बताते हैं कि पिछले एक-दो साल में रसोई गैस की कीमतें बढ़ी हैं और यह एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया है. कांग्रेस पार्टी ने एलपीजी की ऊंची कीमतों के कारण लोगों की जेब पर पड़ रहे असर को भांपते हुए इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है. कर्नाटक में हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में इसे प्रमुखता से उठाया गया. पार्टी ने मध्य प्रदेश में सत्ता में आने पर 500 रुपये की कीमत में एलपीजी देने का वादा किया है. राजस्थान में भी कांग्रेस सरकार इसी कीमत पर एलपीजी उपलब्ध करा रही है. दोनों राज्यों में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं. हालांकि, ठाकुर ने इस फैसले को चुनाव से जोड़ने से इनकार करते हुए कहा कि यह ओणम और रक्षा बंधन के अवसर पर महिलाओं को मोदी सरकार की ओर से एक उपहार है. उन्होंने यह नहीं बताया कि कीमत में कटौती की ‘भरपाई’ कैसे की जाएगी. यह माना जाता है कि खुदरा ईंधन बेचने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां बुधवार से कीमतें कम करेंगी. बाद में सरकार इसकी भरपाई करेगी.
2023-24 में 7,680 करोड़ रुपये आएगी लागत
अनुराग ठाकुर ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत ग्राहकों को 200 रुपये प्रति सिलेंडर एलपीजी सब्सिडी दी जा रही है, उसकी लागत चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 7,680 करोड़ रुपये बैठेगी. उज्ज्वला लाभार्थी केवल 9.6 करोड़ हैं, जबकि 33 करोड़ उपभोक्ता खाना पकाने के लिये रसोई गैस का उपयोग करते हैं. सरकार ने जून, 2020 में एलपीजी पर सब्सिडी देना बंद कर दिया था. देशभर में रसोई गैस की कीमत का निर्धारण बाजार आधारित था. इससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,103 रुपये हो गई है, जिसमें अब 200 रुपये की कमी होगी. एकमात्र सब्सिडी उज्ज्वला योजना के लाभार्थिेयों को मिल रही थी. सरकार एक साल में 12 सिलेंडर भरवाने पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी देती है. सरकार अगर कीमतों में 200 रुपये की कटौती का बोझ खुदरा पेट्रोलियम कंपनियों पर नहीं डालकर स्वयं वहन करती है, तो इसका मतलब है कि सब्सिडी व्यवस्था वापस लायी गयी है.
लोगों पर वित्तीय बोझ होगा कम
केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि ये निर्णय लोगों पर वित्तीय बोझ को कम करने और उनकी बेहतरी के लिये सरकार की तरफ से जारी प्रयासों का हिस्सा है. रसोई गैस के दाम में कमी नागरिकों की भलाई को प्राथमिकता देने और उचित दरों पर आवश्यक वस्तुओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
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