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जदयू अध्यक्ष ललन सिंह का मोदी सरकार पर हमला, बोले- अभी 200 घटाया, चुनाव के बाद 600 रुपये बढ़ा देंगे

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने गैस सिलेंडर के दाम 200 रुपये घटाए जाने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार विपक्षी एकता के कारण हताशा और घबराहट में है. उन्होंने सवाल उठाये कि केंद्र सरकार को अभी तक दिखाई नहीं पड़ रहा था कि गैस का दम इतना बढ़ गया है.

पटना. केंद्र सरकार की ओर से गैस सिलेंडर की कीमत कम किये जाने के बाद बिहार में सियासत शुरू है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने गैस सिलेंडर के दाम 200 रुपये घटाए जाने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार विपक्षी एकता के कारण हताशा और घबराहट में है. उन्होंने सवाल उठाये कि केंद्र सरकार को अभी तक दिखाई नहीं पड़ रहा था कि गैस का दम इतना बढ़ गया है. ललन सिंह ने कहा कि यह फैसला विपक्षी गठबंधन बनने के बाद उनके हताशा का परिचायक है. विपक्षी दलों की मुंबई में होने वाली बैठक से पहले यह फैसला लिया है. अब कोई नुस्खा और जुमला नहीं चलेगा. लोग जान चुके हैं कि जुमलेबाजों की सरकार है. चुनाव से पहले वादा और चुनाव के बाद जुमला.

जदयू केंद्र सरकार हड़बड़ाहट में है

ललन सिंह ने कहा विपक्षी दलों के गठबंधन के कारण केंद्र सरकार हड़बड़ाहट में है. अभी गैस सिलेंडर की कीमत घटा दी है. जब राज्यों में विधानसभा चुनाव हो जाएगा तो 600 रुपये बढ़ा देंगे. ललन सिंह ने कहा कि सरकार ने गैस की सब्सिडी खत्म कर दी है. सब्सिडी खत्म करने के बाद उज्ज्वला योजना चलायी. उस उज्ज्वला योजना के पांच प्रतिशत सिलेंडर का भी उपयोग नहीं हो रहा है. 200 घटा दिए हैं फिर भी गरीब कहां से गैस सिलेंडर खरीद पाएंगे. ललन सिंह ने कहा कि विपक्षी गठबंधन पूरी तरह से मजबूत है. इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि जब बैंगलुरू में बैठक हो रही थी तब पीएम मोदी ने दिल्ली में बैठक बुलाई थी और अब जब मुंबई में बैठक हो रही है तब फिर मुंबई में ही एनडीए की बैठक बुलाई गयी है. विपक्षी गठबंधन बनने के बाद से बीजेपी और पीएम मोदी हताश हैं, घबराहट में हैं और परेशान हैं. उनको जनता का मूड पता चल चुका है.

नरेंद्र मोदी ने एनडीए की बैठक नहीं बुलायी थी

एनडीए की बैठक पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से देश के पीएम हैं, लेकिन उन्होंने कभी एनडीए की बैठक नहीं बुलाई थी. जब विपक्षी दलों की दूसरी बैठक बैंगलुरू में हो रही थी, तब दिल्ली में एनडीए की बैठक बुलाई गयी थी. दिल्ली में जो बैठक बुलाई किसी को बोलने का मौका नहीं दिया. अकेले भाषण दिए, अकेले माला पहने. एनडीए की बैठक तब होती थी, जब अटल बिहारी वाजपेयी एनडीए चलाते थे और आडवाणी जी बीजेपी के नेता थे तब एनडीए की बैठक रेगुलर हुआ करती थी. जॉर्ज फर्नांडिस साहब उसके संयोजक हुआ करते थे. पहले हर 2-3 महीने में एनडीए की बैठक हुआ करती थी. इस बैठक में सभी साथियों की सलाह ली जाती थी, लेकिन पीएम मोदी को राय-सलाह करने से मतलब नहीं है. मुंबई में एनडीए की जो बैठक बुलाई गयी है, उसमें नॉर्थ इस्ट में जिसका कोई सांसद तक नहीं है, वैसी पार्टी का भीड़ जमा कर रहे हैं. इससे इंडिया की सेहत पर कोई कोई फर्क नहीं पड़ता.

सुशील मोदी को पार्टी में लेने पर कर सकते हैं विचार

सुशील मोदी को जेडीयू में लाएंगे क्या? मीडिया के इस सवाल का जवाब देते हुए ललन सिंह ने कहा कि पहले उनका मोहभंग हो जाए तब सोचेंगे. सुशील मोदी तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. धार्मिक उन्माद फैलाने का काम कर रहे है. धार्मिक उन्माद फैलाने वाला काम खत्म करके धर्म निरपेक्षता पर विश्वास प्रकट करेंगे तब हम उस पर विचार करेंगे. दरअसल सरकारी स्कूलों की छुट्टियाँ रद्द होने पर बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा था कि इससे नीतीश सरकार की हिंदू विरोधी मानसिकता उजागर हुई है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक देश में बिहार की जगहंसाई करा रहे हैं. सुशील मोदी के इस बयान पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि हमलोग तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करते. हमलोग सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और हमारा संविधान भी यही कहता है.

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