Flood News: बिहार की नदियों में पिछले दिनों लगातार हुई बारिश की वजह से उफान हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ और घट रहा है. सहरसा में पिछले तीन दिनों से मौसम में हुए बदलाव व कोसी के डिस्चार्ज में कमी आने से कोसी के बीच बसे लोगों को आंशिक राहत मिली है. कोसी का बहाव आगे बढ़ने से धीरे धीरे जल स्तर में गिरावट आना शुरू हो गया है. कमला बलान में पश्चिमी कोसी तटबंध के अंतिम छोर घोंघेपुर के समीप कोसी का पानी गिरने से व शंकरथुआ में स्लुईस गेट के बंद रहने से फिर से उफान आया है. घोंघेपुर, पचभिन्डा, जलई, जलई पुनर्वास , मोहम्मदपुर सहित अन्य गांव में फिर से बाढ़ की तबाही बढ़ गयी है. स्थानीय लोगों ने सीओ के निर्देश पर स्लुईस गेट को खुलवाया है.
कटिहार जिले की महानंदा व बरंडी नदी को छोड़कर सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में बुधवार को लगातार चौथे दिन भी वृद्धि जारी रही है. महानंदा के जलस्तर में सभी स्थानों पर कमी दर्ज की गयी है. महानंदा नदी का जलस्तर झौआ, बहरखाल, आजमनगर, कुर्सेल, धबोल, दुर्गापुर व गोविंदपुर में घट रही है व अधिकांश स्थानों पर लाल निशान से नीचे आ गया है, जबकि बरंडी नदी का जलस्तर स्थिर है. दूसरी तरफ गंगा, कोसी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गयी है. रिपोर्ट के मुताबिक, कोसी नदी का जलस्तर लाल निशान से 36 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
नदियों के उफान से कुरसेला में बाढ़ की स्थिति बिगड़ने लगी है. निचले भूभाग पर बसे गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है. सड़कों पर बाढ़ का पानी चढ़ने से आवागमन करने की मुश्किलें बढ़ गयी है. प्रखंड क्षेत्र के शेरमारी, चांयटोला, कटरिया, पत्थलटोला, खेरिया, बालूटोला, गांधी ग्राम बिंदटोली, तीनघरिया, बाघमारा, पंचखुटी, मेहरटोला, रामपुर, गवालटोली, कुरसेला बस्ती, बसुहार, मजदिया, कमलाकान्ही मधेली, गुमटीटोला गांव बाढ़ से पुरी तरह घिर चुका है, जबकि आधा दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. बाघमारा पंचखूटी के नव निर्मित सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ने से आवागमन पुरी तरह ठप हो चुका है. भठ्ठा चौक एनएच 31 से दियारा के शेरमारी, चांयटोला, अजमाबांध चापर गांव को जोड़ने वाली सड़क, पुलिया पर कलबलिया नदी का पानी का दबाव बढ़ने से आवागमन में परेशानी हो गयी है. सड़क पर पानी का बहाव होने से चार पहिया वाहनों का आवागमन बाधित हो गया है.
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कटरिया गांव की सुरक्षा के लिये बने बांध पर पानी का दबाव बढ़ रहा है. घुरना, बल्थी महेशपुर, सड़क सह तटबंध पर मड़कोस धार के पानी का दबाब बढ़ रहा है. बल्थी महेशपुर स्कुल से शहीद राहुल सिंह स्मारक तक जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी बहने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है. नाव के सहारे लोग आवागमन करने को विवश हो गये है. मधेली, गुमटीटोला के समीप बारह नंबर ठोकर पर गंगा नदी के पानी का दबाव बना हुआ है. मधेली, गुमटीटोला के समीप विद्यालय बाढ़ से पुरी तरह घिर चुका है. नदियों के जलस्तर में वृद्धि कायम रहने की स्थिति में बाढ़ का पानी किसी भी समय विद्यालय में प्रवेश कर सकता है. मलेनिया के मिर्जापुर में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से नाव के सहारे लोग आवागमन कर रहे है. मिर्जापुर गांव के कई घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों को रहने खाने की मुसीबतें बढ़ गयी है. गंगा, कोसी नदियों के बढ़ते उफान के भय से पशुपालक पशुओं के साथ सूखे क्षेत्रों की ओर पलायन करते जा रहे है. बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों के लोग ऊंचे स्थान रेल गोदाम, सड़क, बांध पर शरण लेने की जुगत में लग गये है. माना जा रहा है कि गंगा कोसी नदियों के जलस्तर में उफान कायम रहने से कुरसेला प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति अधिक बिगड़ सकती है.
भागलपुर के नवगछिया अंतर्गत खरीक प्रखंड के मैरचा गांव में कोसी नदी भीषण कहर बरपा रही है. दर्जन भर मकान कोसी नदी में समा गये. देखते ही देखते कई पक्का मकान कोसी में समा गये. लोग डरे सहमे हैं. बीते तीन दिनों से भीषण कटाव हो रहा है. कोसी की धारा रूह कंपाने वाली है. अचानक भीषण कटाव शुरू हो गया. कटाव की रफ्तार इतनी तेज है कि देखते ही देखते पिछले दो दिनों में 15 लोगों के घर नदी में समा गये हैं. वहीं 15 लोगों के घर कोसी नदी के मुहाने पर हैं, जो कभी भी कटाव की भेंट चढ़ सकते हैं. कटाव की रफ्तार को देख नदी किनारे बसे लोग अपने खून-पसीने की कमाई से बनाये घर को खुद तोड़ सामान के साथ पलायन की तैयारी कर रहे हैं. कुछ लोग घर छोड़ कर सुरक्षित जगहों पर चले गये हैं.
भागलपुर के गोपालपुर में गंगा व कोसी नदी के जलस्तर में फिर से वृद्धि शुरू हो गयी है. गंगा नदी खतरे के निशान 31.60 मीटर को पार कर गयी है. कोसी भी चेतावनी का लेबल 30.48 मीटर को पार कर 30.92 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर ऊपर है. जल संसाधन विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक गंगा व कोसी नदी के जलस्तर में और वृद्धि का अनुमान है. दोनों नदियों का दबाव तटबंधों पर पड़ रहा है. खासकर इस्माइलपुर से बिंदटोली व ज्ञानीदास टोला में नदी का दबाव काफी बना हुआ है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंंडल कार्यालय के कार्यपालक अभियंता ई मुकेश कुमार व भागलपुर के अधीक्षण अभियंता ई रणधीर कुमार ने बताया कि कैंप कार्यालय के निकट नदी का दबाव किसी तरह से कम किया गया है. रीस्टोरेशन का लगातार प्रयास किया जा रहा है. पूरे तटबंध व संवेदनशील स्परों व तटबंधों की निगरानी की जा रही है.