कोलकाता, विकास कुमार गुप्ता : उत्तर 24 परगना के दत्तपुकुर में हाल ही में हुए विस्फोट की घटना में फरार मूल आरोपी को पश्चिम बंगाल पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है. पकड़े गये आरोपी का नाम मोहम्मद नजरूल इस्लाम बताया गया है. उसे दमदम अंतर्रारष्ट्रीय हवाईअड्डे के बाहर से गुरुवार रात को पकड़ा गया है. शुक्रवार को उसे बारासात अदालत में पेश करने पर आरोपी को आठ दिनों के लिए एसटीएफ हिरासत में भेजने का निर्देश दिया गया है. पता चला है कि वारदात के बाद वह दत्तपुकुर इलाके से फरार होकर चेन्नई भाग गया था.
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक उन्हें खबर मिली थी कि आरोपी नजरूल ईस्लाम चेन्नई से फ्लाइट में बिना किसी सूचना के गुप्त तरीके से कोलकाता लौट रहा है. कुछ ही घंटे यहां रहने के बाद वह फिर से अन्य राज्य में भागने की फिराक में था. जानकारी के बाद बंगाल एसटीएफ की टीम उसे पकड़ने के लिए पहले से एयरपोर्ट के आसपास तैनात थी. रात को एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही एसटीएफ की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उसपर आरोप है कि प्रतिबंधित पटाखा निर्माण बनाने में इस्तेमाल होनेवाले बारूद की वह सप्लाई करता था. आसपास के लोगों से पूछताछ में उसका नाम सामने आया था. इसके बाद से राज्य पुलिस के साथ बंगाल एसटीएफ को उसकी तलाश थी. गुरुवार रात को उसे आखिरकार पकड़ने में सफलता मिली.
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ज्ञात हो कि बारासात के अकरमपुर में व्यवसायी नजरुल उत्तर 24 परगना के दत्तपुकुर विस्फोट की घटना के तुरंत बाद इलाके से फरार हो गया था. उसकी ही ट्रकों में भारी मात्रा में प्रतिबंधित शब्द और विस्फोटक भरकर बाहर भेजने का प्रयास किया गया था. 29 अगस्त को एसटीएफ ने ऐसे पांच ट्रकों को रोका और दो लोगों को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान नजरूल के बारे में कई जानकारियां एसटीएफ के सामने आई. उसके कलकत्ता लौटते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी से पूछताछ की जा रही है.
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16 मई 2023 : पूर्व मेदिनीपुर के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट, 12 लोगों की मृत्यु
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सूत्रों का कहना है कि उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पश्चिम मेदिनीपुर, बर्दवान समेत कई जिलों में कई जगहों पर अवैध तरीके से कई पटाखा फैक्ट्रियां चल रही हैं. ये नियमों को ताक पर रखकर अवैध तरीके से पटाखे बना रहे हैं. लेकिन घटना होने के बाद ही पुलिस की सक्रियता देखी जाती है. कई बार इन कारखानों में आग लगने से मजदूरों की जान जाती है, तो कई बार विस्फोट में लोग जान गंवा बैठते हैं. स्थानीय लोगों ने दत्तपुकुर की घटना को लेकर पुलिस और सत्तारूढ़ दल के खिलाफ नाराजगी जातायी है. लोगों का कहना है कि पुलिस और स्थानीय नेताओं के सहयोग से दत्तपुकुर के उक्त ठिकाने पर अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी. मुर्शिदाबाद समेत अन्य जगहों से भी श्रमिकों को लाकर यहां काम कराया जाता था.
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