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नहीं रहे हिंदी के आलोचक, चिंतक और कवि रमेश कुंतल मेघ, साल 2017 में मिला था साहित्य अकादमी सम्मान

हिंदी के आलोचक,कवि,चिंतक और सौन्दर्य शास्त्री डॉ रमेश कुंतल मेघ का आज यानी शुक्रवार को निधन हो गया है. डॉ रमेश कुंतल मेघ ने आज 1 सितम्बर 2023 की सुबह अंतिम सांस ली .

हिंदी के आलोचक, कवि, चिंतक और सौन्दर्य शास्त्री डॉ रमेश कुंतल मेघ का आज यानी शुक्रवार को निधन हो गया है. डॉ रमेश कुंतल मेघ ने आज 1 सितम्बर 2023 की सुबह अंतिम सांस ली. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने अपना शरीर भी दान कर दिया है. उनके निधन पर पूरी साहित्य जगत उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दे रहा है. गौरतलब है कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में साहित्यिक सृजन करने वाले कुंतल को साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था. हिंदी में साल 2017 के लिए रमेश कुंतल मेघ को विश्व मिथक सरित सागर के लिए यह सम्मान मिला था.

डॉ रमेश कुंतल मेघ की रचनाएं

  • मिथक और स्वप्न

  • कामायनी की मनस्सौंदर्य सामाजिक भूमिका

  • तुलसी: आधुनिक वातायन से

  • आधुनिकता बोध और आधुनिकीकरण

  • मध्ययुगीन रस दर्शन और समकालीन सौन्दर्य बोध

  • क्योंकि समय एक शब्द है

  • कला शास्त्र और मध्ययुगीन भाषिकी क्रांतियां

  • सौन्दर्य-मूल्य और मूल्यांकन

  • अथातो सौन्दर्य जिज्ञासा

  • साक्षी है सौन्दर्य प्राश्निक

  • वाग्मी हो लो!

  • मन खंजन किनके?

  • कामायनी पर नई किताब

  • खिड़कियों पर आकाशदीप

(अपडेट जारी है)

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