लखनऊ. प्रदेश के तमाम बुजुर्गों की सेहत की चिंता अब प्रदेश सरकार करेगी. योगी सरकार ने 11 लाख 74 हजार परिवारों के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने का फैसला किया है. यह वे परिवार हैं जिनके सभी सदस्यों की उम्र 60 साल या उससे अधिक है. इन परिवारों के हर सदस्यों को अब आयुष्मान योजना के तहत हर साल पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी. स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है.
प्रदेश में केंद्र सहायतित आयुष्मान योजना के पात्रों की संख्या लगभग 1 करोड़ 18 लाख है. अब केंद्र सरकार ने पूरे देश में करीब 12 करोड़ लाभार्थियों को योजना में और शामिल करने का फैसला किया है. ऐसे में यूपी का कोटा भी बढ़ गया है. अब 13 लाख 64 हजार 594 परिवारों को इसमें और शामिल किया जा सकेगा. बढ़े हुए कोटे को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने का फैसला किया है. ताकि बुढ़ापे में इलाज को लेकर उन्हें किसी पर निर्भर न रहना पड़े.
इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र 11 लाख 74 हजार बुजुर्गों के परिवारों को आयुष्मान योजना में शामिल किए जाने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा था. इस प्रस्ताव को वित्त विभाग के बाद अब राज्य सरकार ने भी मंजूरी दे दी है. इस संबंध में शासन की संयुक्त सचिव रचना गुप्ता की ओर से योजना की मुख्य कार्यपालक अधिकारी संगीता सिंह को पत्र भेजकर इसे अमल में लाने को कहा गया है.
बढ़े हुए कोटे में बाकी बचे 1 लाख 42 हजार 156 परिवारों को भी इस सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का हिस्सा बनाया जाएगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के ऐसे परिवार लिए हैं, जो अभी तक इस योजना का हिस्सा नहीं थे. अब इन लोगों को भी पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी.
बुजुर्गों और पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के 13 लाख 64 हजार 594 अतिरिक्त परिवारों को 5 लाख तक सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा देने पर हर साल 145 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें 87 करोड़ रुपये केंद्रांश और 58 करोड़ रुपये राज्य सरकार को देने होंगे.