Bihar News: बिहार में वाहनों पर काला शीशा लगाने वाले लोगों पर यातायात पुलिस कार्रवाई करेगी. गाड़ी में काला शीशा लगाने पर जुर्माना लगाया जाएगा. काला शीशा लगाने वाले लोगों के खिलाफ अभियान को शुरु कर दिया गया है. पुलिस यातायात नियमों को लेकर सख्त है. काला शीशा लगाने वाले वाहनों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस ने शुक्रवार को अभियान चलाया है. काला शीशा लगाने को लेकर 2500 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है. यह अभियान सात दिन तक चलने वाला है. सीसीटीवी कैमरे की मदद से भी काला शीशा लगाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ इ-चालान किया जायेगा. ट्रैफिक एसपी पूरन झा ने लोगों से अपील की है कि वह अपने वाहनों में काला शीशा नहीं लगाये और यातायात नियमों का पालन करें.
अगस्त माह में एचएचडी डिवाइस और स्मार्ट सिटी में लगे सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से 33,269 वाहनों पर 4.11 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. 31 अगस्त को 644 वाहनों पर आठ लाख का जुर्माना किया गया. इसी प्रकार यातयात नियमों का उल्लंघन पर 31 वाहनों को जब्त किया गया. 33,269 644 वाहनों पर 4.11 करोड़ का जुर्माना लगा है. स्मार्ट सिटी में लगे सीसीटीवी विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि सभी एजेंसी वाहन चालकों को तारीख खत्म होने से पूर्व फोन करेगी. इस निर्णय के बाद कुछ एक एजेंसी ने चालकों को फोन करना शुरू कर दिया है.
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वाहनों में शीशा लगाने के खिलाफ जुर्माना वसूला जा रहा है. सीसीटीवी कैमरों की मदद से लोगों को पकड़ा जा रहा है. पुलिस की ओर से लोगों से अपील की गई है कि गाड़ियों में काला शीशा नहीं लगाए. साथ ही यातायात नियमों का पालन करें. मालूम हो कि कई लोग ऐसे है जो गाड़ी खरीदते ही इसमें काला शीशा चढ़वा लेते है. लोग इसलिए गाड़ियों में काला शीशा लगाते है कि किसी को यह नहीं पता चल सके कि गाड़ी में कौन बैठा है.
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बता दें कि गाड़ियों में काला शीशा लगाना ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार देश का कोई भी शख्स अपनी गाड़ियों के शीशों पर काली फिल्म नहीं लगा सकता है. पुलिस समय- समय पर गाड़ियों में काला शीशा लगाने वाले लोगों पर कार्रवाई करती है और इनपर जुर्माना भी लगाया जाता है. इनका चालान काटा जाता है. फिलहाल, राजधानी पटना में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए है. इसके जरिए नियमों को तोड़ने वाले लोगों पर कार्रवाई करना और भी आसान हो चुका है. बताया जाता है कि काले शीशे का इस्तमाल अपराध की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जाता है. ऐसी गाड़ियों से कई हत्या और अपहरण की घटना को अंजाम दिया गया है. आपराधिक छवि वाले लोग अपनी पहचान को छुपाने के लिए ऐसे वाहनों का प्रयोग करते है. इस कारण ही ऐसे शीशों का प्रयोग करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाती है.
उच्चतम न्यायालय की ओर से साल 2012 में कारों के काले शीशे को लेकर एक फैसला जारी किया था. इसके अनुसार किसी भी कार के फ्रंट और बैक ग्लास में न्यूनतम 70 फीसदी की विजिबिलिटी होना अनिवार्य है.जिसका अर्थ यह है कि कम से कम 70 प्रतिशत बाहरी लाइट कार के अंदर जानी चाहिए. वहीं साइड के शीशों के लिए यह नियम 50 प्रतिशत का है, यानि शीशों से कम से कम 50 % लाइट अंदर जानी चाहिए. दूसरी ओर जो कार के चालक पूरी तरीके से काले शिशे का प्रयोग कर रहे है, उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाती है. कैमरों के कारण राजधानी पटना में ट्रैफिक नियम तोड़कर बच पाना नामुमकिन सा हो गया है. जगह-जगह पर कैमरा ही कैमरा देखने को मिल रहा है. नियम को तोड़ते ही लोगों के फोन की घंटी बज रही है. कई इलाकों में भी कैमरा लगाने के लिए चिन्हित किया गया है. इसके साथ ही पटना ट्रैफिक पुलिस तो एचएचडी मशीन से चालान काटती है.