पटना एम्स के पीजी स्टूडेंट डॉक्टर निलेश कुमार की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद से एम्स अस्पताल का पूरा स्टाफ स्तब्ध है. जानकारी के मुताबिक इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब शुक्रवार को अपनी नाइट शिफ्ट में निलेश नहीं पहुंचा. इसके बाद उसके सहकर्मियों ने जानकारी प्राप्त करने के लिए उसे कॉल व मैसेज किया. लेकिन, उसका भी जवाब नहीं मिला. जिसके बाद कुछ सहकर्मी हॉस्टल में उसके कमरे तक पहुंचे और दरवाजा खटखटाया. बार-बार ऐसे करने पर भी जब निलेश ने जवाब नहीं दिया तो दरवाजा तोड़ा गया. जहां बिस्तर पर निलेश पड़ा हुआ मिला. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.
हरियाणा का रहने वाला था निलेश
मूल रूप से गुरुग्राम जनियावत थाना फारूखाबाद हरियाणा के रहने वाले निलेश कुमार का 2016 में पटना एम्स में मेडिकल की पढ़ाई के लिए चयन हुआ था. यहां से उन्होंने 2021 में अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वर्ष 2022 में निलेश को पटना एम्स के ही एनेस्थीसिया विभाग में पीजी कोर्स में प्रवेश मिल गया. यहां वो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ मेडिकल प्रैक्टिस कर रहे थे.
एम्स पटना पहुंचे डॉक्टर निलेश के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल
शनिवार को एम्स में पीजी के छात्र डाॅक्टर निलेश कुमार की मौत की खबर पा कर उनके पिता और माता एम्स पहुंचे. जवान बेटे का शव देख दोनों दहाड़ मार कर रोने लगे. माता-पिता यह जानना चाह रहे थे कि आखिर उनके बेटे की मृत्यु कैसे हुई. निलेश की मां बार-बार बोल रही थी कि वह कौन थी जो उनके बेटा को जवानी में ही खा गयी. मगर इस बात की जानकारी निलेश के सहपाठी और दोस्त किसी को नहीं थी.
निलेश के कमरे से मिला चार पन्ने का नोट
हॉस्टल में निलेश के कमरे से चार पन्ने का एक नोट भी मिला है जिसमें लिखा था इश्क में धोखा मिला और उस धोखे से वह टूट गया था. सुसाइड नोट में उसने इस बात की चर्चा की है कि जब वह अब उसके साथ नहीं रही तो वह जिंदा रह कर क्या करेगा. वह उसके बिना नहीं रह सकता और अपनी जीवन लीला को समाप्त कर रहा है. उसने मौत को गले लगाने के लिए जहर कर इंजेक्शन अपने आप शरीर में लगा लिया था. कमरे से एफएसएल की टीम ने इंजेक्शन बरामद किया है.
मांसपेशियों में लकवा मारने की वजह से मौत की आशंका
इस घटना के बाद एम्स की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि पुलिस की शुरुआती जानकारी से ऐसा लग रहा है कि यह आत्मघाती मौत मांसपेशियों में लकवा मारने वाले एजेंट के इंजेक्शन के कारण हो सकती है. साथ ही, ऐसा प्रतीत होता है कि यह कदम कुछ व्यक्तिगत समस्याओं के कारण उठाया गया है, जिसका पटना के शिक्षाविदों और प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं है.
कॉल डिटेल्स खंगाल रही पुलिस
थानाध्यक्ष शफीर आलम ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम पीएमसीएच में कराया गया है. डाॅक्टर निलेश के मोबाइल को जांच के दायरा में रखा गया है. कॉल विवरणी के बाद सब कुछ पता चल जायेगा. पुलिस ने छानबीन किया तब उससे चार पन्ने का एक सोसाइड नोट मिला . उसमें लड़की जिक्र था मगर नाम किसी का नहीं था. एक अन्य कागजात में लड़की का नाम पुलिस को हाथ लगा मगर वह स्पष्ट नहीं था.
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छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों की काउंसलिंग के लिए स्थापित किया जाएगा केंद्र
एम्स पटना के निदेशक ने बताया कि मनोवैज्ञानिक परामर्श थेरेपी, व्यवहार थेरेपी और योग थेरेपी पुनर्वास के प्रावधान के साथ छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों की काउंसलिंग के लिए विशेष केंद्र स्थापित किया जायेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन डॉक्टरों और छात्रों को कर्तव्यों का तनाव है, उन्हें सभी सुविधाएं मिल सकें.