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संकल्प यात्रा में सहनी पहुंचे बक्सर, कहा, आपकी ताकत से दिल्ली की कुर्सी हिल रही है

नौ वर्षों से आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पूर्वजों ने पौने दो सौ साल संघर्ष और लड़ाई के बाद ही देश को आजाद करवाया था. हम आज भी अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं और आगे भी करना पड़ेगा.

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख री मुकेश सहनी आज अपनी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के क्रम में बक्सर पहुंचे. बक्सर की धरती को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि इस धरती पर भगवान राम ने कभी ताड़का का वध किया था और उस भगवान राम की नैया निषाद ने पार किया था.सहनी ने लोगों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि पिछले नौ वर्षों से आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पूर्वजों ने पौने दो सौ साल संघर्ष और लड़ाई के बाद ही देश को आजाद करवाया था. आज हमे भी अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष करना होगा. उन्होंने कहा कि अपने संघर्ष की बदौलत हम आरक्षण लेकर रहेंगे. केंद्र की सरकार जब तक हमारी बात नहीं मानेगी हमारा संघर्ष जारी रहेगा.

मुकेश सहनी ने बक्सर में अपनी यात्रा पुराना भोजपुर खेल मैदान से शुरू किया. इसके बाद यह यात्रा मल्हचकिया दुर्गा मंदिर, चौसा हाई स्कूल खेल मैदान होते हुए समहुता शेरशाह के पोखरा पहुंचा. इस दौरान सभी स्थानों पर सहनी के समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने कई सभा भी किया. सभा में लोगों ने उन्होंने कहा कि हक घर में बैठने से नहीं मिलने वाला है. इसके लिए संघर्ष करना होगा. इस संघर्ष में मुझे आपका समर्थन भी चाहिए. सहनी ने कहा कि यह आपकी ताकत का परिणाम है कि पहले निषाद को एक टिकट पाने के लिए वर्षों दौड़ना पड़ता था, लेकिन आज आपके प्यार के कारण दिल्ली की भी कुर्सी हिल रही है.

जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी अपनी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के क्रम में सोमवार को लखीसराय जिला पहुंचे. लखीसराय में सहनी ने कार्यकर्ताओं से कहा निषाद किसी भी चीज का मोहताज नहीं है. निषाद खुद केवट बनकर नैया पार लगा सकता है.आगे उन्होंने कहा कि जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं. सहनी ने आज की यात्रा आगत पंचायत से शुरू हुई. उसके बाद यह यात्रा जमुई रोड , विद्यापीठ चौक होते हुए मैदनी चौकी पहुंची.

गांगा जल देकर हक और अधिकार के लिए संकल्प दिलवाया

सहनी ने इससे पहले अपनी हर सभा में निषाद समाज के लोगों को हाथ में गंगा जल देकर हक और अधिकार के लिए संघर्ष करने के लिए संकल्प दिलवाया. उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मंदिर के नाम पर यहां कुछ नहीं मिलने वाला. उन्होंने आगे कहा कि मंदिर बनाना समाज का काम है सरकार का काम अस्पताल और स्कूल बनाना है. इसेक साथ ही उन्होंने कहा कि जब देश का संविधान एक है , एक प्रधानमंत्री है तो बिहार, यूपी और झारखंड के निषादों से धोखा क्यों ? उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में जब निषादों को आरक्षण है, तो इन राज्यों में क्यों नहीं? सहनी ने कहा कि जब तक आरक्षण नहीं मिलेगा तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा. इसके साथ ही सहनी ने कहा कि जो हमसे दोस्ती करेगा वह यूपी, झारखंड और बिहार में 60 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगा और जो हमसे दुश्मनी करेगा वह यह सीट हारेगा.

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी शनिवार को अपनी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के क्रम में बेतिया में थे.सहनी को यहां पर बड़ी संख्या में लोग सुनने आए थे. सहनी ने अपने समाज के लोगों से आग्रह किया कि अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष करना होगा. आज देश बढ़ रहा लेकिन हम वहीं के वहीं है. गरीब सवर्णो की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें 10 प्रतिशत का आरक्षण दे दिया, हम इसका विरोध नहीं कर रहे. लेकिन प्रधानमंत्री को गरीब निषाद नजर नहीं आ रहे हैं. इसलिए हमें अपने और अपने समाज के लिए संघर्ष करना होगा.

मुकेश सहनी ने अपने समाज के बेहतर भविष्य के लिए और उनको हाथ में गंगाजल देकर ‘अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष’ करने का संकल्प करवाया. सहनी ने बेतिया में अपनी संकल्प यात्रा लौरिया हाई स्कूल मैदान से शुरू कर परसौनी, चौतरवा, बगहा गांधी नगर चौक होते हुए नगर पंचायत वार्ड नंबर 16 तक गए. इस दौरान सहनी ने कई सभा भी किया. वहां उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया गया. सहनी हर जगह अपने समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि निषादों को आरक्षण की लड़ाई वे मजबूती के साथ लड़ने का आग्रह किया.

उन्होंने अपने लोगों को कहा कि अगर निषादों को आरक्षण पहले मिल गया होता तो आज निषाद के बच्चों को नदी में मछली नही मारना पड़ता. आज निषाद का बेटा भी अधिकारी होता. उन्होंने लोगों से कहा कि अपने अधिकार की लड़ाई हमे खुद लड़नी होगी. अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना होगा. आज देश बढ़ रहा लेकिन हम वहीं के वहीं है. सहनी ने कहा कि अगर हमारे पास भी पावर होगा तो हम भी अपना अधिकार ले लेंगे. उन्होंने लोगों को सावधान करते हुए कहा कि दुश्मन चालाक है, इसलिए हमे भी सावधान रहना होगा. दुश्मन को पता है कि निषाद अगर जग गया तो अपने दम पर बिहार में सरकार बना सकता है. उन्होंने कहा कि जो समाज पावर में पहुंच गया, वह समाज कहां से कहां पहुंच गया. सहनी ने कहा कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में निषादों को आरक्षण है लेकिन बिहार, यूपी और झारखंड में निषादों को आरक्षण नहीं है. ऐसा भेदभाव क्यों है.

वीआइपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी इन दिनों निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा को लेकर बिहार के विभिन्न शहरों में भ्रमण कर रहे हैं. रोहतास यात्रा के दौरान सहनी ने लोगों के बेहतर भविष्य के लिए, अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष के लिए लोगों के हाथों में गंगा जल देकर संकल्प भी करवाया. सहनी ने कहा कि हमें निषाद आरक्षण के अलावा कोई शर्त मंजूर नहीं है. हमें भारत का संविधान ने वोट के रूप में वह अधिकार दिया है, जो मुख्यमंत्री भी बनाते हैं और प्रधानमंत्री भी बनाते है. बस, इस अधिकार को और ताकत को पहचानने और समझने की जरूरत है. उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि हमें चावल नहीं अपने बेटों के लिए नौकरी चाहिए ,अपना अधिकार चाहिए.

उन्होंने कहा कि जिस समाज ने संघर्ष कर अपना दल बनाया और उसे बल दिया, उसी बल से उस समाज के समस्याओं का हल भी हुआ. आज समाज की अपनी पार्टी है बस इसे अपनी ताकत देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में निषादों को आरक्षण है लेकिन बिहार, यूपी और झारखंड में निषादों को आरक्षण नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री से सवालिया लहजे में कहा कि क्या हमारी मांग गलत है?

उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि हमें चावल नहीं अपने बेटों के लिए नौकरी चाहिए , अपना अधिकार चाहिए. उन्होंने लोगों को अपने समाज के लिए संघर्ष करने तथा साथ देने की अपील करते हुए कहा कि आज आजादी की लड़ाई की तरह आरक्षण के लिए भी संघर्ष करने की जरूरत है.इसस पहले मुकेश सहनी गुरुवार को अपने निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के क्रम में कैमूर जिला पहुंचे थे. इस दौरान प्रत्येक तय स्थल पर हजारों की भीड़ उनके स्वागत के लिए खड़ी थी.

इस क्रम में सहनी ने लोगों में जोश भरते हुए कहा था कि निषाद समाज अपनी एकता और ताकत के लिए जाना जाता है , आज फिर से अपनी पहचान साबित करने का समय आ गया है, जब अपने दोस्त और दुश्मनों की पहचान की जाए. उन्होंने कहा कि अब यह तय करना है कि जो हमारी सुनेगा उसकी हम सुनेंगे और जो हमारी नहीं सुनेगा, उसकी हम नही सुनेंगे.इस दौरान सहनी ने आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए सभी के हाथों में गंगा जल लेकर पूर्वजों और अपने कुल देवता को साक्षी मानकर संकल्प भी कराया था. आज की यात्रा की शुरुआत रामगढ़ से प्रारंभ हुई, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने हाथ में गंगाजल लेकर अपनी पार्टी के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया. इस दौरान सहनी ने लोगों को संबोधित किया.

इसके बाद यह यात्रा दुर्गावती, हाता, भभुआ होते हुए सवार पहुंचा था. इस सभी स्थलों पर बड़ी संख्या में उत्साहित लोगों का जमावड़ा लगा था और लोगों ने उत्साह के साथ संकल्प लिया. यात्रा में बड़ी संख्या में युवा बाइक और चार पहिया वाहन के साथ शामिल हुए. सहनी ने कहा कि हमे जरूरत है कि अपनी वोट की शक्ति को पहचाने. उन्होंने कहा जिस तरह लोग साथ में संकल्प ले रहे है उससे साफ है कि अब तक जो निषादों का वोट खरीदते थे उन्हे अब भ्रम टूट जाएगा. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि देश का संविधान एक है, जब अन्य राज्यों में निषादों को आरक्षण मिल सकता है तो फिर बिहार, यूपी और झारखंड में क्यों नहीं.

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