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Explainer: भयावह होती जा रही डेंगू की स्थिति, पटना में डेंगू मरीजों की संख्या पहुंची 96, जानें बचने के उपाय

Bihar News: बिहार में डेंगू की रफ्तार तेजी से बढ़ती जा रही है. पटना में संक्रमितों की संख्या 96 पहुंच चुकी है. डेंगू के बढ़ते मरीजों की संख्या ने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है. दूसरी ओर इस स्थिति में स्वास्थ्य विभाग भी असर्ट मोड पर है.

Bihar News: बिहार में डेंगू की स्थिति भयावह होती जा रही है. मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. राजधानी पटना में मरीजों की संख्या 96 तक पहुंच चुकी है. राजधानी के अलग- अलग इलाकों में डेंगू का डंक लगातार जारी है. रविवार को डेंगू के छह नए मरीज मिले है. इसके साथ ही जिले में मरीजों की संख्या 96 हो चुकी है. जिन इलाकों में डेंगू के मरीज मिले हैं उसमें अजीमाबाद, बांकीपुर, नूतन राजधानी और दानापुर शामिल हैं. डीएमओ डॉ. सुभाष प्रसाद ने कहा कि जिस इलाके में मरीज मिल रहे हैं, वहां फॉगिंग और दवा का छिड़काव कराया जा रहा है. मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेगू से बचने के लगातार प्रयास किए जा रहे है. वहीं, बारिश के बाद कई इलाकों में जलजमाव की समस्या खड़ी हुई है. इसमें मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है.

छिड़काव को लेकर आदेश जारी..

मुजफ्फरपुर जिले के एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में बुखार लगे बच्चों की डेंगू जांच करायी जा रही है. पिछले एक सप्ताह में 42 सैंपल डेंगू को लेकर जांच के लिए भेजे गये हैं. इनमें एक भी बच्चे में डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है. बाकी सभी सैंपल निगेटिव मिले हैं. शनिवार को भी चार सैंपल भेजे गये थे. इधर, बुखार प्रभावित इलाकों में चलाये गये विशेष अभियान के बाद डेंगू का डंक कमजोर हुआ है. वायरल फीवर के मरीज भी लगातार बढ़ रहे हैं. एसकेएमसीएच में ज्यादा मरीज भर्ती हैं. पहले से बुखार प्रभावित इलाकों के साथ नये क्षेत्रों से अब मरीज आने लगे हैं. मेडिकल कॉलेज में सुबह से ही मरीजों की भीड़ लगी रहती है. नये इलाकों में भी डेंगू दस्तक दे चुका है. एक में डेंगू की पुष्टि हुई है. इसके बाद मालीघाट इलाके में छिड़काव कराने का निर्देश दिया गया है. सोमवार को मरीजों के रक्त सैंपल लिये जायेंगे.

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भागलपुर में डेंगू के सात नये मरीज मिले

भागलपुर मायागंज अस्पताल में रविवार को जांच के दौरान सात डेंगू के मरीज मिले. वहीं, ठीक होने पर अस्पताल में भर्ती छह डेंगू के मरीजों को डिस्चार्ज किया गया. हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि रविवार को अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती छह मरीज डिस्चार्ज हो गये. वहीं, जांच में डेंगू पॉजिटिव मिले शहर के जवारीपुर निवासी 28 साल का युवक, इशाकचक निवासी 40 साल का युवक, तिलकामांझी निवासी 12 साल की बच्ची, कोतवाली निवासी 12 साल का बच्चा, भीखनपुर निवासी 30 साल का युवक, पीरपैंती निवासी 20 साल के युवक और शाहकुंड निवासी 28 साल के युवक को डेंगू वार्ड में भर्ती करके इलाज शुरू किया गया है. वहीं, डेंगू वार्ड में कुल इलाजरत मरीजों की संख्या बढ़कर 24 पर पहुंच गयी है.

मच्छरों के प्रकोप में हुई बढ़ोतरी

शिवहर शहर में इन दिनों मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है. इसका कारण मानसूनी बारिश के बाद जगह- जगह जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. साथ ही कहीं नालों से बाहर सड़क पर पानी बह रहा है, तो कहीं कचरे का अंबार लगा है. वहीं, दूसरी ओर जगदीश नंदन सिंह पथ में पिछले कई वर्षों से जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क पर जल जमाव और गंदगी की वजह से जलजनित बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ गई है. ऐसी ही स्थिति रहा तो मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू, टाइफाइड व दस्त आदि बीमारियां होने का भय लोगों में बना हुआ है. हालांकि, नगर के सफाई कर्मियों एवं एनजीओ को शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई के साथ फॉगिंग एवं ब्लीचिंग पाउडरों के छिड़काव कराने का निर्देश दिया है. लेकिन संबंधित एनजीओ व सफाई कर्मियों की लापरवाही की वजह से साफ-सफाई की व्यवस्था बदतर नजर आ रही है.

डेंगू के लक्षण और बचने के ऊपाय..

मसल्स और ज्वॉइंट्स में पेन, सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, चक्कर आना, उल्टी जैसा महसूस होना आदि डेंगू के लक्षण है. इसके अलावा इससे बचने के लिए घरों के आसपास पानी नहीं जमा होने दें. भरे हुए पानी को तुरंत निकाल दें और साफ सफाई का खास तौर पर ख्याल रखें. कूलर में जमे पानी में मच्छरों के पैदा होने की आशंका अधिक होती है. इसलिए इसमें बचाव के लिए केरोसिन डाला जा सकता है. पानी की टंकियों को खुला नहीं छोड़े. इसे ढक कर रखना अच्छा होता है. फुल स्लीव के कपड़े पहने और डेंगू के लक्षण सामने आने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.

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वहीं शाम चार बजे के बाद जल जमाव वाले वार्डों व गली- मुहल्ले में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है. जिसके कारण आम लोगों को काफी परेशानी होती है. साथ ही जल जमाव वाले इलाकों में आसपास के घरों में मच्छर न तो लोगों को शांति से बैठने दे रहा है और ना ही घर में कोई काम करने दे रहा है. बच्चों को पठन पाठन भी नहीं हो पाती है. मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को लेकर लोगों में मच्छर जनित रोगों की आशंका को लेकर चिंता बनी हुई है. खासकर डेंगू और मलेरिया व चिकनगुनिया को लेकर लोग भयभीत हैं.

डायरिया के प्रकोप ने लोगों को किया परेशान

रहटा पंचायत के कोहबारा गांव में डेंगू के अलावा डायरिया ने पांव पसार दिया है. पंचायत के वार्ड – 1 स्थित कोहबारा भीता टोला में डायरिया से अब तक एक ही परिवार के डेढ़ वर्ष के बच्चे समेत तीन व एक अन्य कुल चार लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, गांव में दर्जनों लोग बीमार हैं. ग्रामीणों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह से इस गांव में डायरिया का प्रकोप जारी है. गांव के दर्जनों लोग डायरिया से पीड़ित हो चुके हैं. चार मौतों के बाद लोग काफी भयभीत हैं. सभी डायरिया पीड़ितों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कुमारखंड में कराया गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेडिकल शिविर लगाकर अन्य पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है. बताया जाता है कि एक सप्ताह में डायरिया से एक डेढ़ वर्ष के रौशन कुमार समेत उसी परिवार के स्व रघु यादव की पत्नी रीता देवी (50), पुत्र दिलीप कुमार एवं एक अन्य मुनिलाल यादव के पुत्र बिहारी यादव (55) की मौत हो गयी है. उन्होंने बताया कि इसके अलावे एक अन्य परिवार के डोमी यादव, पुत्र मन्नु कुमार, सीमा देवी, देवराज कुमार एवं तीन वर्षीय रौशन यादव की स्थिति गंभीर देख सभी को सदर अस्प्ताल, मधेपुरा भेजा गया है. तीन दिनों से चल रहे चिकित्सा शिविर में डोमी यादव की पत्नी सुलेखा देवी को स्लाइन चढ़ाया जा रहा है.

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ग्रामीणों को डायरिया फैलने का कारण समझ में नहीं आ रहा है. गांव में डायरिया फैलने की खबर सुनकर शुक्रवार को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मेडिकल टीम को गांव भेजा गया. टीम के सदस्य पीड़ितों के इलाज में जुट गये. मेडिकल टीम में आरबीएसके के चिकित्सक डा इम्तियाज आलम, परिचारी एएनएम अनीता कुमार, प्रियंका कुमारी, आशा कार्यकर्ता अनीता कुमारी, परिचारी रामबहादुर मंडल शामिल थे. इन लोगों ने इलाज के साथ ग्रामीणों को साफ-सफाई रखने व सावधानी बरतने को कहा.

मेडिकल टीम ने डायरिया पीड़ित सुलोचन देवी, चंदेश्वरी यादव, रामनाथ यादव, शिव कुमार यादव, राहुल कुमार, संजन कुमारी का उनके घर पर ही इलाज किया जा रहा है. सबों को डायरिया के कारण, लक्षण व बचाव के प्रति जागरूक भी किया गया. टीम के सदस्यों ने गांव में डोर टू डोर सर्वे भी किया. इस दौरान डायरिया के हल्के लक्षण वाले प्रीति कुमारी, विश्वनाथ तदव, निरंजन कुमार, मीरा देवी समेत करीब दो दर्जन ग्रामीणों को मेट्रोनिडाजोल, ओफलोकसासिन टैबलेट के साथ ओआरएस का पैकेट भी दिया गया. मेडिकल टीम ने ग्रामीणों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा गया. साथ ही पूरे गांव में ब्लीचिंग का छिड़काव भी किया गया. मौके पर सरपंच प्रदीप कुमार यादव, मृत्युंजय कुमार उर्फ ललटू यादव, अखिलेश यादव, ललन कुमार, करूण कुमार, विकाश शर्मा, जयकुमार यादव, पूर्व सरपंच हरिकिशोर यादव पीड़ितों की सेवा में जुटे हैं.

वायरल फीवर से दर्जनों लोग पीड़ित

भागलपुर में वायरल फीवर से दर्जनों लोग पीड़ित है. अस्पताल में नौ मरीज भर्ती है. प्रखंड क्षेत्र में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या इन दिनों सरकारी व निजी अस्पतालों में बढ़ गयी है. पिछले कई दिनों से प्रखंड के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में वायरल बुखार का प्रकोप है. बारिश के बाद तेज धूप और उमस भरी गर्मी से लोग बीमार हो रहे हैं. कहलगांव अनुमंडल अस्पताल में प्रतिदिन करीब आधा दर्जन लोग वायरल फीवर से पीड़ित पहुंच रहे हैं. रविवार को वायरल फीवर से पीड़ित नौ लोगों को भर्ती कराया गया, जिसमें बाबू देवी, रेखा कुमारी, माला देवी, आदित्य कुमार, रवीता देवी, गायत्री देवी, सोनिया देवी, रवींद्र कुमार और सृष्टि कुमारी शामिल है.

निजी क्लिनिकों में भी मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है. यह बुखार बच्चे, जवान व बुजुर्गो को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है. बुखार के उतरने के बाद भी लोग परेशान रहते हैं. बुखार की चपेट में आने वाले रोगियों को सर्दी, खांसी व गले में तेज दर्द व कमजोरी आ जाती है. वायरल बुखार के साथ सिरदर्द, बदन दर्द, सांस और पेट संबंधित बीमारी से भी परेशान मरीज इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पहुंच रहे हैं. अनुमंडल अस्पताल के डॉ संजय सिंह ने बताया कि वायरल संक्रमण एक आदमी से दूसरे आदमी में जाने में मिनट भी नहीं लगता है. इसे छुआछूत की बीमारी भी कह सकते हैं. वायरल फीवर तीन से चार दिन में ठीक हो जाता है. वायरल फीवर से बचने के लिए भीड़भाड़ वाली जगह पर न जाए, समय समय पर अपने हाथ साबुन से धोए, मास्क का इस्तेमाल करे, खान पान पर ध्यान दें.

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