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सरयू एक्सप्रेस में खून से लथपथ महिला कांस्टेबल के मामले में 13 सितंबर को सुनवाई, एसटीएफ भी करेगी जांच में मदद

इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रकरण को स्वत: संज्ञान लेने के बाद सोमवार को पुलिस की ओर से पूरी जानकारी दी गई. इसमें जीआरपी की पुलिस अधीक्षक पूजा यादव की ओर से बताया गया कि मेडिकल जांच और एफएसएल रिपोर्ट में महिला हेड कांस्टेबल के साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि नहीं हुई है.

Lucknow: अयोध्या जा रही सरयू एक्सप्रेस में महिला हेड कांस्टेबल के साथ बर्बरता मामले में हाईकोर्ट ने अभी तक की जांच से संतुष्टि जताई है. इस मामले को हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था, जिसके बाद सोमवार को पुलिस की ओर से अभी तक की जांच के बारे में बताया गया. कोर्ट इससे संतुष्ट नजर आया. वहीं मामले में अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी.

इससे पहले मामले में सीजे के व्हाट्सएप पर पत्र याचिका मिलने के बाद रात को अदालत लगाई गई. कोर्ट ने रेलवे और अयोध्या जिले के पुलिस अधिकारियों को सोमवार को पूरी जानकारी के साथ मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की अदालत में तलब किया.

कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता एके संड से इस संबंध में जानकारी के साथ मौजूद रहने को कहा. हाईकोर्ट ने सोमवार को घटना की पूरी जानकारी ली. इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रकरण को स्वत: संज्ञान लेने के बाद सोमवार को पुलिस की ओर से पूरी जानकारी दी गई. इसमें जीआरपी की पुलिस अधीक्षक पूजा यादव की ओर से बताया गया कि मेडिकल जांच और एफएसएल रिपोर्ट में महिला हेड कांस्टेबल के साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि नहीं हुई है.

हर महत्वपूर्ण बिंदु पर जांच पड़ताल की जा रही है. पांच टीमें मामले की जांच कर रही हैं. इसमें सीओ और डिप्टी एसपी रैंक के ऑफिसर शामिल हैं. कोर्ट ने घायल सिपाही की स्थिति भी जानी. एसपी ने बताया कि केजीएमयू में सिपाही का उपचार चल रहा है. कोर्ट ने मजिस्ट्रेट को महिला के पास जाकर बयान लेने के लिए कहा है. रेलवे को जांच में सहयोग करने के लिए कहा है. इसके साथ ही सुनवाई की तिथि 13 सितंबर तय की है.

इस बीच सरयू एक्सप्रेस में मुख्य महिला आरक्षी पर हुए हमले की जांच में यूपी एसटीएफ भी सहयोग करेगी. हाईकोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए यह निर्णय किया गया है. यूपी डीजीपी विजय कुमार ने भी सोमवार को ट्रॉमा सेंटर जाकर महिला आरक्षी का हालचाल लिया.

वहीं महिला हेड कांस्टेबल के भाई ने भी मीडिया में आ रही उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें दुष्कर्म की बात कही जा रही है. भाई ने अपने बयान में कहा कि उसकी बहन के साथ कोई दुष्कर्म संबंधी घटना नहीं हुई थी. मीडिया चैनल व सोशल मीडिया पर लोग इस तरह खबरें चलाकर उनके परिवार की छवि धूमिल कर रहे है. बहन का लखनऊ ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है, जहां हो रहे इलाज से उसकी बहन की पहले से स्थिति ठीक है. पुलिस विभाग भी परिवार का सहयोग कर रहा है.

चीफ जस्टिस ने रात में लगाई अदालत

इससे पहले सरयू एक्सप्रेस में खून से लथपथ मिली महिला कांस्टेबल के मामले में रात आठ बजे मुख्य न्यायाधीश के आवास पर अदालत लगाई गई. बताया जा रहा है कि इससे पहले दोपहर करीब सवा तीन बजे इस मामले से जुड़ा एक संदेश मुख्य न्यायधीश प्रीतिंकर दिवाकर के व्हाट्सएप पर आया. मुख्य न्यायाधीश ने मामले का संज्ञान लेते हुए रात आठ बजे अपने आवास पर अदालत लगाने का फरमान जारी कर दिया. अदालत बैठने की सूचना महाधिवक्ता को दी गई. तय समय पर रात आठ बजे सीजे आवास पर हाईकोर्ट का स्टॉफ, सरकारी वकील और याची अधिवक्ता पेश हुए.

मुख्य न्यायधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई शुरू की. याची अधिवक्ता राम कौशिक ने मीडिया और सोशल रिपोर्ट का हवाला देते मामले की गंभीरता पर प्रकाश डाला. उन्होंने अदालत से गुजारिश की कि अदालत इस मामले का स्वत संज्ञान ले. हाईकोर्ट में राज्य सरकार के शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड ने बताया कि इस मामले को लेकर अधिवक्ता राम कौशिक ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र याचिका प्रेषित की थी. कोर्ट ने पत्र याचिका का संज्ञान लिया है. इसके बाद रेलवे और अयोध्या के पुलिस अधिकारियों को पूरी जानकारी के साथ बुलाया.

खून से लथपथ हालत में ट्रेन की बोगी में मिली

सरयू एक्सप्रेस में बीते दिनों एक महिला कांस्टेबल गंभीर हालत घायल मिली. उसके चेहरे पर धारदार हथियार से कटने के निशान थे. खून से लथपथ सिपाही वर्दी पहने थी. लेकिन, शरीर के नीचे के हिस्से पर कपड़े नहीं थे.

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लखनऊ में केजीएमयू ट्रामा सेंटर में चल रहा इलाज

महिला कांस्टेबल को बेहोशी की हालत में अयोध्या के दर्शन नगर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. जहां से उसे बेहतर इलाज के लिये केजीएमयू लखनऊ भेज दिया गया. जानकारी मिलने पर उसके परिजन भी पहुंचे. महिला कांस्टेबल का केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में इलाज जारी है और उसकी हालत स्थिर है. लेकिन, वह बयान देने की स्थिति में नहीं है.

सुलतानपुर में है तैनाती, अयोध्या में थी मेला ड्यूटी

बताया जा रहा है कि महिला कांस्टेबल सुलतानपुर में तैनात है. वह 1998 बैच की कांस्टेबल है. उसकी अयोध्या मेला ड्यूटी लगायी गयी थी. इसके लिए वह सुलतानपुर से अयोध्या आ रही थी. बुधवार सुबह 4.30 बजे ट्रेन के अंदर वह गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिली. लेकिन, वह अयोध्या से आगे गोंडा के मनकापुर तक कैसे पहुंच गई, इसकी जानकारी नहीं हो सकी है. सिपाही के सिर पर भी धारदार हथियार के घाव मिले हैं.

चलती ट्रेन में हुआ हादसा!

सिपाही के साथ वारदात की सूचना के बाद एसपी रेलवे पूजा यादव भी अयोध्या पहुंची थी. उन्होंने कहा कि मनकापुर में जीआरपी पुलिस ने ट्रेन में महिला कांस्टेबल से पूछताछ की थी, तब तक वह ठीक थी. उसने बताया था कि नींद आने पर पर सो गई थी. सुबह इसी ट्रेन से वह वापस अयोध्या ड्यूटी करने पहुंच जाएगी. जिस सरयू एक्सप्रेस में वह घायल मिली व मनकापुर से चलकर सीधे अयोध्या रेलवे स्टेशन पर रुकती है. इसलिये आशंका व्यक्त की जा रही है कि महिला सिपाही के साथ हादसा चलती ट्रेन में हुआ है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि यात्रियों से भरी ट्रेन में ये कैसे संभव है.

जीआरपी स्कॉर्ट एक कोच में बैठने को मजबूर

खास बात है कि ट्रेन में जीआरपी स्कॉर्ट था, इसके बावजूद उसे इतनी बड़ी घटना की भनक तक नहीं लगी. मामले में जीआरपी अयोध्या कैंट प्रभारी पप्पू यादव का कहना है कि सरयू एक्सप्रेस मनकापुर से चलकर अयोध्या में ही रुकती है. ट्रेन के डिब्बे सिंगल हैं. वह आपस में जुड़े नहीं रहते हैं. ऐसे में स्कॉर्ट जिस डिब्बे में सवार होता है, उसी में रह जाता है. जब ट्रेन किसी स्टेशन पर रुकती है, तब वह डिब्बा बदलते हैं.

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