एशिया कप देखने के लिए पीसीबी (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड) के निमंत्रण का सम्मान करते हुए भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी और कांग्रेस नेता और बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला सोमवार को अटारी-वाघा बॉर्डर पार करने के बाद लाहौर पहुंचे.
अनुभवी राजनीतिज्ञ शुक्ला ने जहां लोगों से क्रिकेट को राजनीति से नहीं जोड़ने का आग्रह किया वहीं बीसीसीआई अधिकारियों के आगमन से खुश पीसीबी के अध्यक्ष जका अशरफ ने उम्मीद जताई कि भारतीय बोर्ड द्वारा निमंत्रण स्वीकार किए जाने के बाद दोनों क्रिकेट बोर्ड के संबंधों में सुधार होगा.
वह पीसीबी प्रबंध समिति के प्रमुख अशरफ थे जिन्होंने वाघा बॉर्डर पर बीसीसीआई अधिकारियों का स्वागत किया और फिर उन्हें लाहौर में गद्दाफी स्टेडियम ले गए. बीसीसीआई के दोनों अधिकारी मंगलवार और बुधवार को एशिया कप सुपर चार के मैचों को देखेंगे.
भारतीय टीम ने पिछली बार 2008 में एशिया कप के लिए पाकिस्तान की यात्रा की थी. पाकिस्तान ने आखिरी बार 2006 में द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए भारत की मेजबानी की थी. बीसीसीआई ने एशिया कप के लिए अपनी टीम पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण इसका आयोजन ‘हाइब्रिड मॉडल’ में दो देशों (पाकिस्तान और श्रीलंका) में हो रहा है.
बीसीसीआई ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर द्वारा आयोजित रात्रिभोज में बिन्नी और शुक्ला की भागीदारी को मंजूरी दे दी. शुक्ला ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, ‘पाकिस्तान एशिया कप का मेजबान है. इस प्रतिनिधिमंडल का दौरा पूरी तरह से क्रिकेट से जुड़ा है और इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं है. यह दो दिवसीय यात्रा है और पंजाब (पाकिस्तान) के गवर्नर रात्रिभोज के लिए हमारी मेजबानी कर रहे हैं. इस मौके पर वहां बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान तीनों टीमें मौजूद रहेंगी. हमें क्रिकेट को राजनीति के साथ नहीं जोड़ना चाहिए.’
पिछले दो दशक से बीसीसीआई से जुड़े शुक्ला 2004 में ऐतिहासिक ‘फ्रेंडशिप सीरीज’ के लिए बीसीसीआई प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. द्विपक्षीय क्रिकेट प्रतियोगिताओं को फिर से शुरू करने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर इस राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘द्विपक्षीय श्रृंखला के संबंध में निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाता है और सरकार जो भी सुझाव देगी हम उसका पालन करेंगे.’
पीसीबी प्रमुख अशरफ ने तुरंत ही संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें बिन्नी और शुक्ला भी उनके साथ बैठे थे. अशरफ ने कहा, ‘मैं हमारा आमंत्रण स्वीकार करने के लिए बिन्नी और शुक्ला का तहेदिल से आभार व्यक्त करता हूं. हमने उन्हें आमंत्रित किया और उन्होंने उसे स्वीकार किया. अगर वे हमें अपने देश में आमंत्रित करेंगे तो हम भी उसे गर्मजोशी के साथ स्वीकार करेंगे. इंशाल्लाह हम एक साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे.’
बिन्नी ने इस दौरान अपनी पिछली पाकिस्तान यात्रा को याद किया. वह एशियाई क्रिकेट परिषद के सदस्य के तौर पर 16 साल पहले इस देश में आये थे. बिन्नी ने कहा, ‘पाकिस्तान की मेरी आखिरी यात्रा 2006 में हुई थी जब मैं एशियाई क्रिकेट परिषद का हिस्सा था. पाकिस्तान का आतिथ्य बहुत अच्छा रहता है. हमारे साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया गया.’