जन्माष्टमी का दिन भगवान कृष्ण के जन्मदिन का प्रतीक है और इस दिन भक्त 24 घंटे का उपवास रखते हैं और फिर आधी रात को भगवान कृष्ण की पूजा करने के बाद, भगवान के लिए तैयार किए गए छप्पन भोग (56 व्यंजन) के साथ उपवास तोड़ते हैं. इसमें मुख्य रूप से पंजीरी, मखाना पाग, चरणामृत, माखन मिश्री, तुलसी के पत्ते और गोपालकला शामिल हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जन्माष्टमी भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है. इस वर्ष, जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाई जाएगी, और पूजा का मुहूर्त 6 सितंबर को सुबह 12.04 बजे से 12.48 बजे तक है. यहां कुछ नियम दिए गए हैं जिनका पालन आप सुख और समृद्धि लाने के साथ-साथ अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उपवास के दौरान भी कर सकते हैं.
क्या करें:
ताजा फल खाएं
विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए ताजे फल या सूखे मेवे भी खाने की सलाह दी जाती है. सेब, ब्लैकबेरी, केला, अंगूर, अखरोट, बादाम और खजूर जैसे फलों का सेवन किया जा सकता है, जो आपको सक्रिय रखेंगे और इम्यूनिटी भी बढ़ाएंगे.
अन्न दान करें
इस दिन अन्न और जल का दान करना पुण्य कार्य माना जाता है और जब आप व्रत रख रहे हों तो आपको सलाह दी जाती है कि आप जरूरतमंदों को भोजन दान करें. ऐसा माना जाता है कि दान करने से सुख-समृद्धि आती है. इसके अलावा, जन्माष्टमी व्रत के दौरान, गायों को खाना खिलाना पुण्य माना जाता है, क्योंकि गायें भगवान कृष्ण के बहुत करीब हैं.
दूध और दही का सेवन करें
दूध और दही के बिना यह त्योहार अधूरा है. उपवास के दौरान, आप ताजे फलों से बने शेक का आनंद ले सकते हैं, या आप दही और सेंधा नमक से बनी मीठी लस्सी या नमकीन लस्सी पी सकते हैं.
स्वादिष्ट नाश्ता
कई क्षेत्रों में, लोग जन्माष्टमी पर निर्जला व्रत रखते हैं, जबकि अन्य लोग व्रत का खाना खाते हैं. यदि आप व्रत का खाना खाते हैं तो आप शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए साबूदाना पापड़, साबूदाना खिचड़ी, कुट्टू पराठा, या देसी घी में पकाए गए सामक चावल और सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं.
क्या न करें:
मांस और अंडे से परहेज करें
व्रत रखते समय मांस और मांसाहारी भोजन का सेवन सख्त वर्जित होता है.
प्याज और लहसुन से परहेज करें
इस दिन लोग प्याज और लहसुन खाने और पकाने से परहेज करते हैं. इसके अलावा, जन्माष्टमी उत्सव के लिए तैयार की जाने वाली दावत या भोग में प्याज या लहसुन का उपयोग नहीं किया जाता है.
चाय या कॉफ़ी से परहेज़ करें
विशेषज्ञों के अनुसार, किसी को चाय और कॉफी का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये एसिडिटी पैदा करते हैं और उपवास के दौरान बेचैनी, भारीपन और सिरदर्द का कारण बन सकते हैं.
शराब से बचें
इस दिन लोग शराब, तंबाकू और सिगरेट का सेवन करने से भी बचते हैं.
तैलीय भोजन से बचें
आंत को स्वस्थ रखने और आलस्य से बचने के लिए तैलीय खाद्य पदार्थों से परहेज करने का भी सुझाव दिया जाता है.