नई दिल्ली : भारत में ऑनलाइन फूड डिलिवर करने वाली कंपनी स्विगी ने एक बड़ा करार किया है. देश में पॉल्यूशन को कम करने और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ाने के लिए स्विगी ने सन मोबिलिटी के साथ हाथ मिलाया है. ऑनलाइन ऑर्डर लेकर खाना पहुंचाने वाले मंच स्विगी ने मंगलवार को कहा कि उसने सन मोबिलिटी के साथ एक समझौता किया है. इसके तहत अगले 12 महीनों में सन मोबिलिटी स्विगी को 15,000 से अधिक ई-बाइक बेड़े को चार्जिंग की सुविधा देगी. एक बयान के मुताबिक इस पहल से स्विगी हर साल 20,000 टन कार्बन उत्सर्जन को कम कर सकेगी.
अदला-बदली की सुविधा
बयान में आगे कहा गया कि इस साझेदारी के जरिये स्विगी के ई-बाइक बेड़े को सन मोबिलिटी की अत्याधुनिक बैटरी अदला-बदली तकनीक और बैटरी अदला-बदली स्टेशनों की सुविधा मिलेगी. कंपनी ने कहा कि इससे उन्हें वाहन चलाने की लागत में 40 प्रतिशत तक की बचत होगी, जिसका उनकी कमाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. यह कदम स्विगी के 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के जरिये प्रतिदिन आठ लाख किलोमीटर की दूरी तय करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है.
कंपनी लाएगी आईपीओ
शेयर बाजार में लिस्ट होने के लिए आईपीओ की तैयारियां शुरू कर दी हैं. खबर है कि जल्द ही कंपनी अपना आईपीओ ला सकती है. इसके कयास तो तभी लगने लगे थे, जब स्विगी के सीईओ श्रीहर्ष मजेटी मई महीने के दौरान कहा था कि अब स्विगी के फूड डिलीवरी बिजनेस ने मुनाफा कमाना शुरू कर दिया है. 9 सालों में ये पहली बार था जब कंपनी से मुनाफे की कोई खबर आई थी, क्योंकि 2021-22 में कंपनी का घाटा करीब 3,629 करोड़ रुपये था.
आईपीओ की तैयारियां शुरू
न्यूज एजेंसी रायटर्स को सूत्रों से पता चला है कि स्विगी ने आईपीओ लाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. कपंनी साल 2024 में शेयर बाजार में लिस्ट होने पर फोकस कर रही है. यहां बता दें कि स्विगी की राइवल कंपनी जोमैटे पहले से ही शेयर बाजार में लिस्टेड है. इस वजह से भी स्विगी ने शेयर बाजार में लिस्ट होने की तैयारियों को जोर देना शुरू कर दिया है.
आठ बैंकों से कर रही बात
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी आईपीओ लाने के लिए अपने वैल्यूएशन के लिए भारत के करीब आठ बैंकों से बात कर रही है. ध्यान देने वाली बात ये है कि स्विगी ने साल 2022 में आखिरी बार मार्केट से फंड जुटाया था. उस समय कंपनी का वैल्यूएशन 10.7 अरब डॉलर था. मगर मार्केट के बुरे हालात और बाकी खस्ताहाल होते भारतीय स्टार्टअप को देखते हुए कंपनी ने अपने आईपीओ के प्लान को कुछ दिन के लिए टाल दिया था, लेकिन अब एक बार फिर स्विगी के आईपीओ को लेकर सुगबुगाहट बढ़ गई है.
2014 में स्थापित हुई थी स्विगी
स्विगी भारत की सबसे बड़ी और सबसे मूल्यवान ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने और डिलीवरी प्लेटफॉर्म है. यह 2014 में स्थापित किया गया था और इसका मुख्यालय बैंगलुरु में है. स्विगी 100 भारतीय शहरों में काम कर रहा है. स्विगी ने 2019 की शुरुआत में सामान्य उत्पाद डिलीवरी में विस्तार किया. स्विगी इंस्टामार्ट नामक एक त्वरित किराने की डिलीवरी सेवा है, जो 15-30 मिनट में आपके दरवाजे पर खाने का सामान पहुंचाती है. स्विगी के सीईओ श्रीहरि माजेटी हैं. कंपनी में 8,000 से अधिक कर्मचारी हैं.
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स्विगी से खाना मंगाना हो गया महंगा
स्विगी से खाने-पीने का सामान मंगाना अप्रैल 2023 से महंगा हो गया है. दरअसल, ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने कार्ट वैल्यू के बावजूद सभी यूजर्स से प्रति फूड ऑर्डर के लिए 2 रुपये का प्लेटफॉर्म शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है. कंपनी ने बताया कि केवल मुख्य प्लेटफॉर्म पर फूड ऑर्डर पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जा रहा है और यह इंस्टामार्ट यूजर्स पर लागू नहीं होता है. स्विगी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, प्लेटफॉर्म शुल्क भोजन के ऑर्डर पर लिया जाने वाला एक मामूली फ्लैट शुल्क है. यह शुल्क हमें अपने प्लेटफॉर्म को संचालित करने और बेहतर बनाने में मदद करता है और सहज ऐप अनुभव प्रदान करने के लिए ऐप सुविधाओं को बढ़ाता है.