राज्य में शराब से प्राप्त होनेवाले राजस्व में पिछले चार माह में लगभग 50 करोड़ की कमी आयी है. इस वर्ष एक मई से नयी व्यवस्था के तहत खुदरा शराब की बिक्री की जा रही है. एक मई से नयी एजेंसी को खुदरा शराब बेचने की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया था. सरकार ने खुदरा शराब बेचने के लिए प्लेसमेंट एजेंसी का चयन होने तक जेएसबीसीएल को खुदरा शराब बेचने की जिम्मेदारी दी. मई में पांच जिलों में खुदरा शराब बेचने के लिए प्लेसमेंट एजेंसी का चयन हो सका था, 19 जिलों में जेएसबीसीएल द्वारा खुदरा शराब की बिक्री की गयी, तो सरकार को 200 करोड़ का राजस्व मिला.
अगस्त तक 16 जिलों में शराब बेचने की जिम्मेदारी प्लेसमेंट एजेंसी को मिल गयी थी. अब अगस्त में राजस्व लगभग 149 करोड़ पहुंच गया. ऐसा नहीं है कि अगस्त में ही राजस्व में कमी आयी है. मई के बाद से प्रति माह राजस्व में कमी आती गयी है. वैसे विभाग का कहना है कि जुलाई व अगस्त में सावन के कारण शराब की बिक्री कम हुई. इस दौरान राजस्व का लक्ष्य भी कम रखा जाता है.
इस वर्ष अप्रैल से अगस्त तक शराब से प्राप्त राजस्व को देखें, तो अप्रैल में शराब बेचने के लिए चयनित प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा खुदरा शराब की बिक्री की गयी थी. अप्रैल में 167 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था. इसके बाद मई से नयी व्यवस्था के तहत झारखंड राज्य विबरेजेज कॉरपोरेंशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) द्वारा शराब बिक्री की गयी, तो 200 करोड़ का राजस्व मिला. मई में पांच जिले में ही प्लेसमेंट एजेंसी को खुदरा शराब बेचने की जिम्मेदारी थी. जून में और जिलों के लिए एजेंसी का चयन हुआ, तो 197 करोड़ का राजस्व मिला.
जुलाई में राजस्व 160 करोड़ व अगस्त में राजस्व 149 करोड़ हो गया. अगस्त तक 16 जिलों में प्लेसमेंट एजेंसी को शराब बेचने की जिम्मेदारी मिल चुकी थी. जिन जिलों के लिए प्लेसमेंट एजेंसी का चयन नहीं हुआ है, वहां भी इसकी प्रक्रिया इस माह अंत तक पूरी हो जाने की संभावना है.