Bihar News: बिहार के पांच अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने आर्थिक दंड दिया है. बताया जाता है कि विभाग के तत्कालिन अधिकारी विनोद कुमार की ओर से डस्टबीन की खरीद में अनियनितता बरती गई थी. डस्टबीन की खरीद में अनियमितता अफसर को भारी पड़ गई. काम में की गयी अनियमितता अफसर को भारी पड़ गई है.सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आर्थिक दंड लगाया गया है. उनकी पेंशन से दो साल तक दस प्रतिशत की कटौती होगी. विभाग ने यह निर्णय बिहार सेवा आयोग से मिले परामर्श के बाद लिया गया. दरअसल, कार्यपालक अधिकारी ने डस्टबीन क्रय के टेंडर वित्त विभाग द्वारा निर्धारित पैमाने का अनदेखी की. उन्होंने टेंडर के दिये गये सभी छह आपूर्तिकर्ताओं का तकनीकी लिफाफा खोला और जिसमें पांच निविदादाताओं को तकनीकी शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण उन्हें अयोग्य ठहराया गया और उनपर कार्रवाई की गई. अधिकारी ने निविदा में वित्त विभाग की ओर से निर्धारित पैमाने की अनदेखी की थी.
इसके साथ ही रोहतास बीडीओ वीणा पाणि के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. अलग- अलग मामलों में अफसरों पर गाज गिरी है. आरटीआइ के तहत सूचना देने में दो माह विलंब करने के आरोप में रोहतास की सूर्यपुरा प्रखंड की बीडीओ वीणा पाणि को चेतावनी दी गयी है. राज्य सूचना आयोग की ओर से इस संबंध में आरोप पत्र भेजा गया था. समय पर सूचना नहीं देने में रोहतास के सुर्यपुरा बीडीओ को चेतावनी दी गई है.
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कैमूर जिले के भभुआ सदर के प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल को 30 लाख 48 हजार रुपये गबन समेत कार्यों में लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ एन सरवन कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. मनोज कुमार के खिलाफ भभुआ के डीएम ने शांति समिति की बैठक में शामिल नहीं होने, जाति आधारित गणना की बैठक में अनुपस्थित रहने, शौचालय कार्य में लापरवाही बरतने वाले दोषियों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया गया था. साथ ही लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान में 30 लाख 48 हजार रुपये के गबन में संलिप्त रहने, उच्च अधिकारियों के आदेश का उल्लंघन करने तथा पुलिस और कोर्ट पर अभद्र टिप्पणी का भी आरोप था. इस आरोप की समीक्षा की गयी. इसमें पाया गया कि बीडीओ मनोज कुमार अग्रवाल पर लगे आरोप गंभीर हैं. इसके बाद इन्हें सस्पेंड किया गया है.
प्रखंड विकास पदाधिकारी की ओर से 273 वैसे फर्जी लाभुकों को शौचालय की राशि पेमेंट कर दी गई है, जिन्होंने शौचालय बनवाया ही नहीं है. बताया जाता है कि इस घोटाले में पेमेंट की राशि किसी बैंक के खाते में नहीं गई है. बल्कि, एयरटेल जैसे छोटे बैंक के खाते में भेजी गई है. इसमें कई लोगों का पता तक फर्जी था. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. बीडीयो की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इसके बाद जिले की पदाधिकारी ने पांच सदस्यीय टीम बनाकर पूरे मामले की जांच की. इसमें यह बात सामने आई कि पेमेंट प्रखंड विकास पदाधिकारी भभुआ के डोंगल से किया गया है.
मत्स्य पदाधिकारी को सस्पेंड किया गया है. मत्स्य सेवा केंद्र के निर्माण और अनुदान भुगतान में अनियमितता करने के आरोप में रोहतास के जिला मत्स्य पदाधिकारी एकबाल हुसैन को सस्पेंड कर दिया गया है. मत्स्य सेवा केंद्र में लाभुक पंकज कुमार के साथ मिलकर अनियमितता का आरोप लगाया गया था. इसके बाद इन्हें निलंबित किया गया है.
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एक ही ठेकेदार को 17 योजनाओं के लिए चयनित करने समेत कई आरोपों में भभुआ जिले के मोहनिया प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ मनोज कुमार की एक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गयी है. मनोज कुमार अभी बक्सर के नावानगर प्रखंड के बीडीओ हैं. भभुआ के डीएम ने बीडीओ के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इसमें आरोप है कि पंचायत समिति स्तर के 15वें वित्त आयोग मद से क्रियान्वित योजनाओं में सामग्री आपूर्ति का काम इंटरप्राइजेज कुल्हरिया, रामगढ़ को दे दिया गया. इसकी जांच करायी गयी. जांच के बाद उनकी एक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गयी है.