बाएं हाथ के बल्लेबाज ईशान किशन एक से लेकर पांचवें नंबर तक किसी भी स्थान पर बल्लेबाजी कर सकते हैं और विकेटकीपर के रूप में हमेशा अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज कराते हैं. यही वजह है कि वह विश्व कप के लिए केएल राहुल के बाद दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर भारतीय टीम में शामिल हैं.
किशन की यहां तक पहुंचने की यात्रा हालांकि आसान नहीं रही. वह क्रिकेट में बेहतर सुविधाएं हासिल करने के लिए पटना छोड़कर रांची में बस गए थे. झारखंड के तेज गेंदबाज और किशन के दोस्त मोनू कुमार ने कहा, ‘वह शुरू से ही ‘फाइटर’ रहा है और क्रिकेट में करियर बनाने को लेकर उसकी राय स्पष्ट थी. वह जहां अभ्यास करता था वह क्षेत्र महेंद्र सिंह धोनी के घर से बेहद करीब था और वह हमेशा माही भाई के नक्शे कदम पर चलना चाहता है तथा हमेशा उनके वीडियो देखता है.’
उन्होंने कहा, ‘सौभाग्य से 2013 में जेएससीए स्टेडियम तैयार हो गया जिससे उसे अपने खेल को बेहतर बनाने में मदद मिली.’ राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में 2018 से किशन के साथ काम करने वाले पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे ने भी झारखंड के खिलाड़ी की प्रशंसा की.
मोरे ने पीटीआई से कहा, ‘मैं विकेटकीपरों के शिविर के लिए एनसीए में था और उस बैच में किशन और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ी शामिल थे. किशन बेहद फुर्तीला खिलाड़ी है और उस उम्र में भी उसकी विकेटकीपिंग शानदार थी.’
मोरे ने कहा कि उन्होंने किशन के खेल में कोई खास बदलाव नहीं किए और केवल कुछ सुधार ही किए. उन्होंने कहा, ‘वह एक नैसर्गिक खिलाड़ी था. मैंने उसे विकेटकीपर के रूप में उसकी सिर की स्थिति और बैठने की स्थिति के बारे में बताया.
मोरे ने आगे बताया कि इसके अलावा हमने गेंद पकड़ने की स्थिति पर भी कुछ काम किया. जब मैं मुंबई इंडियन से जुड़ा तो तब भी हमने कुछ चीजों पर काम किया था. वह हमेशा कुछ नई चीज सीखने के लिए तत्पर रहता है.
किशन को वनडे में अमूमन शीर्ष क्रम में खेलने का मौका मिलता रहा लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप में जब उन्हें पांचवें नंबर पर उतारा गया तो उन्होंने विषम परिस्थितियों में 82 रन की शानदार पारी खेली थी.
इसके बाद कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने उन्हें विश्वकप के दौरान केएल राहुल पर प्राथमिकता देने के लिए कहा. केएल राहुल भी टीम का हिस्सा है. अब रविवार को यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में भारत राहुल या किशन किसको मौका देता है.