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बिहार में फैली इन बीमारियों से रहें सतर्क, मौत के भी मामले आ रहे सामने, जानिए कैसे करें अपना बचाव..

बिहार में इन दिनों मौसम बदल रहा है तो बीमारियों ने भी अपना पांव पसारना शुरू कर दिया. लोग बारिश के मौसम में बीमार पड़ रहे हैं. बारिश से पहले लोग उमस से परेशान रहे. वहीं अब डेंगू और डायरिया समेत कुल 5 तरह की बीमारी को लेकर सतर्क किया गया है. जानिए कैसे अपना बचाव कर सकेंगे..

बिहार में बारिश में होने वाली बीमारियों को लेकर अलर्ट जारी है. इन दिनों डेंगू और डायरिया समेत कुल 5 तरह की बीमारियों से लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई है. जब ये बिमारियां दस्तक देने लगी थीं तभी प्रधान सचिव ने सूबे के सभी सिविल सर्जन को कहा है कि बरसात में होने वाली पांच बीमारियों को लेकर दवाओं की स्टॉक रखें. इस मौसम में तापमान में बार-बार बदलाव और उमस के कारण बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती है.अब डेंगू और डायरिया के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं.

जमुई में डायरिया ने बढ़ायी परेशानी, मासूम की मौत

जमुई जिले के बरहट प्रखंड क्षेत्र के बांझीपयार भलुका गांव में डायरिया से पीड़ित एक मासूम बच्चे की मौत हो जाने का मामला सामने आया है. डायरिया से मासूम की मौत के बाद गांव के सभी लोगों में हड़कंप मच गया है. मृत बच्चे की पहचान बांझीपयार भलुका गांव निवासी तन्कु कोड़ा के आठ वर्षीय पुत्र शिवा कुमार के रूप में हुई है. तन्कु कोड़ा ने बताया कि मैं मजदूरी का कार्य कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करता है. बीते दो दिनों से मेरे दो पुत्र उल्टी और दस्त से पीड़ित थे. उनका इलाज ग्रामीण चिकित्सक से करवाया जा रहा था. बीते मंगलवार को मैं अपने काम पर चला गया देर शाम घर लौटने पर पत्नी द्वारा बताया गया कि दोनों बच्चे की तबीयत में कोई सुधार नहीं है. इसके बाद फिर मैं ग्रामीण चिकित्सक के पास गया. ग्रामीण चिकित्सक द्वारा सूई और दवा दी गयी. लेकिन देर रात बच्चे की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचा. जहां चिकित्सक ने जांच के बाद बड़े पुत्र शिवा कुमार को मृत घोषित कर दिया. जबकि तीन वर्षीय पुत्र विकास कुमार का इलाज चल रहा है. मासूम बच्चे की मौत के बाद परिजनों में मातम छा गया है.

दो दर्जन से अधिक डायरिया पीड़ित हैं भर्ती

जमुई जिले में डायरिया ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है. जिले के ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग उल्टी और दस्त से पीड़ित हो रहे हैं. बताया जाता है कि प्रति दिन लगभग दो दर्जन से अधिक उल्टी-दस्त से पीड़ित मरीज इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं. बीते मंगलवार की देर शाम से लेकर बुधवार की सुबह तक जिले के विभिन्न क्षेत्रों से दो दर्जन से अधिक उल्टी-दस्त तथा पेट दर्द से पीड़ित मरीज इलाज के लिए इमरजेंसी कक्ष पहुंचे हैं. खैरा थाना क्षेत्र के महापुर गांव, धर्मपुर गांव ,सिकंदरा थाना क्षेत्र,बरहट थाना क्षेत्र के बांझीपयार गांव ,सदर थाना क्षेत्र के अड़सार गांव ,नगर परिषद क्षेत्र के कल्याणपुर मुहल्ला आदि के मरीज मिले हैं.

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इन बातों का रखें खास ख्याल..

इमरजेंसी ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ मृत्युंजय कुमार पंडित द्वारा बताया गया कि बदलते मौसम के कारण जिले में डायरिया का प्रकोप बढ़ गया है. इस कारण सदर अस्पताल में डायरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि इस मौसम में खान-पान पर विशेष ध्यान रखें. बासी खाना खाने से बचें, ताजा खाना खाएं तथा पानी को उबालकर उसे ठंडा कर पीयें.

मासूम की मौत के बाद पहुंची मेडिकल टीम

वहीं बरहट प्रखंड क्षेत्र के बांझीपयार भलुका गांव में बीते मंगलवार की देर रात डायरिया से पीड़ित एक मासूम की मौत होने के बाद बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम बांझीपयार भलुका गांव पहुंची.मेडिकल टीम द्वारा पूरे गांव में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया है. साथ ही डायरिया से बचाव को लेकर आवश्यक दवा का भी वितरण करवाया गया है. उन्होंने ग्रामीणों से अपने घर के आस-पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने का निर्देश देते हुए कहा कि बरसात के मौसम में खान-पान का भी विशेष ध्यान रखें. पानी को हमेशा उबालकर ठंडा कर पीयें. उल्टी-दस्त पेट में दर्द होने की शिकायत हो, तो पीएचसी आकर समुचित उपचार कराएं. झोलाछाप चिकित्सक के चक्कर में न पड़ें.

प्रधान सचिव ने किया अलर्ट..

बता दें कि प्रधान सचिव ने सूबे के सभी सिविल सर्जन को बारिश के मौसम में इंफेक्शन, एलर्जी, सर्दी-जुकाम, डायरिया, फ्लू, वायरल जैसी पानी और हवा से होने वाली बीमारियों को लेकर अलर्ट किया था.

दूषित पानी व खाने से होने वाले रोग

बारिश के मौसम में गंदे पानी और खाद्य पदार्थो से भी कई रोग होते हैं. प्रदूषित व संक्रमित पानी पीने से दस्त जैसी बीमारी हो जाती है. दस्त में पेट दर्द और बुखार के साथ आंतों में सूजन आ जाती है. दस्त लगने पर छाछ में भुना हुआ जीरा डालकर सेवन करना चाहिए.

भागलपुर में वायरल फीवर और डेंगू का कहर

भागलपुर में इन दिनों डेंगू का कहर है. डेंगू के 125 से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं दो लोगों की मौत तक हो चुकी है. उधर, कहलगांव प्रखंड क्षेत्र में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या इन दिनों सरकारी व निजी अस्पतालों में बढ़ गयी है. पिछले कई दिनों से प्रखंड के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में वायरल बुखार का प्रकोप है. बारिश के बाद तेज धूप और उमस भरी गर्मी से लोग बीमार होते रहे. कहलगांव अनुमंडल अस्पताल में प्रतिदिन करीब आधा दर्जन लोग वायरल फीवर से पीड़ित पिछले दिनों पहुंचे थे.

ऐसे रखें अपना ध्यान..

कहलगांव अनुमंडल अस्पताल के डॉ संजय सिंह ने बताया कि वायरल संक्रमण एक आदमी से दूसरे आदमी में जाने में मिनट भी नहीं लगता है. इसे छुआछूत की बीमारी भी कह सकते हैं. वायरल फीवर तीन से चार दिन में ठीक हो जाता है. वायरल फीवर से बचने के लिए भीड़भाड़ वाली जगह पर न जाए, समय समय पर अपने हाथ साबुन से धोएं, मास्क का इस्तेमाल करे, खान पान पर ध्यान दें.

डेंगू से भी खुद को बचाएं, ये काम करें…

बारिश के मौसम में जल जमाव के कारण मच्छर जनित रोगों का प्रकोप बढ़ने की संभावना को देखते हुए जिला स्वास्थ्य समिति अलर्ट मोड पर है. खगड़िया जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने लोगों को सोते समय मच्छरदानी का अनिवार्य रूप से प्रयोग करने की अपील की है. साथ ही गर्भवती महिला तथा बच्चों को पूरे हाथ वाले कपड़े पहनने की सलाह दी है. मच्छरों को दूर रखने के लिए क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है. डेंगू एडिच मच्छर के काटने से होता है. यह मच्छर सूरज निकलने के दो घंटे बाद और सूरज डूबने के दो घंटे पहले सक्रिय होते हैं और इसी दौरान सबसे अधिक काटते हैं.

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