फिजियोथेरेपी एक ऐसी चिकित्सा विधि है, जिसमें किसी दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाता और न ही आमतौर पर इस थेरेपी के साइड और आफ्टर इफेक्ट्स होते हैं. वैसे तो भारत में जोड़ों व मांसपेशियों से संबंधित दर्द को दूर करने के लिए अनेक शताब्दियों से मालिश और व्यायाम का चलन रहा है, लेकिन आधुनिक फिजियोथेरेपी इनके अलावा लकवाग्रस्त हो चुके मरीजों की समस्याओं को दूर करने, अन्य न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स में पूरक चिकित्सा के तौर पर मरीजों को राहत देने में कारगर है. कई तरह के बीमारियों को ठीक करने में फिजियोथेरेपिस्ट का अहम रोल है. फिजियोथेरेपी और फिजियोथेरेपिस्ट के इसी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए इनके सम्मान में हर साल 8 सितंबर को विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस (World Physical Therapy Day) मनाया जाता है.
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World Physical Therapy Day : न दवा-न साइड-इफेक्ट कैसे शारीरिक एवं मानसिक विकारों में कारगर है Physiotherapy
फिजियोथेरेपी एक ऐसी चिकित्सा विधि है, जिसमें किसी दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाता और न ही आमतौर पर इस थेरेपी के साइड और आफ्टर इफेक्ट्स होते हैं. वैसे तो भारत में जोड़ों व मांसपेशियों से संबंधित दर्द को दूर करने के लिए अनेक शताब्दियों से मालिश और व्यायाम का चलन रहा है.
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