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GST Registration: क्यों अपने फर्म का जीएसटी नंबर लेना है जरूरी, जानें कैसे होता है रजिस्ट्रेशन

GST Registration: जीएसटी नंबर लेने के लिए सीआईएन नंबर यानी कंपनी का प्रमाण पत्र, पैन कार्ड (Pan Card), मेमोरेंडम और आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन या पार्टनरशिप डीड, आप जहां भी बिजनेस कर रहे हैं उसका एड्रेस प्रुफ, कंपनी के पार्टनर, घर का पता, आधार कार्ड और पैन कार्ड आदि की जरूरत होती है.

GST Registration: अगर आप अपनी कंपनी खोलने के लिए सोच रहें हैं तो सबसे पहले जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना बहुत जरूरी है. जीएसटी (Goods and Services Tax) नंबर लेने के लिए आप ऑनलाइन इसे रजिस्ट्रेशन करना सकते हैं. इसके लिए आपको जीएसटी आरईजी-01 फॉर्म भरना होता है. इस फॉर्म के दो पार्ट होते हैं. इसमें एक में आवेदक को अपने बारे में सही जानकारी देनी होती है. जबकि, दूसरे में आपको अपने कुछ डॉक्यूमेंट्स भी अपलोड करना होता है. जीएसटी नंबर लेने के लिए सीआईएन नंबर यानी कंपनी का प्रमाण पत्र, पैन कार्ड (Pan Card), मेमोरेंडम और आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन या पार्टनरशिप डीड, आप जहां भी बिजनेस कर रहे हैं उसका एड्रेस प्रुफ, कंपनी के पार्टनर, बोर्ड के सदस्य की जानकारी, कंपनी के मालिक के सिग्नेचर, घर का पता, आधार कार्ड और पैन कार्ड आदि की जरूरत होती है.

कैसे करें रजिस्ट्रेशन

जीएसटी नंबर लेने के लिए सबसे पहले जीएसटी के अधिकारिक पोर्टल (https://www.gst.gov.in/) पर जाएं. वहां सर्विस पर क्लिक करें. इसके बाद आप न्यू रजिस्ट्रेशन के ऑप्शन पर सिलेक्ट करें. जीएसटी आरईजी-01 फॉर्म के भाग-ए को भरें और मांगी गयी सारी जानकारी दें. अब आपको गेट ओटीपी पर क्लिक करें. रजिस्टर्ड मोबाइल पर आए ओटीपी को डालकर ओके दबाएं. इसके बाद फॉर्म का पार्ट टू भरें. फिर से ओटीपी आएगा. इसे फॉर्म को वेरिफाई करें. इस प्रोसेस से आप जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.

जीएसटी क्या है

जीएसटी (Goods and Services Tax) भारत में लागू होने वाला एक महत्वपूर्ण कर नीति है. यह एक वस्तु और सेवा कर का सम्मिलित कर है, जिसे भारत सरकार ने 1 जुलाई 2017 को लागू किया. जीएसटी भारत भर में समान रूप से लागू होता है, जिससे राज्यों के बीच वस्तु और सेवाओं की वस्तुसूची में सामंजस्य नहीं होती. इसका मुख्य उद्देश्य वस्तु और सेवाओं पर लग रहे विभिन्न पूर्व-वस्तु और सेवा करों को समाप्त करके एक सामान और सरल वस्तु और सेवा कर व्यवस्था स्थापित करना है. जीएसटी के तहत, वस्तु और सेवाओं पर लागू होने वाले करों की दरें वस्तुसूची में निर्धारित होती हैं. ये कर प्रणाली तीन टीयर में बंटा हुआ है-राज्य, केंद्र और उपभोक्ता. इसके कारण वित्तीय सृजन राज्य और केंद्र के बीच साझा किया जाता है. इसके तहत, वस्तु और सेवाओं की लेन-देन की ई-वे विधि का अनुसरण किया जाता है जो वित्तीय सृजन को सरकार से साझा करने के लिए उपयोग किया जाता है. जीएसटी का उद्देश्य एक सरल, संपादनशील और आरामदायक कर नीति प्रणाली स्थापित करना है जिससे वस्तु और सेवाओं पर लग रहे करों की वस्तुसूची में सामंजस्य नहीं हो.

क्यों जीएसटी नंबर लेना जरूरी है

जीएसटी नंबर भारत में वस्तु और सेवाओं पर लगान का निर्धारण करने के लिए दर्ज किया जाता है. यह नंबर व्यापारिक गतिविधियों को सरकारी तंत्रों द्वारा समय-समय पर परिगणित करने के लिए आवश्यक होता है.

जीएसटी नंबर लेना क्यों आवश्यक है

  • कर वसूली और वस्तुसूची में सुधार: जीएसटी नंबर के माध्यम से सरकार व्यापारिक गतिविधियों को नियंत्रित करने और कर वसूली को सुधारने का प्रयास कर रही है.

  • कर प्रबंधन में सहायता: जीएसटी नंबर एक व्यापारिक या व्यक्तिगत संरचना के कर वसूली प्रक्रिया को सरकार तक पहुंचाने के लिए उपयोग होता है.

  • कानूनी अनुपालन: जीएसटी नंबर का अधिकारित निवासी के रूप में व्यक्तिगत या व्यापारिक गतिविधियों को सरकार तक पहुंचाने के लिए उपयोग किया जाता है.

  • वस्तु और सेवाओं के बीच समान वस्तुसूची: जीएसटी नंबर से सरकार वस्तु और सेवाओं की सही वस्तुसूची में सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है.

  • कर सज्ज विफलता से बचाने के लिए: जीएसटी नंबर व्यापारिक गतिविधियों को कर वसूली में सफलता और विफलता के लिए एक उपयोगी साधना प्रदान करता है.

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