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डुमरी उपचुनाव रिजल्ट : लगातार पांचवीं बार झामुमो ने जीत का लहराया परचम, झूमें कार्यकर्ता

डुमरी उपचुनाव का परिणाम आने के साथ कई रिकॉर्ड भी बने. दूसरी बार महिला विधायक बनी. वहीं लगातार पांचवीं बार झामुमो ने जीत का परचम लहराया. इसके अलावा झामुमो को अबतक का सबसे अधिक एक लाख से पर वोट मिले.

बेरमो (बोकारो), राकेश वर्मा : आठ सितंबर, 2023 को डुमरी विधानसभा उपचुनाव का रिजल्ट आ गया. इस उपचुनाव में ‘इंडिया’ महागठंबधन की ओर से झामुमो प्रत्याशी बेबी देवी (दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी) ने चुनाव में बाजी मार ली. 2005 के बाद से लगातार पांचवीं दफा इस सीट पर झामुमो का कब्जा भी बरकरार रहा. हालांकि, इस विधानसभा सीट पर एनडीए की ओर से आजसू ने अबतक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया और आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी को 83,075 वोट मिले. झामुमो की जीत के बाद नावाडीह, चंद्रपुरा प्रखंड के अलावा ऊपरघाट के क्षेत्र में झामुमो कार्यकर्ता जमकर झूमें. लोगों ने कहा कि यह जीत दिवंगत जगरनाथ महतो द्वारा क्षेत्र में किये गये विकास और उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि की जीत है.

डुमरी विधानसभा सीट महत्वपूर्ण

मालूम हो कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में डुमरी सीट महत्वपूर्ण स्थान रखती है. डुमरी विधानसभा सीट से लगातार चार बार विधायक रहे सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद पांच सितंबर को इस सीट पर उपचुनाव हुआ. जिसमें दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी व मंत्री बेबी देवी ने झामुमो प्रत्याशी के रूप में तथा झारखंड आंदोलनकारी दिवंगत दामोदर महतो की पत्नी यशोदा देवी ने बतौर आजसू प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडा. इसके अलावा एआईएमआईएम की ओर से मौलाना मोबिन रिजवी मुख्य रूप से चुनावी मैदान में थे. लगभग एक लाख 93 हजार वोटरों ने अपने वोट का इस्तेमाल किया था. झामुमो को मिली जीत के बाद यह स्पष्ट हो गया कि मुस्लिम वोटों का अधिकांश धुव्रीकरण जेएमएम के पक्ष में हुआ. जबकि विधानसभा क्षेत्र के कुरमी मतदाताओं के वोट का डिविजन जेएमएम व आजसू के बीच हुआ.

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हाईलाइट्स

  • 1977 के बाद से झामुमो ने नौ बार विधानसभा का चुनाव लड़ा, आठ दफा जीत दर्ज की

  • चार बार दिवंगत जगरनाथ महतो

  • तीन बार शिवा महतो

  • इस बार बेबी देवी विधायक बनी

  • 1995 में शिवा महतो ने लाया था सर्वाधिक 36 हजार वोट

  • इस बार झामुमो को मिला अबतक का सर्वाधिक 100,231 वोट

2005 से लगातार झामुमो जीत रही

मालूम हो कि डुमरी विस क्षेत्र शुरुआत से ही झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता रहा है. 2005 के विधानसभा चुनाव में झामुमो के दिवंगत नेता जगरनाथ महतो ने जीत हासिल की थी. इसके बाद के 2009, 2014 व 2019 के चुनाव में भी झामुमो के जगरनाथ महतो ने जीत हासिल की थी. वे इस सीट पर लगातार चौथी बार विधायक बनने वाले इकलौते नेता बने थे. इस बार हुए उपचुनाव में दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को मिली जीत का श्रेय भी दिवंगत जगरनाथ महतो को जाता है. एनडीए के साथ काफी संघर्ष के बावजूद आखिरकार दिवंगत जगरनाथ महतो की सहानभूति लहर सबपर भारी पडी.

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नौ दफा झामुमो ने चुनाव लड़ा

1977 के बाद से डुमरी विधानसभा सीट की अगर हम चर्चा करें, तो इस सीट पर 1980 से लेकर 2019 तक तथा इसके बाद इस बार के उपचुनाव मिलाकर लगातार नौ दफा झामुमो ने चुनाव लड़ा है. जिसमें झामुमो को रिकार्ड आठ दफा जीत मिली है. जबकि 1977 से लेकर 2019 तक के विधानसभा के चुनाव में तीन बार सूबे के पूर्व मंत्री लालचंद महतो ने चुनाव जीता. वर्ष 1980 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने पहली बार इस सीट से अपनी पार्टी का प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा. झामुमो के शेरे शिवा महतो इस सीट से पार्टी के प्रत्याशी बनाये गये और उन्होंने पूर्व विधायक लालचंद महतो को करीब छह हजार के मतों के अंतर से पराजित किया था. इसके बाद दोबारा झामुमो के प्रत्याशी शिवा महतो ने लोकदल के प्रत्याशी लालचंद महतो को पराजित कर लगातार दूसरी बार विधायक बने. 1990 के विधानसभा चुनाव में जनता दल के प्रत्याशी लालचंद महतो से झामुमो के शिवा महतो पराजित हो गये. लेकिन, 1995 के विधानसभा चुनाव में पुन: शिवा महतो ने तीसरी दफा इस सीट से जीत दर्ज की. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के मकसूद आलम को हराया था. कहते हैं कि इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मकसूद आलम के समर्थन में बेरमो के दिग्गज कांग्रेस व इंटक नेता दिवंगत कृष्ण मुरारी पांडेय ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. इस चुनाव में झामुमो के शिवा महतो ने अबतक का रिकार्ड 36,498 मत प्राप्त किया था.

इस उपचुनाव ने बनाया रिकॉर्ड

इसके बाद वर्ष 2000 के चुनाव में पुन: शिवा महतो झामुमो के प्रत्याशी बनाये गये, लेकिन उन्हें मात्र आठ हजार मत प्राप्त हुए थे. इस चुनाव में जदयू प्रत्याशी लालचंद महतो ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद से वर्ष 2005 से लेकर 2019 तक लगातार चार दफा इस सीट से झामुमो प्रत्याशी दिवंगत जगरनाथ महतो जीत दर्ज करते रहे. 2019 के विस चुनाव में दिवंगत जगरनाथ महतो ने रिकार्ड 34,288 वोट के अंतर से जीत दर्ज किया जितना की 1995 के विस चुनाव में झामुमो प्रत्याशी शिवा महतो को वोट (34,498) आया था. लेकिन इस बार जेएमएम को मिले मत ने पिछले सारे रिकार्ड तोड दिये. इस उप चुनाव में झामुमो का वोट एक लाख के पार कर गया.

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2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी व आजसू को मिली जीत से सकते में था झामुमो

वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव के पूर्व गिरिडीह लोकसभा सीट पर चुनाव हुआ. इस चुनाव में काफी कम मतों के अंतर से झामुमो प्रत्याशी दिवंगत जगरनाथ महतो पराजित हुए थे. इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाले बीजेपी प्रत्याशी रवींद्र कुमार पांडेय को 3,91,913 मत मिला. जबकि झामुमो के जगरनाथ महतो को 3,51,600 वोट प्राप्त हुआ था. 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद डुमरी विधानसभा का चुनाव हुआ जिसमें बीजेपी प्रत्याशी पूर्व विधायक लालचंद महतो बनाये गये. उस वक्त पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रचंड लहर चल रहा था. ऐसे में झामुमो कार्यकर्ता भी अंदर से डर समाया था कि 2014 के विधानसभा चुनाव में झामुमो के लिए डुमरी सीट निकाल पाना काफी कठिन होगा. वह भी ऐसे में जब डुमरी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने राजनीति के माहिर खिलाडी लालचंद महतो को अपना प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस चुनाव में झामुमो के जगरनाथ महतो ने लगातार तीसरी दफा जीत दर्ज की. इन्हें कुल 77,984 मत मिले जबकि बीजेपी प्रत्याशी लालचंद महतो को 45,503 मत प्राप्त हुआ था.

2019 के विधानसभा चुनाव में मतगणना स्थल जाना नहीं चाह रहे थे झामुमो के कई कार्यकर्ता

2014 की ही तरह वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले गिरिडीह लोकसभा सीट का चुनाव हुआ. इस सीट पर एनडीए की ओर से आजसू प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी ने रिकार्ड वोट से जीत दर्ज की. श्री चौधरी को 6,48,277 मत मिला. जबकि चुनाव में पराजित होने वाले झामुमो प्रत्याशी दिवंगत जगरनाथ महतो को 3,99,930 वोट मिला. इस लोकसभा चुनाव में गिरिडीह संसदीय क्षेत्र अंतर्गत डुमरी विधानसभा क्षेत्र में आजसू को जहां एक लाख 12 हजार वोट मिला, वहीं जगरनाथ महतो को 74 हजार वोट मिला. इसके बाद जब 2019 में डुमरी विधानसभा का चुनाव हुआ, तो झामुमो कार्यकर्ता इस बात को लेकर भयभीत हो गये कि इस बार फिर झामुमो के लिए यह सीट निकालना काफी कठिन होगा. इतना ही नहीं मतगणना के दिन झामुमो के कई कार्यकर्ता मतगणना स्थल जाने से परहेज कर रहे थे. लेकिन, चौथी दफा इस सीट पर दिवंगत जगरनाथ महतो ने रिकार्ड 34,288 मत से जीत दर्ज कर सबको हैरत में डाल जिया. वह भी ऐसी परिस्थिति में जब इस सीट पर एआईएमआईएम प्रत्याशी मौलाना मोबिन रिजवी ने करीब 24 हजार वोट प्राप्त किया था. इस बार भी मतदान के बाद से जेएमएम के कार्यकर्ता भी संशय में थे कि चुनाव में उनकी आजसू के साथ लड़ाई कांटे की है और जीत का अंतर काफी कम रहेगा. लेकिन, 17153 से मिली जीत के बाद झामुमो ने चैन की सांस ली.

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2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायी थी

डुमरी विधानसभा सीट से वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू ने भी चुनाव लड़ा था और अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायी थी. जबकि इसबार के चुनाव में आजसू पहले से भी ज्यादा बेहतर स्थिति में रही. 2019 के चुनाव में आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी दूसरे स्थान पर रही थी. उन्हें कुल 36,840 (19.56 फीसदी) मत प्राप्त हुआ था, जबकि बीजेपी भी इस चुनाव में खड़ी थी. बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप साहू को 36,013 (18.93 फीसदी) मत प्राप्त हुआ था. यानी एनडीए गठबंधन के दो दल आजसू व बीजेपी को मिलाकर कुल लगभग 73 हजार मत प्राप्त हुआ था. जबकि इस चुनाव में लगातार चौथी दफा जीत दर्ज करने वाले झामुमो प्रत्याशी दिवंगत जगरनाथ महतो को कुल 71,128 (37.38 फीसदी) मत प्राप्त हुआ था. इसके पूर्व वर्ष 2014 के चुनाव में पूर्व मंत्री लालचंद महतो एनडीए की ओर से बीजेपी के उम्मीदार बने तथा उन्हें 45,503 मत मिले थे. लेकिन, इस बार आजसू व भाजपा दोनों मिलकर लड़े और 83 हजार मत प्राप्त किया.

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