भारत में जी20 समिट का भव्य आयोजन हो रहा है. इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, जर्मनी, इटली के अलावा जी20 के सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि मौजूद हैं. आयोजन को सफल बनाने के लिए दिल्ली को संवारा गया है और सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम है. जी-20 आयोजन को सफल बनाने के लिए लगभग 4300 करोड़ रुपये खर्च हुआ है. यह खर्च सड़कों को सुंदर बनाने, सजाने, लाइटिंग और सुरक्षा और अन्य मद में हुआ है. इस खर्च के अलावा विदेशी मेहमानों के रुकने, लॉजिस्टिक, प्रोटोकॉल, सुरक्षा पर खर्च हुआ है और इस खर्च का आंकलन अभी किया जाना है.
जी20 सम्मेलन से भारत की ताकत से अवगत हुई दुनिया
सम्मेलन से देश में वैश्विक नेताओं को उभरते भारत की ताकत और संस्कृति से रू-ब-रू होने का मौका मिला है. इससे वैश्विक स्तर पर भारत की सकारात्मक छवि बनेगी और देश में पर्यटन एवं निवेश बढ़ने की संभावना है.
दुनिया में भारत की विकास दर सबसे अधिक
जी20 के भव्य आयोजन से भारत की वैश्विक स्तर पर एक मजबूत देश के तौर पर छवि बनेगी. दुनिया भारत के इस ताकत को देख पा रही है. ऐसे वक्त में जी20 का आयोजन हो रहा है, जब दुनिया में भारत की विकास दर सबसे अधिक है. साथ ही युवा आबादी भी सबसे अधिक है. चीन की गिरती अर्थव्यवस्था और घरेलू मोर्चे पर कई समस्या के कारण दुनिया के देश भारत की ओर देख रहे हैं. ऐसे में जी20 की अध्यक्षता करना भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक सुनहरा मौका लेकर आया है. अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक और सामरिक सहयोग बढ़ रहा है.
भारत और अमेरिका के बीच अरब डॉलर का रीन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड बनाने पर सहमति
राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत में कदम रखते ही इसे और मजबूती प्रदान की. चीन और अमेरिका के बीच बढ़ रहे तनाव को देखते हुए अमेरिकी कंपनी भारत की ओर रूख कर रही हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार को हुए द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देशों के बीच एक अरब डॉलर का रीन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड बनाने पर सहमति बनी. इसके अलावा ब्रिटेन, फ्रांस और यूरोप के अन्य देशों से भी कई समझौते होने की उम्मीद है.
जी20 ने भारत को विश्व के लिए और विश्व को भारत के लिए तैयार बनाने में योगदान दिया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि जी20 ने भारत को विश्व के लिए और विश्व को भारत के लिए तैयार बनाने में योगदान दिया है. उन्होंने रेखांकित किया कि समूह की भारत की अध्यक्षता ने ‘ग्लोबल साउथ’ की तत्काल चिंताओं को दूर करने को प्राथमिकता दी है. जी20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा कि अफ्रीकी संघ भारत की अध्यक्षता में समूह का सदस्य बन गया, जो उस प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए था कि देश ‘ग्लोबल साउथ’ की तत्काल चिंताओं को संबोधित करने के लिए देता है. उन्होंने कहा, आपको याद होगा कि हमारी अध्यक्षता के कार्यकाल की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर ग्लोबल साउथ की आवाज को अभिव्यक्ति प्रदान करने के लिए 125 देशों से परामर्श किया गया था.
जी20 ने भारत को विश्व के लिए और विश्व को भारत के लिए तैयार बनाने में योगदान दिया
जयशंकर ने कहा, संगठन और कार्यक्रम के संदर्भ में भारत की अध्यक्षता असाधारण रही है. कार्यक्रम भारत के विभिन्न हिस्सों में 60 शहरों में आयोजित किए गए. इसमें असाधारण स्तर की लोकप्रिय भागीदारी और सामाजिक भागीदारी रही है. विदेश मंत्री ने कहा कि जी20 की कार्यवाही में रुचि युवाओं के बीच विशेष रूप से मजबूत रही है और यह भारत की संस्कृति, परंपराओं और विरासत को प्रदर्शित करने का एक अवसर है. उन्होंने कहा, जी20 ने भारत को विश्व के लिए और विश्व को भारत के लिए तैयार बनाने में योगदान दिया है.