Income Tax And GST: आयकर विभाग और जीएसटी देशभर में टैक्स चोरी को लेकर सख्ती कर रही है. इसके तहत कई कंपनियों और प्राइवेट फर्म आदि को नोटिस और आर्थिक दंड दिया गया है. अब बताया जा रहा है कि अब आयकर अधिकारी स्टार्टअप निवेशकों द्वारा दाखिल किए गए आईटीआर के बारे में विवरण मांग सकते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि निवेश की गई राशि उनके व्यक्तिगत आईटीआर में दिखाई गई आय के अनुरूप है या नहीं. आयकर विभाग ने यह जानकारी दी. सोशल नेटवर्किंग मंच एक्स पर भारतपे के सह-संस्थापक अश्नीर ग्रोवर की एक पोस्ट का जवाब देते हुए आयकर विभाग ने कहा कि वित्त अधिनियम 2012 में कहा गया है कि किसी निवेशक को स्टार्टअप में निवासी शेयरधारक से धन के स्रोत के बारे में भी बताना होगा. ग्रोवर ने यह मुद्दा उठाया था कि पिछले एक महीने में कई स्टार्टअप को टैक्स नोटिस मिले हैं, जिसमें उनके शेयरधारकों के बारे में जानकारी देने को कहा गया है.
सोशल मीडिआ पर विभाग ने दी जानकारी
आयकर विभाग ने कहा कि इस मामले में, प्रतीत होता है कि विभाग ने शेयरधारक-निवेशक द्वारा लेनदेन की वास्तविकता और निवेश के स्रोत की जांच करने की मांग की है, ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि निवेश की गई राशि निवेशकों के आईटीआर में दिखाई गई आय के अनुरूप है या नहीं. विभाग ने कहा कि वैकल्पिक रूप से, यदि कंपनी द्वारा निवेशकों के ‘पैन’ निर्धारण अधिकारी (एओ) के साथ साझा किए जाते हैं, तो वह निवेशकों के आईटीआर को सत्यापित कर सकता है.
तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक के कुछ वित्तीय लेनदेन में कमियां मिलीं
आयकर विभाग ने तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक के तूतीकोरिन स्थित मुख्यालय में कुछ खास वित्तीय लेनदेन में कमियां पाई हैं. निजी क्षेत्र के बैंक ने शनिवार को यह जानकारी दी. तमिलनाडु स्थित बैंक ने एक बयान में कहा कि बैंक का व्यवसाय संचालन पहले की तरह जारी है और इस घटनाक्रम के कारण प्रभावित नहीं हुआ है. आयकर विभाग की खुफिया और आपराधिक जांच शाखा ने पिछले सप्ताह तूतीकोरिन में बैंक के मुख्यालय जांच की थी. आयकर विभाग ने कथित तौर पर पाया कि बैंक ने 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की नकद जमा से संबंधित वित्तीय लेनदेन का विवरण दाखिल नहीं किया है.
पिडीलाइट पर जीएसटी विभाग ने लगाया 2.64 लाख रुपये का जुर्माना
पिडीलाइट इंडस्ट्रीज पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने 2.64 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. चिपकाने वाले, वाटरप्रूफिंग समाधान और निर्माण रसायन बनाने वाली कंपनी ने शनिवार को बताया कि उसे अपीलीय स्तर पर अपने पक्ष में फैसला आने की उम्मीद है. पिडीलाइट इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को बताया कि उसके आकलन के आधार पर संबंधित कानून और बाहरी वकील की कानूनी सलाह, जुर्माने को अपीलीय स्तर पर चुनौती देने के बाद उसे ‘उचित रूप से अनुकूल परिणाम की उम्मीद’ है. शेयर बाजार के दी जानकारी के मुताबिक, कंपनी को 30 अगस्त, 2023 को एक आदेश मिला है, जो कंपनी को सात सितंबर, 2023 को पुणे के पास खंड-3 में सहायक आयुक्त केंद्रीय कर के कार्यालय से प्राप्त हुआ था. इस आदेश में सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के लागू प्रावधानों के तहत 2,64,844 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. यह आदेश सीआईपीवाई के लिए महाराष्ट्र राज्य में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की अस्वीकृति के संबंध में पारित किया गया है. सीआईपीवाई एक कंपनी थी, जिसका एक अप्रैल, 2022 को पिडीलाइट इंडस्ट्रीज में विलय हो गया है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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