Digital Banking : सीनियर बैंकर केवी कामत ने बैंकों को नयी तकनीकों को अपनाने, बदलते समय के अनुसार इनोवेशन करने और सीखने की सलाह दी है. उनका कहना है कि जो बैंक ऐसा नहीं कर पाएंगे, उन्हें आनेवाले समय में मुश्किल होगी. उन्होंने ने कहा कि बिजनेस में आगे बढ़ने के लिए बैंकों को नये दौर की फिनेटक कंपनियों के साथ मिलकर काम करना होगा.
वरिष्ठ बैंकर के वी कामत ने कहा है कि डिजिटलीकरण के मामले में चीन के बैंक भारत से बहुत पीछे हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि चीन के बैंकों ने डिजिटलीकरण का मार्ग भारतीय बैंकों से बहुत पहले अपना लिया था.
Also Read: Apple Share: चीन ने चली ऐसी चाल, ऐपल हुआ बेहाल, दो दिन में डूब गए 200 अरब डॉलरराष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण एवं विकास बैंक (एनएबीएफआईडी) के चेयरमैन कामत ने तीन दिन के ग्लोबल फिनटेक शिखर सम्मेलन में कहा, मुझे लगता है कि वहां (चीन) जो हुआ है और जो यहां हुआ है, उसमें बहुत अंतर हैं. उन्होंने कहा, हां, डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में अलीपे और वीचैट पे के साथ हमसे बहुत पहले आ गए थे. लेकिन बाद की कहानी बहुत मजेदार है.
कामत ने कहा, अगर मैं वास्तव में इसे देखूं, तो एक चीनी बैंक अब भारतीय बैंक की तुलना में बहुत कम डिजिटल है. वे प्रौद्योगिकी समर्थक हैं जो वहां चार-पांच साल पहले थे और संभवतः भारत की तुलना में बेहतर या उच्च स्तर पर थे.
Also Read: iPhone 15 Pro Max में क्या होगा खास? पाएं डिस्प्ले से लेकर परफॉरमेंस से जुड़ी हर जानकारीकामत शंघाई स्थित बहुपक्षीय न्यू डेवलपमेंट बैंक के प्रमुख भी थे, जिसे ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की सरकारों द्वारा स्थापित किया गया था. उन्होंने कहा, मैं अब यह बिना किसी हिचक के कह सकता हूं कि डिजिटल क्षेत्र में आज ऐसा कोई खंड नहीं है, जहां हम पीछे हों. और मेरे लिए यही हमारे लिए सबसे बड़ी प्रेरक शक्ति है.
आपको बता दें कि भारत में पिछले कुछ साल में कई बैंकों ने फिनटेक कंपनियों के साथ पार्टनरशिप डिवेलप की है. उदाहरण के तौर पर देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने रूपे क्रेडिट कार्ड लॉन्च करने के लिए 2022 में पेटीएम के साथ पार्टनरशिप की थी.
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