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राजगांगपुर में एक्सिस बैंक के पास 20 लाख के आभूषण व नकदी की लूट मामलेमें पुलिस के हाथ अब भी खाली

जाते जाते दो स्कूटी, एक कार की चाबियां, दोनों के मोबाइल भी साथ ले गये थे, जो बाद में उनके अहाते में अलग-अलग जगह फेंके मिले. लूटेरों के जाने के तुरंत बाद ही हिम्मत कर खुद को बंधन से आजाद कर कमल दौड़ कर थाने पहुंचे और डकैती की सूचना दी.

सुनील अग्रवाल, राजगांगपुर : राजगांगपुर थाने से कुछ दूरी पर एक्सिस बैंक के पास स्थित श्रीवस्त्रम नामक कपड़े की दुकान के मालिक कमल अग्रवाल के घर दो साल पहले आठ सितंबर 2021 को सशस्त्र डकैती हुई थी. जिसमें करीब पांच लाख नकद सहित 15 लाख रुपये के गहने लूट लिये गये थे. उनकी दुकान श्रीवस्त्रम से सटे उनके निवास पर कमल अग्रवाल परिवार के साथ सोए हुए थे, जब रात करीब तीन बजे कुछ हलचल हुई. उनकी नींद खुली, तो पाया कि चार लोग उसके कमरे में थे तथा इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते चारों ने उन्हें चुप रहने की धमकी देतते हुए कपड़े से उनके हाथ-पांव बांध दिये.

कमरे में घुसकर सभी के हाथ-पैर बांध दिए

तभी तीन और लोग कमरे में घुस आये और पास में सोई उनकी पत्नी विभा अग्रवाल के भी हाथ बांध दिये. भुजाली, लोहे की रॉड, लकड़ी के पट्टे इत्यादि के बल पर धमकाते हुए अलमारी तथा उसके दराज व लॉकर को तोड़ उसमें रखे नकदी तथा गहने लूटने के साथ ही विभा अग्रवाल के गले से सोने की चेन, हाथों से सोने की चूड़ियां तथा चार अंगूठियां जबरन लूट लिये. करीब पंद्रह मिनट तक लूटपाट के बाद लुटेरे भाग निकले थे.

कमल ने खुद थाने जाकर दी डकैती की सूचना

जाते जाते दो स्कूटी, एक कार की चाबियां, दोनों के मोबाइल भी साथ ले गये थे, जो बाद में उनके अहाते में अलग-अलग जगह फेंके मिले. लूटेरों के जाने के तुरंत बाद ही हिम्मत कर खुद को बंधन से आजाद कर कमल दौड़ कर थाने पहुंचे और डकैती की सूचना दी. लेकिन थाने में उपस्थित अधिकारी द्वारा तत्परता नहीं दिखाये जाने के कारण चंद मिनट की दूरी पर स्थित घटनास्थल पर पहुंचने में पुलिस को 40 मिनट का समय लगा था. तब तक लुटेरे पुलिस के चंगुल से दूर भाग निकले.

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पुलिस ने साइंटिफिक टीम का भी लिया सहारा

खबर पाकर तत्कालीन थाना प्रभारी बिबत्स कुमार प्रधान, एसडीपीओ शशांक कुमार बेहेरा, सब इंस्पेक्टर खगपति बिश्वाल, मुकुंद मुरारी पात्र घटनास्थल पर पहुंच जांच को आगे बढ़ाते हुए कमल के घर तथा आसपास के घरों के सीसीटीवी को खंगालने सहित सुंदरगढ़ से बुलाई साइंटिफिक टीम का सहारा भी लिया था. लेकिन इस केस में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली. लूटे गए कमल अब निराश नजर आ रहे हैं. पुलिस के शुरुआत से ही इस केस को लेकर संजीदा नहीं होने के कारण ही कामयाबी से दूर होने की बात कही है.

चड्ढी-गंजी गैंग का हाथ होने का संदेह, लेकिन सुराग नहीं

पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है की यह अंतरराज्ययीय गिरोह चड्ढी-गंजी गैंग का काम है. ऐसे तो इस गैंग में सैकड़ों सदस्य हैं, लेकिन एक दल में करीब 10 से 15 लोग होते हैं. जो किसी भी शहर में पहुंच अलग-अलग तरह से घूम कर अपना टारगेट तय करते हैं. रात दो से तीन बजे के बीच चड्ढी-गंजी में अपने टारगेट पर धावा बोलते हैं. खास बात यह होती है कि ये लोग जाने से पहले अपना-अपना मोबाइल अपने सरदार के पास जमा करा देते हैं, जिससे पुलिस को कोई मदद नहीं मिलती है.

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पुलिस प्रशासन से स्पेशल टीम बना जांच की हो रही मांग

दो महीने पहले भुवनेश्वर में ऐसे ही गिरोह के कुछ सदस्यों को पुलिस ने पकड़ा था, जिनसे पूछताछ में यह सब बातें सामने आयी हैं. लेकिन उनके राजगांगपुर में हुई वारदात में शामिल होने से नकारने की बात भी सामने आयी है. सीसीटीवी में प्राप्त तस्वीरों में दिखायी दिये कपड़े पहन राजगांगपुर में गत वर्ष रानिबंध स्थित धर्मेंद्र सिंह सहित जिले के राउरकेला, बिसरा सहित पास के संबलपुर जिले के बामड़ा में इस तरह की लूट की घटनाएं विगत दो वर्षों में सामने आयी हैं, जिनसे अभी तक पर्दा नहीं उठा है. लेकिन पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है. सुंदरगढ़ तथा राउरकेला पुलिस को लेकर एक स्पेशल टीम गठन कर इस तरह के मामले सुलझाने की मांग लोग कर रहे हैं.

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