भारतीय विमानन क्षेत्र की वृद्धि के लिए बुनियाद मजबूत हैं. विमान विनिर्माता बोइंग (Boeing India) ने इस बात पर जोर देते हुए कहा है कि मांग को पूरा करने के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना, ईंधन पर कर को सुसंगत बनाना और बुनियादी ढांचे में लगातार निवेश करना जरूरी है. बोइंग के पास भारतीय एयरलाइन कंपनियों से सैकड़ों विमानों के ऑर्डर हैं. उसने देश में पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर सहित विभिन्न निवेश की घोषणा की है. बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा कि हमें भारत में कोई सुस्ती नहीं दिख रही है और हम एयरलाइंस के बीच बहुत अधिक लोड फैक्टर, मुनाफे की अत्यधिक उच्च दर, और विमानों की बेहद मजबूत मांग देख रहे हैं. हमने दुनिया में अबतक दिए गए कुछ सबसे बड़े ऑर्डर को यहां देखा है.
बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने बताया कि कुल मिलाकर हम देख रहे हैं कि मांग बढ़ रही है. जैसे-जैसे नए टर्मिनल बन रहे हैं. नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे बन रहे हैं. हम बुनियादी ढांचे में भी महत्वपूर्ण प्रगति देख रहे हैं. यह भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित होने वाला है. उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से सभी को भारतीय विमानन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद थी, और अब यह सच में हो रहा है. भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले नागर विमानन बाजारों में से एक है. भारतीय एयरलाइंस ने लगभग 1,500 विमानों का ऑर्डर दिया है. इस साल की शुरुआत में एयर इंडिया ने 470 विमानों का ऑर्डर दिया था, जिसमें बोइंग के 220 विमान भी शामिल हैं. सलिल गुप्ते ने कहा कि अगले 20 साल में भारतीय एयरलाइंस को 2,200 से अधिक विमानों की जरूरत रहने की उम्मीद है. उन्होंने साथ ही जोड़ा कि इसके लिए देश में पर्याप्त रूप से पायलट और मैकेनिक होने जरूरी हैं.
(भाषा इनपुट के साथ)
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