रांची: मैट्रिक व इंटर संपूरक परीक्षा का रिजल्ट इस सप्ताह जारी हो जायेगा. उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का कार्य पूरा हो गया है. परीक्षा में लगभग 15 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे. जैक द्वारा रिजल्ट प्रकाशन की तैयारी पूरी कर ली गयी है. परीक्षा जुलाई में ली गयी थी. मैट्रिक की परीक्षा में पांच हजार व इंटर की संपूरक परीक्षा में लगभग दस हजार विद्यार्थी शामिल हुए थे. इस वर्ष संपूरक परीक्षा में परीक्षार्थियों की संख्या में रिकॉर्ड कमी आयी है.
आकलन परीक्षा का रिजल्ट इस माह अंत तक
पारा शिक्षकों की आकलन परीक्षा का रिजल्ट भी इस माह के अंत तक जारी कर दिया जायेगा. आकलन परीक्षा को लेकर जारी उत्तर कुंजी पर प्राप्त आपत्ति का निराकरण कर लिया गया है. इसके लिए जैक ने विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की टीम गठित की थी. जैक द्वारा अब फाइनल उत्तर जारी किया जायेगा. इसके बाद रिजल्ट जारी होगा. आकलन परीक्षा 30 जुलाई को हुई थी. जैक ने ओएमआर शीट भी जारी कर दी थी. आकलन परीक्षा में सफल शिक्षकों के मानदेय में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जायेगी. जो शिक्षक परीक्षा में सफल नहीं होंगे, उन्हें तीन और अवसर दिये जायेंगे. परीक्षा में सफल नहीं होने वाले शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी नहीं की जायेगी.
डीएसपीएमयू: इतिहास विभाग में शिक्षक दिवस समारोह
रांची: डीएसपीएमयू के इतिहास विभाग में रविवार को शिक्षक सम्मान सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर शिक्षकों और विद्यार्थियों ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद शिक्षकों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया. वहीं विभागाध्यक्ष प्रो राजेश कुमार सिंह, शिक्षिका हनी कुमारी, शुभ्रा लकड़ा और पुष्पा कुमारी ने विद्यार्थियों को संबोधित किया. इसके बाद विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. इस अवसर पर शिल्पी कुमारी, रिया पांडे, अक्षिता वर्मा, संदीप यादव, आशीष वर्मा और रोशन कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
राज्य में प्राथमिक और उच्च शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं : एसएफआइ
रांची: भारत का छात्र फेडरेशन (एसएफआइ) ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त बदहाली पर चिंता जतायी है. छात्र संगठन का कहना है कि झारखंड में 30% स्कूल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. ऐसे में एकल शिक्षकों की इस व्यवस्था को फौरन खत्म करने की जरूरत है. एसएफआइ की झारखंड राज्य कमेटी ने राज्य सरकार से इस बदहाली को दुरुस्त कर ठोस कदम उठाने की मांग की है. साथ ही भगत सिंह की जयंती के दिन से राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की घोषणा की.
एसएफआइ ने सीयूजे, राज्य के आवासीय विद्यालयों और आदिवासी व दलित छात्रावासों की खराब स्थिति का जिक्र किया. वहीं, शिक्षा के निजीकरण, व्यवसायीकरण व सांप्रदायिकरण, अनियमितता, नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, विश्वविद्यालयों की वित्तीय सहायता में कमी और पीएचडी सीटों की संख्या कम करने पर विस्तार से विमर्श किया गया. बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों से एसएफआइ के प्रतिनिधियों के साथ ही संयोजक मोद्दशर, दानिश, अनूप सोरेन, बबीता, बलिता मरांडी, गोपाल सिंह मुंडा और अमन कुमार ने हिस्सा लिया.