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पटना: नीलेश मुखिया की मौत के बाद बकाया पैसा लेने आया शूटर धराया, सुपारी देने वाला भी गिरफ्तार, ये हुई थी डील..

पटना के नीलेश मुखिया हत्याकांड मामले में पुलिस ने शूटरों को गिरफ्तार किया है. मर्डर की डील में सुपारी का एडवांस लेने के बाद अब बकाया पैसे लेने शूटर पटना आए थे. इसी बीच पुलिस को भनक लग गयी और सुपारी देने वाले के साथ शूटर को भी दबोच लिया.

पटना की वार्ड पार्षद सुचित्रा सिंह के पति नीलेश मुखिया की हत्या के मामले में पुलिस ने दो शूटर और सुपारी देने वाले शातिर को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार शातिरों में माे इमरान उर्फ लल्लू और उसका भाई क्याेस खान के अलावा सुपारी देने वाला विकास कुमार उर्फ विकास प्रसाद उर्फ विकास जायसवाल है. रविवार को एसएसपी राजीव मिश्रा ने इस घटना को लेकर बड़े खुलासे किए.

सुपारी की रकम लेने आये थे शूटर

पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने इमरान व क्योस को गंगा पथ से गिरफ्तार किया. दाेनाें भाई विकास से सुपारी की रकम लेने आये थे. शूटराें के पास से पुलिस ने दाे पिस्टल, चार मैग्जीन, पांच कारतूस और दो माेबाइल बरामद किये हैं. विकास दानापुर के तकिया पर का रहने वाला है.

कोलकाता से नेपाल और फिर पटना पहुंचे थे शूटर

एसएसपी ने बताया कि सुल्तानगंज थाने के कर्बला राेड के रहने वाले दाेनाें भाई इमरान और क्याेस घटना के बाद बिहारशरीफ से काेलकाता जाने के बाद फिर नेपाल भाग गये थे. पुलिस ने जब नेपाल में दबिश की, तो दोनों पटना के लिए रवाना हो गये. इसकी सूचना नेपाल में दबिश दे रही पुलिस टीम ने पाटलिपुत्र थाने को दी, जिसके बाद तीनों को गंगा पथ से गिरफ्तार कर लिया गया. नीलेश मुखिया काे 31 जुलाई काे कुर्जी माेड़ के पास गाेली मारी गयी थी. इलाज के दाैरान 23 अगस्त काे दिल्ली, एम्स में उनकी माैत हाे गयी. इससे पूर्व इस मामले में दो शूटर पहले भी पकड़े जा चुके हैं.

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10 लाख में सुपारी हुई थी तय

एसएसपी ने बताया कि इमरान व क्योस सुपारी की बाकी रकम लेने पटना पहुंचे थे. मिली जानकारी के अनुसार सुपारी की डीलिंग इमरान ने विकास के साथ मिलकर की थी. 10 लाख में सुपारी तय हुई थी. इसमें से किस्ताें में 5.50 लाख रकम इमरान काे मिल चुकी थी. 4.50 लाख रुपये बाकी थे.

नीलेश मुखिया हत्याकांड के मामले में सीसीटीवी की जांच और गिरफ्तार शूटर राजा व शहनवाज से पुलिस को एक अहम जानकारी मिली थी. सूत्रों ने बताया था कि पुलिस को बताया गया था कि नीलेश मुखिया की हत्या के लिए दो माह पहले लाल रंग की थार के मालिक ने 10 लाख रुपये शूटरों को दिये थे. हत्या वाले दिन यानि 31 जुलाई को घटना के दिन भी नीलेश के घर के आसपास लाल रंग की थार खड़ी थी, जिसमें दो लोग सवार थे. वहीं कार्यालय के बाहर सफेद रंग की एक एसयूवी खड़ी थी, जिसमें रेकी करने वाले लोग बैठे थे. उसी में एक काले रंग का चश्मा पहने हुए शख्स बार-बार शूटरों को लोकेशन बता रहा था. वहीं दूसरी ओर पाटलिपुत्र थाने को एक से दो दिनों में कुर्की-जब्ती के लिए वारंट मिल जायेगा.

राजा की गोली ने ली नीलेश की जान

मिली जानकारी के अनुसार दो बाइकों से चार शूटर इमरान, क्योस, राजा और अरबाज ने नीलेश पर सात गोलियां चलायी थीं. अंतिम में राजा ने नजदीक जाकर एक नीलेश के सिर में एक गोली मारी और वहीं गोली फंसी रह गयी, जिस वजह से नीलेश की मौत हो गयी. सूत्रों ने बताया कि एसयूवी कार के मालिक से पूछताछ की. कार मालिक ने बताया कि उसका परिचित उस दिन कार काे ले गया था. मालूम हो कि इस मामले में आठ शूटर व लाइनर शामिल हैं.

नीलेश मुखिया को मारी गयी थी गोली..

बता दें कि भाजपा नेता व वार्ड 22 बी की पार्षद सुचित्रा सिंह के पति निलेश मुखिया पर 31जुलाई की सुबह जानलेवा हमला किया गया था. नीलेश मुखिया को मौत के घाट उतारने की पूरी तैयारी पहले से की गयी थी. दीघा के रहने वाले पप्पू राय, धप्पू राय और गोरख राय ने पूरी साजिश रची थी. एक सुपारी किलर को इसके लिए हायर किया गया. जब नीलेश मुखिया अपने दफ्तर आ रहे थे तो फिल्मी अंदाज में उनपर गोलीबारी की गयी थी. नीलेश मुखिया का इलाज पटना में ही चल रहा था. जब हालत अधिक गंभीर हुई तो दिल्ली रेफर किया गया. जहां उनकी मौत इलाज के क्रम में हो गयी थी.

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