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Fish Farming: मछली उत्पादन में देश में बिहार चौथे नंबर पर, जानिए मछली पालन में पटना का क्या है हाल?

मछुआरों को मदद पहुंचाने के लिए केंद्र व बिहार सरकार की ओर से सहयोग किया जा रहा है. इससे युवा जुड़ रहे हैं. मछली उत्पादन को लेकर पटना आत्मनिर्भर हो जायेगा.

मछली उत्पादन में बिहार अब देश के टॉप 04 राज्यों में सुमार हो गया है. मछली पालन और इसके कारोबार में बिहार के कई ऐसे जिले हैं जिनका अहम योगदान हैं. लेकिन, बिहार में मछली पालन में सबसे बड़ा योगदान शेखपुरा जिले का है. 5 साल पहले तक मछली उत्पादन में बिहार काफी नीचे था. लेकिन अब धीरे-धीरे यह टॉप की तरफ बढ़ने लगा है. सरकार के आर्थिक सहयोग की वजह से शेखपुरा जिला जमुई, नालंदा, नवादा, लखीसराय, पटना, बेगूसराय आदि को ताजी मछली उपलब्ध करा रहा है. पटना जिले में मछली उत्पादन खपत के करीब पहुंचने पर है. जिले में सालाना लगभग 28 हजार मीटरिक टन खपत होती है.

खपत के अनुसार सालाना लगभग 26.19 हजार मीटरिक टन उत्पादन को लेकर काम हो रहा है.जिले में ग्रामीण इलाके में नये-नये तालाब के निर्माण होने, बायोफ्लॉक यूनिट का लाभ, मछली के चारे के मिल स्थापित होने, रेफ्रिजेरेटेड वाहन, आइस प्लांट, साइकिल-मोटरसाइकिल आइस बॉक्स आदि के लिए अनुदान मिलने से मछुआरों के द्वारा दिलचस्पी दिखायी जा रही है. यही कारण है पटना मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर होता जा रहा है.

बिहार में मछली पालन के लिए नए तालाब के निर्माण पर राज्य सरकार की तरफ से 90 फ़ीसदी तक सब्सिडी दी जा रही है. इसके साथ ही मछली बेचने के लिए गाड़ी और आइस बॉक्स खरीदने पर भी बिहार सरकार अनुदान दे रही है. इसके कारण ही बिहार में मछली का उत्पादन बढ़ा है. इसके बावजूद बिहार में दूसरे राज्यों से सालाना 870 करोड रुपए की मछली मंगाई जाती है. शेखपुरा जिले में करीब 195 सरकारी और 200 से अधिक निजी तालाब पर मछली पालन का काम किया जा रहा है.

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