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Bengaluru Airport पर बैग में मिले 72 विदेशी सांप, 17 किंग कोबरा भी जब्त

customs officials seized 72 snakes six dead capuchin monkeys bag on Bengaluru Airport: कर्नाटक के बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क अधिकारियों ने बुधवार को 55 बॉल अजगर, 17 किंग कोबरा और छह कैपुचिन बंदर जब्त किए.

एक विचित्र घटना में, बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क अधिकारियों ने किंग कोबरा और अन्य संरक्षित जानवरों को जब्त कर लिया है, जिन्हें थाईलैंड से एक उड़ान में तस्करी करके लाया गया था. रिपोर्ट्स की मानें तो उक्त जानवरों को थाई एयरएशिया की फ्लाइट में चेक-इन बैगेज में भरा गया था, जो बुधवार रात करीब 10.30 बजे बेंगलुरु में उतरी. बेंगलुरु में केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कस्टम विभाग के अधिकारियों के होश उस उक्त उड़ गए, जब उन्होंने एक बैग के अंदर 72 सांप और 6 मृत कैपुचिन बंदर देखे.

बेंगलुरु सीमा शुल्क द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया “रात 10:30 बजे बैंकॉक से फ्लाइट नंबर एफडी 137 एयर एशिया से आए सामान में कुल 78 जानवर थे, जिनमें 55 बॉल पायथन (अलग-अलग रंग के रूप में) और 17 किंग कोबरा शामिल थे. ये जीवित पाए गए और सक्रिय स्थिति में. हालांकि, छह (06) कैपुचिन बंदर मृत पाए गए,”

इसमें कहा गया है कि उक्त सभी 78 जानवर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची जानवर हैं और सीआईटीईएस के परिशिष्ट के तहत सूचीबद्ध हैं. जानवरों को सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 110 के तहत जब्त कर लिया गया. बयान में कहा गया है कि जीवित जानवरों को मूल देश में भेज दिया गया है और मृत जानवरों का उचित स्वच्छता उपायों के साथ निपटान किया गया है. आगे की जांच जारी है.

अनुसूचित पशु एक लुप्तप्राय प्रजाति को संदर्भित करता है जिसे विशेष सुरक्षा की आवश्यकता होती है. अधिकारियों को संदेह है कि जानवरों की तस्करी अंतरराष्ट्रीय पालतू व्यापार के लिए की गई थी. रिपोर्ट्स की मानें तो अजगर और किंग कोबरा को थाईलैंड भेज दिया गया है, जबकि मृत कैपुचिन बंदरों का उचित स्वच्छता उपायों के साथ निपटान किया गया था.

बेंगलुरु भारत के एक खूबसूरत शहर है जिसमें कई रोचक स्थान हैं जहां आप घूमने के लिए जा सकते हैं. चलिए जानते हैं विस्तार से.

बेंगलुरु पैलेस

बेंगलुरु पैलेस, भारत के कर्नाटक राज्य के शहर बेंगलुरु में स्थित एक इतिहासी और सुंदर महल है. यह पैलेस विक्टोरियन शैली में निर्मित है और एक गहन संरक्षित धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त है. इस पैलेस का निर्माण 1878 ईसी में महाराजा चामराजेंद्र वाडियार द्वारा शुरू किया गया था, और इसे उनके शिकार सैन्य द्वारा चिकन कृष्णराजेंद्र वाडियार के राज्याभिषेक के उपलक्ष्य में समर्पित किया गया था. 

लालबाग उद्यान

लालबाग उद्यान (Lalbagh Garden) बेंगलुरु में स्थित एक प्रसिद्ध बगीचा है. यह उद्यान शहर के मध्य में स्थित है और एक विशाल शहरी उद्यान के रूप में मान्यता प्राप्त है. लालबाग़ उद्यान का नाम उस भव्य लाल बगीचे से प्राप्त हुआ है, जिसमें विभिन्न प्रकार के फूल, पेड़, पौधों और वृक्षों का समृद्ध विकास किया जाता है. इसे 18वीं शताब्दी में मैसूर के हैदर अली के द्वारा विकसित किया गया था.

टिपू सुल्तान की समृद्धि स्तंभ

टिपू सुल्तान की समृद्धि स्तंभ (Tipu Sultan’s Prosperity Pillar) बेंगलुरु में स्थित है. यह स्तंभ टिपू सुल्तान द्वारा निर्मित गुंबद है जो उनकी समृद्धि का प्रतीक बना हुआ है. टिपू सुल्तान की समृद्धि स्तंभ का निर्माण 1799 ईसी में हुआ था, जब ब्रिटिश सेना ने टिपू सुल्तान को युद्ध में परास्त किया था और उनके शासन को समाप्त किया था. इस स्तंभ का मुख्य उद्देश्य टिपू सुल्तान की समृद्धि और शक्ति को स्मरण करना था. यह समृद्धि स्तंभ त्रिकोणीय आकार का है और इसकी ऊंचाई लगभग 5 मीटर है. 

नंदी हिल्स

नंदी हिल्स बेंगलुरु से लगभग 60 किलोमीटर दूर एक प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटन स्थल है. यह एक प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ स्थान है जो प्रकृति प्रेमियों के बीच खासा लोकप्रिय है. नंदी हिल्स का नाम नंदी भगवान शिव के वाहन वृषभ नंदी से जुड़ा हुआ है. परंपरागत कथाओं के अनुसार, इस स्थान पर नंदी वृषभ शिव की पूजा करने आए थे

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