Employment in India: भारत के युवाओं के लिए पिछले वर्ष के मुकाबले ये साल ज्यादा अच्छा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वर्ष से देश में हर साल करीब एक करोड़ युवाओं को रोजगार मिल रहा था. रोजगार देने में केंद्र सरकार से ज्यादा आगे राज्य सरकारें हैं. एसबीआई रिसर्च ने ईपीएफओ और एनपीएस के आंकड़ों का विश्लेषण करके एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान के EPFO सब्सक्राइबर्स की संख्या में 4.86 करोड़ की वृद्धि हुई है. इस वित्त वर्ष में रोजगार वृद्धि का ये ट्रेंड बरकरार है. पहले 3 महीने में ही EPFO के सब्सक्राइबर्स की संख्या शुद्ध आधार पर 44 लाख बढ़ चुकी है.
तीन महीने में होंगी और नियुक्तियां
भारत में नियोक्ताओं को अगले तीन महीनों में और नियुक्तियां होने की उम्मीद है, क्योंकि संगठन अपने कार्यबल के पेशेवरता बढ़ाने और सकारात्मक कार्य संस्कृति बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. एक सर्वेक्षण में मंगलवार को यह बात सामने आई. मैनपावरग्रुप रोजगार आउटलुक के विभिन्न क्षेत्रों के करीब 3,020 नियोक्ताओं पर किए नए सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले साल की समान अवधि की तुलना में भर्ती की मंशा में 17 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि तिमाही आधार पर इसमें मामूली एक प्रतिशत का सुधार देखा गया है. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में शुद्ध रोजगार दर 37 प्रतिशत रही, जो 2023 की जुलाई-सितंबर तिमाही से एक प्रतिशत अधिक है. हालांकि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में इसमें 17 प्रतिशत की गिरावट आई है.
‘राजनीतिक तथा आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद संकेत स्पष्ट’
मैनपावरग्रुप इंडिया एंड मिडिल ईस्ट के प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी ने कहा कि दुनिया भर में भू-राजनीतिक तथा आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद सर्वेक्षण के निष्कर्ष एक स्थिर अर्थव्यवस्था का स्पष्ट संकेत देते हैं. क्षेत्र-वार बात करें तो उत्तर में 40 प्रतिशत नियोक्ताओं ने मजबूत नियुक्ति की मंशा जाहिर की. वहीं पश्चिम में 38 प्रतिशत, दक्षिण में 36 प्रतिशत और पूर्व में 34 प्रतिशत नियोक्ताओं ने लोगों को नौकरी पर रखने का इरादा जाहिर किया.
देश में संगठित क्षेत्र में चार वित्त वर्ष में 5.2 करोड़ नये रोजगार सृजित
देश में संगठित क्षेत्र में वित्त वर्ष 2019-20 से 2022-23 के दौरान करीब 5.2 करोड़ नये रोजगार सृजित हुए हैं. इसमें शुद्ध रूप से 2.7 करोड़ रोजगार सृजित हुए. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), एनपीएस और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर एसबीआई रिसर्च की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. सरकार अप्रैल, 2018 से संगठित क्षेत्र में सृजित रोजगार के आंकड़े जारी कर रही है. रोजगार के बारे में जानकारी ईपीएफओ, राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) और ईएसआईसी से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर जारी की जा रही है.
चार साल में एनपीएस से करीब 31 लाख नये अंशधारक जुड़े
संगठित क्षेत्र में सृजित रोजगार के बारे में ईपीएफओ के पिछले चार साल के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 से 2022-23 के दौरान 4.86 करोड़ अंशधारक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़े. इसमें नई नौकरियों के साथ एक जगह से इस्तीफा देने के बाद दूसरी जगह नौकरी प्राप्त करने वाले शामिल हैं. आंकड़ों के अनुसार, दोबारा नौकरी हासिल करने वाले या फिर से ईपीएफओ के अंशधारक बनने वालों को अलग कर पहली नौकरी प्राप्त करने वालों की संख्या शुद्ध रूप से 2.27 करोड़ रही. एनपीएस के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में 8.23 लाख नये अंशधारक नई पेंशन योजना से जुड़े. इसमें राज्य सरकार के अंतर्गत 4.64 लाख, गैर-सरकारी क्षेत्रों में 2.30 लाख और केंद्र सरकार में 1.29 लाख अंशधारक जुड़े. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार साल में एनपीएस से करीब 31 लाख नये अंशधारक जुड़े. इसका मतलब है कि संचयी रूप से ईपीएफओ और एनपीएस में 5.2 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं. कुल नौकरियों में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 27 प्रतिशत रही.
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