Ganesh Chaturthi 2023 : बुद्धि, शुभता और सिद्धि के प्रदाता भगवान गणेश का दस दिवसीय उत्सव भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी, 19 सितंबर मंगलवार को गणेश चतुर्थी से आरंभ हो रहा है. पटना में इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गयी हैं. इसके लिए मूर्तिकार गजानन की मूर्तियों को आकार देने में जुटे हैं. पिछले साल के मुकाबले गणपति की मूर्तियों में बदलाव देखने को मिल रहा है. अधिकांश मूर्तिकार के पास अभी ऑर्डर के हिसाब से 70 फीसदी से ज्यादा काम खत्म हो चुका है.
मूर्तिकारों का कहना है कि इस वर्ष महंगाई का असर गणेशजी की मूर्ति पर भी पड़ने लगा है. मिट्टी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. वहीं मूर्ति निर्माण में सहायक अन्य सामग्री के दाम में भी वृद्धि के चलते गणेश जी की प्रतिमा की कीमत इस साल बढ़ गयी है.
मूर्तियों को अलग-अलग रूप दे रहे मूर्तिकार
शहर के मूर्तिकार इस बार अलग-अलग थीम पर मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं. बड़ी संख्या में धार्मिक थीम पर भी प्रतिमाएं बनायी जा रही हैं. शहर में कई जगहों पर पांच फीट से अधिक ऊंचाई की गणेश की प्रतिमाएं बनकर तैयार हो चुकी हैं. इनमें पीओपी की प्रतिमाएं भी शामिल हैं. बेली रोड में राजस्थान के कलाकार पीओपी से छोटे-छोटे मूर्तियां बना रहे हैं. इन मूर्तियों की कीमत दो सौ से चार हजार रुपये तक है.
15% महंगी हुई मूर्तियां
वहीं गांधी मैदान थाना के पास गजानन की मूर्तियां बना रहे राजेंद्र प्रजापति कहते हैं, इस बार मिट्टी की उपलब्धता मांग के अनुसार नहीं हो पा रही है. पिछले साल मिट्टी की ट्रॉली तीन हजार रुपये की थी, वह इस बार चार हजार रुपये देकर मिट्टी मंगवाए हैं. इसके साथ की लकड़ी की कीमत पिछले साल की तुलना में 10 से 15 रुपये प्रति फीट तक बढ़ गयी है. ऐसे में मूर्तियों की कीमत में 10- 15 फीसदी तक का बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने बताया कि अभी कुछ लोगों ने मूर्तियों की बुकिंग करायी है.
ऐश्वर्य की होगी प्राप्ति, हर विघ्न होंगे दूर
आचार्य राकेश झा ने बताया कि गणेश उत्सव का पर्व अनंत चतुर्दशी तक हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जायेगा. गणपति की उपासना से कार्य सिद्धि, ऐश्वर्य की प्राप्ति, जीवन से अवरोध और विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. गणेश चतुर्थी में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित कर मंत्रोच्चार से उनकी विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है.
19 सितंबर से गणेशोत्सव
इस बार गणेशोत्सव 19 सितंबर यानी मंगलवार को स्वाति नक्षत्र एवं वैधृति योग में शुरू होकर भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी यानी अनंत चतुर्दशी गुरुवार 28 सितंबर को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में संपन्न होगा. गणेश चतुर्थी में गणपति के साथ रिद्धि-सिद्धि की भी पूजा होगी.
भादो मास का प्रमुख पर्व है गणेश चतुर्थी
राकेश झा ने कहा कि चतुर्थी तिथि 18 सितंबर की सुबह 10:27 बजे से ही शुरू हो रहा है, जो 19 सितंबर मंगलवार की सुबह 10:53 बजे तक रहेगी. वैनायकी गणेश चतुर्थी का व्रत एवं चन्द्रमा को अर्घ्य चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी में 18 सितंबर को होगा. जबकि गणेश उत्सव का पर्व औदायिक चतुर्थी में 19 सितंबर मंगलवार को मनाया जायेगा.
चंद्रमा पर गणेश का स्वर्गलोक किया जा रहा तैयार
दारोगा राय पथ स्थित महाराष्ट्र मंडल का पंडाल इस बार परंपरागत पंडाल से बिल्कुल अलग नजर आयेगा. यहां इस बार चंद्रमा पर भगवान गणेश का स्वर्गलोक (महल) तैयार किया जा रहा है. ‘चंद्रयान-3’ से प्रेरित होकर कलाकार इसकी तैयारी में जुटे हैं. पंडाल को वरीय कलाकार विष्णु रजक की टीम तैयार कर रही है. इस टीम में छह कलाकार हैं. यहां लालबाग के राजा विराजेंगे.
चंद्रयान-3 की लैंडिंग दिखाई जाएगी
महाराष्ट्र मंडल के पंडाल में चांद पर चंद्रयान-3 को लैंड करते हुए दिखाया जायेगा. विष्णु ने बताया कि पंडाल का निर्माण पिछले 25 अगस्त से शुरू हुआ है. पंडाल को 600 से अधिक थर्माकोल से सजाया जा रहा है. चंद्रयान का मॉडल तैयार हो चुका है, लेकिन उसका अंतिम रूप देना बाकी है.
महाराष्ट्र मंडल के सचिव संजय भोंसले ने बताया कि पिछले 23 साल से श्री श्री गणेश उत्सव का आयोजन यहां किया जा रहा है. गणेश उत्सव में बिहार और महाराष्ट्र की संस्कृतियों की झलक देखने को मिलेगी. शहर के कई श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने पर विशेष भोग अर्पित करते हैं. श्रीकणात सांगली से आये कलाकार आ रहे हैं, जो विशेष अवसर पर सभी अतिथियों को पगड़ी बांधेंगे.
12 दिनों तक मनाया जाता है गणेश उत्सव
पुराने मीठापुर बस स्टैंड रोड न्यू (बिग्रहपुर) में पिछले 16 सालों से गणेश उत्सव का आयोजन किया जाता रहा है. यहां आयोजित होने वाले गणेश उत्सव की खासियत यह है कि 12 दिनों तक यह उत्सव मनाया जाता है. भगवान गणेश के साथ-साथ ऋद्धि-सिद्धि की प्रतिमा भी तैयार की जाती है.
27 सितंबर को होगा भंडारा
संघ के अध्यक्ष अजीत यादव ने बताया कि 18 सितंबर को पंडाल का अनावरण विधायक नितिन नवीन करेंगे. 19 सितंबर को शाम छह बजे कलश स्थापना और प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी. 27 सितंबर को जागरण संध्या और पूजा का समापन व खिचड़ी का भंडारा होगा. 29 सितंबर को विसर्जन यात्रा संपन्न होगा. श्रद्धालु 351 रुपये का सहयोग राशि देकर हांडी प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं.
12 फीट की होगी प्रतिमा
अजीत कुमार यादव ने बताया कि यहां वर्ष 2008 से गणेश पूजा का आयोजन किया जा रहा है. इस बार 16वां उत्सव मनाया जा रहा है. यहां की प्रतिमा इस बार 12 फीट की होगी. प्रतिमा को कुम्हार टोली (कोलकाता) के मूर्तिकार विश्वजीत पाल तैयार कर रहे हैं.