कोलकाता, मनोरंजन सिंह : पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. राज्य में पूजा की तैयारी शुरू हो चुकी है. खास बात है कि विदेशों में भी यहां की मूर्तियों की भारी डिमांड है. इस वर्ष भी मां दुर्गा की सौ से अधिक मूर्तियां 25 से अधिक देशों में भेजी जा रही हैं. इनमें सर्वाधिक दुर्गा प्रतिमाएं अमेरिका के लिए बुक हुई हैं. कुम्हारटोली मृत्तिका शिल्प सांस्कृतिक समिति के संयुक्त सचिव रणजीत सरकार के अनुसार यूएस में बसे भारतीय समुदाय के लोगों ने 48 मूर्तियों का ऑर्डर भेजा है. इनमें से 35 मूर्तियों भेजी जा चुकी हैं. शेष मूर्तियों को बनाने को लेकर शिल्पकार अपने स्टूडियो में व्यस्त हैं. अमेरिका के बाद सबसे अधिक प्रतिमाएं जर्मनी भेजी जा रही हैं. यहां की छह संस्थाओं ने ऑर्डर भेजा है. वहीं, इंग्लैंड से पांच, ऑस्ट्रेलिया से चार, आयरलैंड से तीन, फ्रांस और इटली से दो-दो और जापान, आबूधाबी, दुबई, न्यूजीलैंड, स्वीडन, सिंगापुर, कतर और सऊदी अरब से एक-एक मूर्ति का ऑर्डर मिला है. अन्य कई देशों से मूर्ति के लिए ऑर्डर मिला है.
कोरोना महामारी के बाद यह सबसे बड़ा ऑर्डर है. इस ऑर्डर से कुम्हारटोली के मूर्तिकार काफी खुश हैं. मूर्तियों का करीब 100 करोड़ का बिजनेस पाइपलाइन में है. खास यह है कि इसमें ओवरसीज बिजनेस की भी हिस्सेदारी बढ़ी है.
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अबूधाबी, दुबई, कतर और सऊदी अरब से भी मिले हैं ऑर्डर
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48 से अधिक मूर्तियां भेजी जा रहीं अमेरिका में
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06 संस्थानों ने जर्मनी से दिया है ऑर्डर
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10 से 60 किलो तक वजन, ढाई से 10 फीट तक है मूर्ति की ऊंचाई
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एक मूर्तिकार ने बताया कि दूसरे देशों को जाने वाली प्रतिमाओं की कीमत अमूमन दो से पांच लाख होती है. ऐसी मूर्तियां हल्की ही बनती हैं. अधिकतर मामलों में ये फाइबर की होती हैं, जिनकी ऊंचाई ढाई से 10 फीट के बीच रखी जाती है. वजन 10 किलो से 60 किलो तक. इससे इनकी हैंडलिंग आसान होती है. आयात-निर्यात का खर्च भी कम लगता है. इन पर आने वाला ट्रांजिट कॉस्ट लगभग 60 हजार से लेकर पांच लाख तक पड़ता है. जैसे-जैसे पूजा के दिन करीब आ रहे हैं, विदेशों से मूर्तियों का ऑर्डर करनेवालों के लगातार फोन आ रहे हैं. हम मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे हैं.