Bihar Suicide News: समस्तीपुर में एक महिला सिपाही ने बुधवार को अपनी जान दे दी. बिहार में महिला सिपाहियों की खुदकुशी के मामले लगातार सामने आते रहे हैं. भागलपुर, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी समेत कई जिलों में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जहां महिला सिपाहियों ने अपनी जिंदगी की इहलीला को समाप्त करने का फैसला कर लिया और आत्महत्या कर ली. पुलिस महकमे में हो रही ये खुदकुशी थमने का नाम नहीं ले रही है.
समस्तीपुर नगर थाना परिसर के वायरलेस भवन में एक महिला सिपाही ने बुधवार की देर शाम को आत्महत्या कर ली. मृतका की पहचान अर्चना कुमारी के रूप में हुई जो 112 कंट्रोल रूम में तैनात थी. उसने वायरलेस भवन में ही फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी. अर्चना कुमारी के पति भी समस्तीपुर में सिपाही हैं. आत्महत्या की वजह सामने नहीं आयी है.
महिला सिपाही की खुदकुशी के ये मामले पहले भी सामने आए. भागलपुर में एक महिला कॉंस्टेबल ने अपने पति से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी. भागलपुर जंक्शन स्थित आरपीएफ पोस्ट पर तैनात महिला कांस्टेबल नीतू कुमारी(23 वर्ष) ने अपने पति से फोन करने के दौरान ही खुदकुशी कर ली थी. अपने सरकारी क्वार्टर के कमरे में नीतू ने फंदे से लटककर जान दे दी थी. जब उसके पति ने पत्नी को ये कदम उठाता देखा तो एक पदाधिकारी को फोन करके कहा कि मेरी पत्नी को बचा लिजिए. लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी थी. जबतक पुलिसकर्मी वहां पहुंचे. नीतू की सांसे रूक चुकी थी. शव फंदे से लटक रहा था. बताया गया था कि नीतू का उसके पति से विवाद चल रहा था और तंग आकर उसने अपनी जान दे दी थी.
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पिछले ही महीने अगस्त में पूर्णिया में एक महिला सिपाही ने खुदकुशी कर ली थी. इसकी सूचना पुलिस को घटना के चार दिन बाद मिली थी. जब घर से बाहर बदबू निकलने लगा तब पुलिस को इसकी सूचना मिली. मृत महिला सिपाही नीतू राई (33 वर्ष) थी. वह यातायात थाना में तैनात थी और करीब 6 दिनों से दफ्तर नहीं आ रही थी. एक महिला सहकर्मी जब उससे मिलने उसके कमरे में गयी तो बदबू महसूस किया. अंदर का दृश्य देखकर पुलिस दंग रह गयी थी. महिला सिपाही की लाश पंखे से लटक रही थी. पहले वह पुलिस कार्यालय में अपराध शाखा में थी. उसके बाद यातायात थाने में महज 15 दिन पहले योगदान दिया था. नीतू राई पूर्णिया में अकेली रहती थी. उसकी दो बेटियां सिलीगुड़ी में अपनी दादी के साथ रहती थी. परिजनों ने अकेलेपन की वजह से ऐसा कदम उठाने की आशंका जताई थी.
केंद्रीय कारा मोतिहारी में तैनात महिला कक्षपाल ने जून महीने में गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतका सीवान के दरौधा की रहने वाली किरण कुमारी थी. जो अपनी सहेली आरती के साथ रहती थी. आरती 10 बजे ड्यूटी पर गयी थी. इसी बीच किरण ने गले में फंदा लगा लिया था और खुदकुशी कर ली थी. जब दूध देने वाले ने दरवाजा खटखटाया तो किरण को फंदे से लटका पाया था.
इसी साल फरवरी महीने में मुजफ्फरपुर के बेला थाने में तैनात नालंदा की रहने वाली महिला सिपाही नेहा भारती ने जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की थी. उसने सुसाइड नोट तक लिख लिया था जिसमें बेला थाने के थानेदार पर आरोप लगाए गए थे. सिपाही नेहा ने आरोप लगाया था कि उसे थानेदार छुट्टी नहीं देते हैं और अभद्र व्यवहार करते हैं जिससे आहत होकर आत्महत्या कर रही है. वहीं सिपाही के भाई ने बताया था कि उसकी बहन बीते 10 दिनों से तनाव में थी. मां का ऑपरेशन जरूरी था लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिल रही थी. वह बताती थी कि नये थानेदार छुट्टी नहीं देते हैं.
मुजफ्फरपुर के ब्रहम्पुरा थाने में तैनात महिला सिपाही कविता कुमारी का पुणे के एक होटल से शव मिला था. कविता भोजपुर के कोईलवर की रहने वाली थी. एक कार्रवाई के लिए पुलिस की टीम पुणे गयी थी जिसमें कविता भी शामिल थी. पुलिस ने बताया था कि एक होटल में सभी ठहरे थे. अचानक कविता का शव फंदे से लटका पाया गया था. मृतका के भाई ने बताया था कि करीब 6 महीने पहले कविता की शादी हुई थी. वन विभाग में उसके पति काम करते हैं. घटना की शाम को पति से फोन पर बातचीत भी हुई थी.
छपरा के बनियापुर थाने में तैनात महिला सिपाही मोनम कुमारी ने खुद को गोली मार ली थी. खुदकुशी का प्रयास करने वाली कांस्टेबल समस्तीपुर की रहने वाली थी. थाने में शांति समिति की बैठक चल रही थी जिसमें थानेदार भी मौजूद थे. अचानक महिला सिपाही ने खुद को गोली मार ली. थानेदार फौरन महिला सिपाही को लेकर अस्पताल गए थे. एसपी भी अस्पताल आए थे.
पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र के सैदपुर में महिला सिपाही संजू कुमारी ने खुदकुशी कर ली थी. वह डायल 112 में तैनात थी और रोहतास की रहने वाली थी. किराये के मकान में बीते साल उसने फंदे से झूलकर अपनी जान दे दी थी. ऐसा ही मामला बेतिया में हुआ था जहां महिला सिपाही खुशबू ने आत्महत्या की थी. डायल 112 में ही खुशबू की भी तैनाती थी. उसके कमरे से फंदे से लटकता शव बरामद किया गया था. ऐसे कई और मामले सामने आ चुके हैं जिसमें महिला सिपाहियों ने खुदकुशी का रास्ता मजबूरन चुना.