पश्चिम बंगाल में पिछले दस वर्षों में बिजली वितरण कंपनी का दुर्गापूजा से बिजली कनेक्शन लगभग दोगुना हो गया है. यह बात कहते हुए बिजली मंत्री अरूप विश्वास ने दावा किया है कि इस बार कनेक्शन की मांग और ज्यादा बढ़ सकती है. पूजा की तैयारी को लेकर उन्होंने बिजली कंपनियों के साथ बैठक की. बाद में कहा उस समय राज्य भर में निर्बाध बिजली आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं होगी. राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों की दैनिक उत्पादन क्षमता 10,320 मेगावाट होगी, जो मांग से कहीं अधिक है.
पूजा समितियों को बिजली बिल में छूट देने की राज्य सरकार की घोषणा ने इस साल भी विवाद खड़ा कर दिया है. विपक्षी खेमे और संबंधित क्षेत्रों के श्रमिक संघों के एक वर्ग का दावा है कि अगर बिजली कंपनी की वित्तीय स्थिति खराब होती है, तो इससे ग्राहक के कंधों पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है. उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि कानून के मुताबिक राज्य को बिल छूट के लिए धन वितरण एजेंसी को अग्रिम भुगतान करना होता है. लेकिन पिछले दो साल में कोई पैसा नहीं दिया गया. हालांकि अरूप विश्वास के मुताबिक यह उनका आंतरिक मामला है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि सरकारी बिजली कंपनियां सरकारी सब्सिडी पर चलती हैं. सरकार का लक्ष्य उन्हें नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से जल्दी आत्मनिर्भर बनाना है.
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मंत्री ने कहा कि 2011 में राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने 20,970 पूजाघरों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया था. पिछले साल यह बढ़कर 40,124 हो गया. इस बार और अधिक वृद्धि की उम्मीद है. सीईएससी क्षेत्र में 5000 से अधिक बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकता है. संबंधित हलकों के मुताबिक दस साल में कुछ नई पूजाएं शुरू होने से अवैध तरीकों की बजाय नियमों के मुताबिक बिजली कनेक्शन लेने का चलन भी बढ़ा है. खासकर सरकारी अनुदान पाने के लिए हर चीज का कानूनी होना जरूरी है.
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अरूप विश्वास के अनुसार पुलिस, अग्निशमन विभाग, बिजली विभाग और तीन बिजली कंपनियों के लगभग 70,000 स्थायी और अस्थायी कर्मचारी दुर्गा पूजा के दौरान काम करेंगे. उन्होंने दावा किया कि पूजा के दौरान सभी की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं. 2363 वैन संबंधित क्षेत्रों में भ्रमण कर निम्न एवं उच्च दाब प्रणालियों की जांच करेंगी. वितरण कंपनी के 1536 कार्यालयों में कंट्रोल रूम दिन व रात खुला रहेगा. आपातकालीन स्थिति में ग्राहक टोल फ्री नंबर (19121) और विद्युत भवन नियंत्रण कक्ष नंबर (8900793503/04) पर कॉल कर सकते हैं. पूरी व्यवस्था के सामान्य रख रखाव के साथ-साथ पूजा के विशेष कार्यक्रम के अनुसार अगले 20 दिनों तक तैयारी पूरी कर ली जायेगी.
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हालांकि राज्य बिजली विभाग ने पूजा समितियों से अनुरोध किया है कि यदि संबंधित पूजा लाइसेंस प्राप्त ठेकेदार वितरण कंपनियों को लिखित रूप से अपनी मांग बताते हैं तो बिजली की बर्बादी को रोकने में कोई समस्या नहीं होगी. कोई भी समिति जर्जर तार का प्रयोग न करें. कनेक्शन के स्रोत से पाइपलाइन तक बिजली कनेक्शन लिया जाना चाहिए. बिजली मंत्री ने कहा कि पिछले साल चतुर्थी में बिजली की मांग सबसे ज्यादा 8576 मेगावाट थी. इस बार पूर्वानुमान है कि पंचमी में यह अधिकतम (9743 मेगावाट) हो सकती है.
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