आनेवाले त्योहारी सीजन के दौरान महंगाई को काबू में रखने और अनाजों की कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए केंद्र सरकार तत्पर दिख रही है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को कहा कि देश में गेहूं, चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति पर्याप्त है और सरकार काला बाजारी करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है. इससे आगामी त्योहारों के दौरान इन खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतें काबू में रहेंगी. उन्होंने कहा कि जब भी जरूरत पड़ती है, सरकार जरूरी कदम उठाती है.
चीनी की कीमतें स्थिर बनी हुई है
चीनी के बारे में उन्होंने कहा कि हालांकि इसकी कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन अगस्त में कम मानसूनी बारिश के कारण कमी की आशंका को लेकर अफवाह के कारण हाल में कुछ जगह कीमतों में तेजी आयी है. देश में 85 लाख टन का पर्याप्त चीनी भंडार है. यह साढ़े तीन महीने की जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है. सरकार ने 25 लाख टन चीनी जारी की है. अगस्त में दो लाख टन अतिरिक्त चीनी जारी की गयी है. उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर चीनी की उपलब्धता अच्छी है. सरकार इस साल गन्ना उत्पादन में गिरावट को लेकर उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इसमा) की आशंका से सहमत नहीं है. इसका कारण यह है कि इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक और महाराष्ट्र में अच्छी बारिश हुई है और हमें उम्मीद है कि इससे गन्ने का उत्पादन बेहतर रहेगा.
कीमतों में आयी वृद्धि के बाद सरकार ने गेहूं की स्टॉक सीमा घटायी
खाद्य सचिव ने कहा कि गेहूं की कीमतों में तेजी के बीच तत्काल प्रभाव से व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा व्यापारियों के लिए भंडार सीमा को 3000 टन से घटा कर 2000 टन किया गया है. देश में इसका पर्याप्त भंडार है और खुदरा कीमतें वर्तमान में औसतन 30 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश लगाने और कीमतों को काबू में रखने के लिए व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं पर भंडार सीमा को और कम कर दिया है. 31 अगस्त की स्थिति के अनुसार, सरकार के पास 255 लाख टन गेहूं का भंडार था, जबकि जरूरत 202 लाख टन की है. उन्होंने कहा कि परिस्थिति के अनुसार सरकार खुले बाजार में गेहूं की आक्रामक तरीके से बिक्री की जा सकती है.
नकारात्मक धारणा के कारण बढ़े चावल के दाम, कमी की बात नहीं
चावल के बारे में खाद्य सचिव ने कहा कि इसके दाम में 10 प्रतिशत वृद्धि को लेकर हम चिंतित हैं. कीमत में वृद्धि का मुख्य कारण नकारात्मक धारणा है, जो कुछ लोग बना रहे हैं. यह कहा जा रहा है कि इस साल मानसून इतना अच्छा नहीं रहा है और चावल का उत्पादन प्रभावित होने वाला है. सचिव ने कहा, मैं यह बताना चाहूंगा कि फसल की स्थिति अच्छी है. कमी जैसी कोई बात नहीं है.
खाद्य तेल का हुआ रिकॉर्ड आयात, मौजूद है अतिरिक्त भंडार
खाद्य सचिव चोपड़ा ने खाद्य तेल के बारे में कहा कि देश में वर्तमान में 37 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया है, जो पिछले साल के 27 लाख टन से अधिक है. कम वैश्विक कीमतों का फायदा उठाते हुए उद्योग ने इस साल रिकॉर्ड खाद्य तेल का आयात किया है. कुल मिलाकर हमारे पास अतिरिक्त भंडार है और परिणामस्वरूप, आने वाले दिनों में किसी प्रकार कमी या कीमतों में वृद्धि की आशंका नहीं है.
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