पटना. बिहार में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर अपराध में इस बढ़ोतरी का असर बच्चों पर भी दिख रहा है. पटना जैसे शहर में अब नाबालिकों का साइबर अपराध में शामिल होना चिंता का विषय बनता जा रहा है. पिछले दिनों पटना के एक एटीएम से अवैध रूप से पैसे निकालती हुई एक लड़की को गिरफ्तार किया गया था. गुरुवार को साइबर ठगी में भी नाबालिग के शामिल होने का खुलासा पटना पुलिस ने किया है. पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने गुरुवार को फिर से एक बड़े साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस बार गिरोह के नाबालिग शातिर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
साइबर ठग गिरोह के लिए कमिशन पर काम करता है नाबालिग
नाबालिग मूल रूप से नालंदा का रहने वाला है और पटना में साइबर ठग गिरोह के लिए कमिशन पर काम करता है. गिरफ्तार नाबालिग के पास से अलग-अलग बैंकों के एक दर्जन से अधिक डेबिट कार्ड मिले हैं. मिली जानकारी के अनुसार हनुमान नगर स्थित एक एटीएम के पास नाबालिग खड़ा था. पुलिस की गश्ती गाड़ी को देख नाबालिग घबरा गया और वहां से आगे बढ़ गया. नाबालिग के संदिग्ध गतिविधि को देख शक हुआ तो गाड़ी रोक जैसे ही पुलिस उतरी नाबालिग भागने लगा, जिसे पुलिस ने खदेड़ कर पकड़ लिया. भागने के कारण पूछने पर पहले तो नाबालिग तरह के बहाने बनाने लगा. बाद में जब उसके पैकेट की तलाशी ली गयी तो पैकेट से कई सारे एटीएम कार्ड बरामद किये गये. पुलिस तुरंत नाबालिग को हिरासत में लेकर थाना ले आयी. पुलिस ने नाबालिग को जुमेनाइल में भेज दिया.
भइया ने कहा था पैसा निकाल कर ले आओ…
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब पुलिस ने नाबालिग युवक से पूछताछ की तो उसने बताया कि हनुमान नगर के ही रहने वाला एक युवक उसे पैसा निकालने के लिए भेजता है. पैसा निकालकर देने के बाद उसे कमिशन दिया जाता है. आज भी भइया ने कहा था पैसा निकाल कर ले आओ…पुलिस ने उसके पास से मोबाइल भी बरामद किया है, जिसमें कई संदिग्ध नंबर मिले हैं. नाबालिग ने साइबर ठग गिरोह के कई राज खोले हैं, जिसकी पुलिस जांच कर रही है.
पटना में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी करता है नाबालिग
सूत्र ने बताया कि नाबालिग पटना में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी करता है. कोचिंग आने-जाने के दौरान नाबालिग का संपर्क साइबर शातिर से हुआ. इसके बाद कमिशन के लालच नाबालिग ने पैसा निकालने का काम शुरू कर दिया. जानकारी के अनुसार नाबालिग को करीब दस हजार रुपये महीने का मिलता है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि नाबालिग ने कई साइबर शातिरों का नाम, पता और मोबाइल नंबर दिया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
फोन पे क्लोन कर होती है सबसे अधिक ठगी, पटना में 40 केस आ चुके हैं सामने
आज की तारीख में सबसे अधिक साइबर अपराध मोबाइल के कारण हो रहा है. जानकारों का फोन चोरी को एक सामान्य चोरी समझना लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है. पिछले तीन महीने में पटना में 40 ऐसे केस सामने आ चुके हैं, जिसमें मोबाइल चोरी के बाद पीड़ित के बैंक अकाउंट में सेंध लगाया गया है. पटना रेल डीएसपी सह पटना रेल साइबर थाना के एसएचओ सुशांत चंचल ने इस संबंध में यह बताया कि इन दिनों मोबाइल की चोरी को सिर्फ चोरी समझना भारी पड़ जाएगा. चंद मिनटों में आपका बैंक अकाउंट खाली हो जाएगा. शातिरों के पास जैसे ही कोई मोबाइल हाथ लगता है. वो पासवर्ड रिसेट कर देते हैं. आपके मोबाइल में पेटीएम या फोन पे को क्लोन कर अपने मोबाइल पर आपके मोबाइल का सभी एप ट्रांसफर कर देते हैं. वहां से अलग-अलग लोगों को या किसी दुकान से ज्यादा अमाउंट की खरीददारी कर लेते हैं. शातिर पहले आपके मोबाइल में आधार अनेबल पेमेंट सिस्टम डाउन लोड कर के खाता खाली कर देते हैं.