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एमएस धोनी ने आज ही के दिन शुरू की थी भारत के ‘ट्रॉफी कलेक्टर’ के रूप में अपनी यात्रा, जानें पूरा सफर

महेंद्र सिंह धोनी को निर्विवाद रूप से भारत का सबसे सफल कप्तान माना जाता है. धोनी ने अपनी कप्तानी में आईसीसी की तीनों ट्रॉफियां जीती हैं. एमएस धोनी ने आज ही के दिन 2007 में भारतीय टीम की कप्तानी संभाली थी, वह भी टी20 वर्ल्ड कप में. धोनी ने वह ट्रॉफी पाकिस्तान को हराकर जीती.

आज ही के दिन 2007 में महान विकेटकीपर-बल्लेबाज एमएस धोनी ने टीम इंडिया के लिए कप्तान के रूप में पदार्पण किया था. इसके बाद से क्रिकेट के दीवाने इस देश में खेल का पूरा स्वरूप बदल गया. आईसीसी टी20 विश्व कप 2007 में दो चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच हाई-प्रोफाइल में धोनी ने कप्तान के रूप में करियर की शुरुआत की. उस मैच में भारत 20 ओवर में 141/9 रन बनाने के बावजूद मैच टाई कराने में कामयाब रहा. भारत ने बाद में बॉल-आउट के माध्यम से मैच जीत लिया, जिसमें दोनों पक्ष के खिलाड़ियों को विकेट पर निशाना साधना था.

पहले टूर्नामेंट में धोनी ने जीती ट्रॉफी

एक कप्तान के रूप में महेंद्र सिंह धोनी का पहला टूर्नामेंट पूरा सफल रहा. मेन इन ब्लू ने फाइनल में पाकिस्तान को पांच रनों से हराकर उद्घाटन आईसीसी टी20 विश्व कप खिताब पर कब्जा किया था. धोनी का शांत संयम, अपनी युवा, नए रूप वाली टीम पर भरोसा और उनके असामान्य फैसले ने आने वाले समय की दिशा तय की. उन्होंने खिताबी मुकाबले में जोगिंदर शर्मा को मौका दिया, जिन्होंने रन लुटाए.

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28 साल का बाद धोनी ने जीती आईपीएल ट्रॉफी

धोनी की कप्तानी में भारत ने 2011 में 28 साल बाद आईसीसी क्रिकेट विश्व कप पर कब्जा जमाया था. जिसमें धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में नाबाद 91 रन बनाए और विजयी छक्का लगाया. मेन इन ब्लू ने 2013 में प्रतिष्ठित आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी पर भी कब्जा किया. इसके अलावा, यह धोनी की कप्तानी में ही संभव हुआ कि भारत ने 15 साल पहले 2010 में अपना पहला एशिया कप खिताब जीता था.

टिकट कलेक्टर से बनें ट्रॉफी कलेक्टर

एक रेलवे स्टेशन पर टिकट कलेक्टर के रूप में काम करने वाले एमएस धोनी देखते ही देखते भारत के ‘ट्रॉफी कलेक्टर’ बन गये. इतनी आसानी और आत्मविश्वास के साथ ट्रॉफियां जीतना किसी भारतीय कप्तान में पहले कभी नहीं किया. इन बड़ी जीतों ने शांति, युवाओं में बिना शर्त विश्वास, सकारात्मकता और जोखिम को उनकी कप्तानी की सबसे बड़ी पहचान के रूप में स्थापित किया.

धोनी ने युवाओं को निखारा

रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा जैसे कई तत्कालीन युवाओं के प्रदर्शन ने साबित किया कि धोनी अपनी जगह कितने सही थे. इसी की वजह से वह सभी प्रमुख आईसीसी खिताब जीतने वाले और भारत का मार्गदर्शन करने वाले एकमात्र कप्तान बन गए. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम 2009 में टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गयी.

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60 टेस्ट मैच में धोनी की भारत की कप्तानी

धोनी ने 60 टेस्ट मैचों में भारत का नेतृत्व किया, जिसमें 27 जीते, 18 हारे और 15 ड्रॉ रहे. उनके 45.00 के जीत प्रतिशत ने सौरव गांगुली को पीछे छोड़ दिया और वह उस समय भारत के अग्रणी टेस्ट कप्तान बन गए. आने वाले वर्षों में 58.42 प्रतिशत की जीत प्रतिशत और कई ऐतिहासिक विदेशी जीतों के साथ वह और बेहतर हो गए. लंबे प्रारूप में कप्तानी के बोझ ने एमएस को कभी प्रभावित नहीं किया. उन्होंने कप्तान के रूप में 60 मैचों में 40.63 की औसत से 3,454 रन बनाए, जिसमें 96 पारियों में पांच शतक और 24 अर्द्धशतक शामिल थे. एक कप्तान के तौर पर उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 224 रन था.

धोनी ने 200 वनडे में भारत की कप्तानी की

उन्होंने 200 एकदिवसीय मैचों में भारत का नेतृत्व भी किया. इनमें से उसने 110 जीते, 74 हारे, पांच बराबरी पर रहे और 11 का कोई नतीजा नहीं निकला. उनका 55.00 प्रतिशत का जीत प्रतिशत उन्हें अब तक के सर्वश्रेष्ठ वनडे कप्तानों में से एक बनाता है. एक कप्तान और खिलाड़ी दोनों के तौर पर वनडे धोनी का सबसे मजबूत प्रारूप था. धोनी ने भारत का नेतृत्व करते हुए 200 मैचों की 172 पारियों में 53.55 की औसत से 6,641 रन बनाए. उन्होंने छह शतक और 47 पारियां खेलीं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 139 रहा. उनका स्ट्राइक रेट 86.21 था.

धोनी ने टी20 में बनाए 1,112 रन

धोनी ने 72 टी20 इंटरनेशनल में भारत का नेतृत्व किया. धोनी ने उनमें से 41 मैच जीते, 28 हारे, एक टाई रहा और दो बेनतीजा रहे. उनका जीत प्रतिशत 56.94 है. एक कप्तान के रूप में, उन्होंने टी20 इंटरनेशनल में 37.06 की औसत और 122 से अधिक की स्ट्राइक रेट से 1,112 रन बनाए. हालांकि, वह अर्धशतक नहीं बना सके, उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 48 था.

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धोनी ने 332 मैचों में की भारत की कप्तानी

कुल मिलाकर, धोनी ने 332 मैचों में भारत का नेतृत्व किया, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी भी कप्तान द्वारा सबसे अधिक है. इनमें से उन्होंने 178 मुकाबले जीते, 120 हारे, छह बराबरी पर रहे और 15 का कोई नतीजा नहीं निकला. एक कप्तान के तौर पर उनका जीत प्रतिशत 53.61 है. यह उनके द्वारा जीती गई ट्रॉफियों के साथ मिलकर उन्हें भारत का अब तक का सबसे सफल कप्तान बनाता है.

धोनी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 224 रन

इन 332 मैचों में, उन्होंने 330 पारियों में 46.89 की औसत और 76 से अधिक की स्ट्राइक रेट से 11,207 रन बनाए. उन्होंने एक कप्तान के रूप में 11 शतक और 71 अर्द्धशतक बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 224 था. यह कहना एकदम सही होगा कि कप्तानी का बोझ एमएस धोनी पर कभी भी नहीं रहा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी सफलता का असर फ्रेंचाइजी क्रिकेट पर भी पड़ा. उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) और राइजिंग पुणे सुपरजायंट (आरपीजी) का प्रतिनिधित्व और नेतृत्व किया. धोनी ने 2010, 2011, 2018, 2021 और 2023 में सीएसके के लिए पांच आईपीएल खिताब जीते. उन्होंने 2010 और 2014 में सीएसके के लिए दो चैंपियंस लीग टी20 खिताब भी जीते.

धोनी ने आइपीएल में भी की शानदार कप्तानी

एक कप्तान के रूप में अपार जिम्मेदारी के बावजूद, अपनी फ्रेंचाइजी के लिए खेलते समय भी धोनी की बल्लेबाजी पर कोई असर नहीं पड़ा. उन्होंने 250 आईपीएल मैचों में 38.79 की औसत और 135.92 की स्ट्राइक रेट से 5,082 रन बनाए हैं. उन्होंने 24 अर्धशतक बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 84 रन है. वह आईपीएल इतिहास में सातवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं. धोनी 2024 सीजन में भी आईपीएल खेलते दिख सकते हैं.

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