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मुजफ्फरपुर नाव हादसाः या अल्लाह, हमर साजदा भी डूब गयी, कोई ता ढूंढ़ के ला द…

Muzaffarpur boat accident नाव पलटी तो उसमें शमशूल भी डूब गया. परिजनों में घटना के बाद से चीख- पुकार मची हुई है. एक दिव्यांग बुजुर्ग मां व तीन छोटे- छोटे बच्चें को कौन खाना देगा. इसकी चिंता लोगों को सता रही है.

या अल्लाह, हमर साजदा भी डूब गयी है, कोई त ढूंढ़ के ला दा हो भाई सब. अब हम केकरा सहारे जीवई. हमर बच्ची की जगह पर हम काहे न डूब गइली. सजदा की डूबने की खबर के बाद उसकी मां बदहवाश हो गयी थी. वह नदी के घाट पर पहुंच कर लोगों से अपनी बेटी को खोज कर लोने की गुहार लगा रही थी. 11 वर्षीय साजदा भी अपने घर के लिए राशन लेने के लिए ही निकली थी. लेकिन, नाव हादसे का शिकार हो गयी.

बूढ़ी मां व तीन बच्चों का अब कौन करेगा भरण- पोषण

मो. शमशूल कान से थोड़ा ऊंचा सुनता था. वह मजदूरी करके अपनी बुजुर्ग मां व तीन छोटे- छोटे बच्चे का गुजारा करता था. गुरुवार को घर में कुछ खाने को नहीं था. राशन बंटने की सूचना पर वह घर से झोला लेकर निकला था. जब नाव पलटी तो उसमें शमशूल भी डूब गया. परिजनों में घटना के बाद से चीख- पुकार मची हुई है. एक दिव्यांग बुजुर्ग मां व तीन छोटे- छोटे बच्चें को कौन खाना देगा. इसकी चिंता लोगों को सता रही है.

चचेरी बहनों के डूबने से परिजनों में मची चीख- पुकार, दारोगा बनने का था सपना

10 वीं की छात्रा सुस्मिता व नौवीं में पढ़ने वाली उसकी चचेरी बहन राधा के डूबने के बाद उसके परिजनों में चीख- पुकार मची थी. राधा व सुस्मिता का दारोगा बनने का सपना था. दोनों बहन आपस में काफी घुल- मिलकर रहती थी. परिजनों का कहना था कि कम संसाधन में भी दोनों बहने पढ़ने में काफी मेघावी थी. दोनों हमेशा कहा करती थी कि देखना मेरे बदन पर एक ना एक दिन वर्दी जरूर चढ़ेगी. लेकिन, गुरुवार को दोनों नाव हादसे का शिकार हो गयी.

नदी किनारे चीत्कार मारकर कोई सास तो कोई ससुर की कर रही थी तलाश

राशन लाने के लिए घर से निकली गीता देवी की डूबने की खबर मिलने के बाद उसकी बहू शकुंती देवी घर से भागते- भागते मधुरपट्टी घाट पर पहुंची. यहां नदी किनारे बैठकर चीत्कार मार रही थी. गीता देवी घर से राशन लेने के लिए भागवतपुरा जा रही थी. इधर, शिवजी चौपाल की भी बहू खुशबू नदी किनारे बैठकर दहाड़ मारकर रो रही थी. वह भी राशन लाने के लिए ही घर से निकला था.

 हेलो, माई घर से राशन लेवे निकलई ह की न, चेक करके बताव

हेलो ….. हेलो माई घर से निकलई ह की न, चेक करके बता. हम अभी मधुरपट्टी घाट पर हती. यहां भटगामा घाट पर नाव पलट गेलई ह. बहुते लोग डूब गेलई ह. जल्दी चेक के बतावा कि माई घर ही है ना. यह कहना था नाव पलटने की सूचना पर घाट पर पहुंचे मधुरपट्टी गांव के राहुल कुमार का. वह अपने घर पर मोबाइल से फोन से पत्नी से पूछा कि माई घर पर है ना . जब उधर से उसकी पत्नी ने कहा कि हां, तब उसकी जान में जान आयी.

डूबे बेटे का नहीं चला पता तो मां भी पानी में लगा दी छलांग

16 वर्षीय रितेश कुमार 10 वीं का फॉर्म भरने जा रहा था. इस दौरान वह नदी में डूब गया. इसकी सूचना पर परिजनों में चीत्कार मची हुई थी. करीब चार घंटे तक परिवार वाले आश लगाए रहे. इस बीच उसकी मां का धैर्य जबाव दे दिया. वह दौड़ कर नदी में कूछ गयी. इस बीच वहां मौजूद स्थानीय लोगों ने किसी तरह से महिला को सुरक्षित बाहर निकाला.

सरैया में नदी में लगाया गया जाल, नहीं मिला सुराग

मधुरपट्टी गांव से आगे करीब छह किलोमीटर तक एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम ने नदी में तलाश की. इस बीच स्थानीय एक जनप्रतिनिधि ने बताया कि आठ किलोमीटर आगे सरैया में नदी को जाल से घेरा गया है. लेकिन, देर शाम तक उस जाल में भी एक भी डूबा बच्चा या बुजुर्ग नहीं मिल पाया है.

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