ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में गुरुवार को स्क्रब टाइफस के 30 मामले मिलने के बाद जिला प्रशासन की चिंता बढ़ गयी है. जिले में कुल मामलों की संख्या 162 पहुंच गयी है, जो राज्य में सबसे अधिक बतायी जा रही है. 12 सितंबर तक जिले में 132 लोगों में स्क्रब टाइफस का पता चला. उनमें से बड़गांव ब्लॉक के तुड़ालगा के सहदेव तेली की इस बीमारी के कारण मौत हो गयी. जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी कान्हू चरण नायक ने बताया कि सहदेव में स्क्रब टाइफस का पता चला था, लेकिन वह अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे. सुंदरगढ़ जिले में माझापाड़ा से सबसे अधिक 40 और सुंदरगढ़ शहर से 19 लोग संक्रमित हुए हैं.
चिगर्स नामक कीड़े के काटने से होता है संक्रमण
स्क्रब टाइफस संक्रमण आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच देखा जाता है. मानव शरीर में यह संक्रमण चिगर्स नामक कीड़े के काटने से शुरू होता है. प्रभावित व्यक्ति को तेज बुखार के साथ चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द होता है. समय पर लक्षण पता चल जाये और इलाज किया जाये, तो मरीज को खतरा नहीं रहता. अगर किसी व्यक्ति में लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सकों को दिखाने की सलाह दी गयी है.
क्या है स्क्रब टाइफस
स्क्रब टाइफस एक संक्रामक रोग है, जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्टीरिया से फैलता है. ये घुन जैसा छोटा दिखता है. ये ज्यादातर घास, झाड़ियों, चूहों, खरगोशों और गिलहरियों जैसे जानवरों के शरीर पर पाया जाता है. इसके संपर्क में आने पर या इसके काटने पर लोग इससे संक्रमित होते हैं.
कीट ऐसे फैलाता है संक्रमण
बारिश के कारण गंदगी रहने से स्क्रब टाइफस कीट पनपते हैं. ये कीट आमतौर पर झाड़ीदार और नमी वाले इलाकों में पाये जाते हैं. बरसात के दौरान घास, झाड़ियों और गंदगी वाले क्षेत्र में मवेशियों से कीट चिपक जाता है और मवेशियों के संपर्क में आकर घरों पर लोगों को काट लेता है. मवेशी और जानवरों वाले घरों में कीट का खतरा अधिक रहता है.
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