महराजगंज में दुष्कर्म और हत्या के आरोप में फरार चल रहे पूर्व भाजपा नेता मासूम रजा राही को नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आतिश कुमार सिंह ने बताया कि राही नेपाल भाग गया था और भारत लौटने की कोशिश के दौरान उसे उत्तर प्रदेश में सोनौली से गिरफ्तार किया गया है. उससे पूछताछ की जा रही है.
मासूम रजा राही 10 दिनों से फरार चल रहा था. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था. इसके नेपाल में छिपे होने की संभावना जताई गई थी. लेकिन इसके बाद भी पुलिस की 15 टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लखनऊ, प्रयागराज, कुशीनगर समेत हर उस जगह में दबिश दे चुकी थी, जहां उसके छिपे होने की संभावना थी.
उधर, रजा पर छेड़छाड़, मारपीट और पिता को जान देने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाने वाली युवती को महराजगंज नगर पालिका में संविदा पर कंट्रोल रूम में नौकरी मिल गई है. जानकारी के मुताबिक, पीड़िता शनिवार को नगर पालिका कार्यालय पहुंची और कामकाज को समझा. दूसरी ओर रजा पर शासन ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. शनिवार को उसके मकान पर नोटिस चस्पा कर दिया गया.
कार्रवाई के भय से किराएदारों ने कमरा खाली कर दिया है. मकान पर रविवार को बुलडोजर चल सकता है. साथ ही पुलिस ने उसकी अन्य संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है. आरोपी को जानने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है. पुलिस को उसका लोकेशन नेपाल में मिला था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने जिस घर को किराए पर दे रखा है, वह हसनैन अब्बासी के नाम पर है. वह बिजली विभाग में काम करते थे. जमीन के बैनामा के बाद हसनैन अब्बासी की मौत हो गई. जमीन के बारे में उनके परिवार के लोगों को जानकारी नहीं मिली. इसका लाभ उठाकर राही मासूम रजा ने जमीन पर कब्जा कर लिया था.
पूर्व भाजपा नेता राही मासूम रजा जुगाड़ से सरकारी वकील बना था, लेकिन उसकी कलई खुल गई. प्रशासन ने उसका पारिश्रमिक रोक दिया. सूत्र बताते हैं कि प्रशासन ने उससे प्रमाणपत्र मांगा था, जिसे वह नहीं दे सका. इसके बाद उसने रकम के लिए सत्ताधारी दल के नेताओं का सहारा लिया. नेताओं ने पैरवी की, लेकिन अधिकारियों ने नियम के विपरित काम करने से मना कर दिया.
वहीं, सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के महामंत्री धर्मेद्र त्रिपाठी ने बताया कि राही मासूम रजा का नाम सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन महराजगंज की सूची में नहीं है. वह सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन का सदस्य नहीं है. उसके पास सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस नहीं है.
वहीं, अपर जिलाधिकारी डॉ. पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि पीड़िता को आउट सोर्सिंग के माध्यम से नगर पालिका महराजगंज में नौकरी दी गई है. कंट्रोल रूम में उसकी तैनाती हुई है. प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद की जा रही है.