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झारखंड: गुमला पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, 16 वर्षों से फरार माओवादी सोमरा उरांव गिरफ्तार

गुप्त सूचना पर पुलिस ने शनिवार की सुबह चैनपुर थाना क्षेत्र के तिगावल मोड़ से सोमरा उरांव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. ये कई उग्रवादी घटनाओं में शामिल रहा है. पुलिस मुठभेड़ में तीन साल पहले मारा गया शीर्ष नेता बुधेश्वर उरांव का सहयोगी था.

गुमला, दुर्जय पासवान: गुमला जिला अंतर्गत चैनपुर थाना की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. 16 वर्षों से फरार भाकपा माओवादी का सदस्य सह उग्रवादी सोमरा उरांव (35 वर्ष) को पुलिस ने गिरफ्तार कर शनिवार को जेल भेज दिया है. सोमरा पर चौकीदार की हत्या करने का आरोप है. 16 साल पहले चौकीदार की हत्या के बाद से वह फरार था. सोमरा चैनपुर, डुमरी व कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र में सक्रिय था. कई उग्रवादी घटनाओं में शामिल रहा है. पुलिस मुठभेड़ में तीन साल पहले मारा गया शीर्ष नेता बुधेश्वर उरांव का सहयोगी था. सोमरा की तलाश पुलिस को 16 साल से थी. इंस्पेक्टर बैजू उरांव ने ये जानकारी पत्रकारों को दी. पुलिस के डर से पिछले 15 वर्षों से वह दिल्ली में छिपकर रह रहा था. कुछ दिन पूर्व सोमरा उरांव अपना गांव रातू जामटोली आया हुआ था. जिसकी गुप्त सूचना चैनपुर पुलिस को मिली थी. जिसके बाद चैनपुर पुलिस ने एक टीम गठित कर छापेमारी करते हुए तिगावल मोड़ के पास से सोमरा उरांव को गिरफ्तार किया.

चौकीदार जोसेफिन कुजूर हत्याकांड में था संलिप्त

गुप्त सूचना पर पुलिस ने शनिवार की सुबह चैनपुर थाना क्षेत्र के तिगावल मोड़ से सोमरा उरांव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जानकारी देते हुए इंस्पेक्टर बैजू उरांव ने देते हुए बताया कि गिरफ्तार सोमरा उरांव वर्ष 2007 में चैनपुर थाना के चौकीदार जोसेफिन कुजूर हत्याकांड में संलिप्त था. वर्ष 2007-08 में माओवादी संगठन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए चैनपुर, डुमरी एवं कुरुमगढ़ इलाके के माओवादी वारदातों में शामिल था.

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दिल्ली में रह रहा था छिपकर

सोमरा उरांव चैनपुर एवं डुमरी थाने में विस्फोटक पदार्थ रखने, आर्म्स एक्ट, सीएलए एक्ट जैसे सात मामलों में वांछित रहा है. इसके खिलाफ न्यायालय द्वरा सात स्थायी वारंट निर्गत है. पुलिस के डर से पिछले 15 वर्षों से वह दिल्ली में छिपकर रह रहा था. कुछ दिन पूर्व सोमरा उरांव अपना गांव रातू जामटोली आया हुआ था. जिसकी गुप्त सूचना चैनपुर पुलिस को मिली थी. जिसके बाद चैनपुर पुलिस ने एक टीम गठित कर छापेमारी करते हुए तिगावल मोड़ के पास से सोमरा उरांव को गिरफ्तार किया. पुलिस ने शनिवार को उसे जेल भेज दिया. छापेमारी दल में इंस्पेक्टर बैजू उरांव, थानेदार आशुतोष कुमार सिंह, एसआइ मुकेश कुमार, आरक्षी दीपक कुमार एवं आरक्षी प्रवेश कुमार सहित पुलिस जवान मौजूद थे.

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आंगन में झाड़ू करने के विवाद के बाद भतीजे ने चाची को टांगी से काट डाला

गुमला जिला अंतर्गत घाघरा थाना के धोबनी खपराटोली में भतीजा ने चाची को टांगी से काटकर हत्या कर दी. मृतका 40 वर्षीय बिरसमुनी देवी है. मृतका के पति सुमन भगत ने बताया कि शुक्रवार की शाम लगभग 5.00 बजे बिरसमुनी अपने घर के आंगन में झाड़ू कर रही थी. इसी दौरान भतीजा लखेश्वर उरांव ने बिरसमुनी से कहा इधर झाड़ू मत करो तो बिरसमुनि ने कहा गंदा है. इसलिए झाड़ू कर रही हूं. क्या दिक्कत है. बस इसी बात पर लखेश्वर ने आंगन में रखे टांगी से बिरसमुनी के सर पर कई वार कर घायल कर दिया. घायल अवस्था में परिजन बिरसमुनी को घाघरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाये. जहां इलाज के बाद तुरंत रांची रिम्स ले जाया गया. इस दौरान उन्होंने थाना को इसकी सूचना नहीं दी.

हमारी पहली प्राथमिकता पत्नी को बचाना था

सुमन ने बताया कि हम देर करना नहीं चाहते थे. हमारी पहली प्राथमिकता मेरी पत्नी को बचाना था. इसलिए मैंने थाना को सूचित नहीं किया. शनिवार को सुबह में बिरसमुनि की मौत हो गयी. जिसके बाद से घाघरा थाना को इसकी सूचना देते हुए शव को घाघरा थाना लाया गया. पुलिस ने हत्यारा भतीजा लखेश्वर को गिरफ्तार कर लिया है. सुमन ने यह भी बताया कि सभी अलग-अलग अपने घर में रहते थे. पर सबका आंगन एक ही था. जिसे सब सामूहिक रूप से उपयोग करते थे. जहां वह झाड़ू कर रही थी. थानेदार अमित कुमार चौधरी ने कहा कि झाड़ू लगाने के विवाद को लेकर सगे भतीजा ने अपनी चाची को टांगी से वार कर हत्या कर दिया है.

सड़क हादसे में शिक्षक की मौत

गुमला के सदर थाना के पालकोट रोड टैसेरा के पास ट्रक की चपेट में आने से टेंगरिया चैनपुर के शिक्षक 35 वर्षीय मंजीत केरकेट्टा की मौत हो गयी. वह बसिया स्कूल से देर शाम को बाइक से गुमला आर था. तभी एक गाड़ी ने उसे चपेट में ले लिया. जिससे उसकी घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि मंजीत अपने परिवार के साथ गुमला में रहता था. वह हर दिन बसिया स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बाद गुमला आता था. शनिवार की शाम को वह करीब साढ़े सात बजे गुमला आने के क्रम में तैसेरा के समीप एक गाड़ी की चपेट में आ गया. घटना की सूचना पर काफी संख्या में लोग पहुंचे, मजदूर नेता जुम्मन खान ने अपनी गाड़ी में शव को उठाकर गुमला अस्पताल पहुंचाया. जुम्मन खान ने कहा कि अस्पताल पहुंचने से इलाज कराकर जान बच सकती है. इसलिए शिक्षक को अस्पताल लाया. परंतु, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

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