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PM Modi Birthday: काशी की बदौलत लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी, इस तरह बदली शहर की तस्वीर

यूं तो नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी अपनी कार्यशैली के कारण सुर्खियों में रहे. लेकिन, वाराणसी से सांसद बनने के बाद उनकी सियासत का केंद्र बिंदु पूरी तरह से बदल गया. 2014 में उन्होंने जिस तरह से काशी से अपने नए सियासी सफर का आगाज किया, उससे देश की राजनीति की दिशा ही बदल गई.

PM Narendra Modi Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के जन्मदिन पर आज उन्हें दुनियाभर से शुभकामनाएं मिल रही हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से लेकर भाजपा में विभिन्न दायित्वों को संभालते हुए जब उन्हें 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया तो कभी किसी ने सोचा नहीं होगा कि 2014 आते-आते नरेंद्र मोदी देश की सियासत में इतना बड़ा नाम बन जाएंगे और अंतरराष्ट्रीय जगत में लोकप्रियता के शिखर को छूने में सफल होंगे. प्रधानमंत्री की इस सफलता के पीछे उनका वाराणसी का खास रिश्ता भी अहम वजह है.

वाराणसी का सांसद बनने के बाद सियासत का केंद्र बिंदु बदला

यूं तो नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी अपनी कार्यशैली के कारण सुर्खियों में रहे. लेकिन, उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सांसद बनने के बाद उनकी सियासत का केंद्र बिंदु पूरी तरह से बदल गया. 2014 में उन्होंने जिस तरह से काशी से अपने नए सियासी सफर का आगाज किया, उससे देश की राजनीति की दिशा ही बदल गई. काशी के सांसद के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ वाराणसी की पौराणिक पहचान कायम रखते हुए उसे आधुनिक शक्ल दी और संवारने का काम किया, वहीं उनके यूपी के सांसद रहने के कारण ही भाजपा का यहां से सत्ता का वनवास खत्म हो सका.

सीएम योगी ने बताया नए भारत का शिल्पकार

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी सहित कई नेताओं ने प्रधानमंत्री को जन्मदिन पर बधाई दी है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्वीट में कहा कि मां भारती के परम उपासक, ‘नए भारत’ के शिल्पकार, ‘विकसित भारत’ के स्वप्नद्रष्टा, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के प्रति संकल्पित, विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय राजनेता, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई! ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए आपका समर्पण और विजन अतुलनीय है. प्रभु श्री राम की कृपा से आपको दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति हो, आपका यशस्वी नेतृत्व हम सभी को प्राप्त होता रहे, यही प्रार्थना है.

जन्मदिन के बाद नौ साल में काशी का करेंगे 42वां दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काशी से रिश्ता सिर्फ एक सांसद के तौर पर नहीं है, बल्कि उन्होंने काशी की प्राचीन परंपराओं और यहां की जीवनशैली को अच्छी तह समझा है. इसलिए वाराणसी के विकास में प्राचीन पुराने स्वरूप मान्यताओं को बनाए रखते हुए विकाय योजनाओं को धरातल पर उतारा गया है. बीते नौ साल में प्रधानमंत्री के 41 दौरों ने काशी की सूरत बदल दी है. अपनी पुरातन काया के साथ वाराणसी ने विकास की नई ऊंचाइयां पाई हैं। कोरोना संक्रमण काल में जब पूरी दुनिया के विकास की रफ्तार थम गई थी, तब भी वाराणसी में विकास परियोजनाएं चलती रहीं. वहीं प्रधानमंत्री काशी के अपने 42वें दौरे पर 23 सितंबर को फिर कई योजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास करेंगे.

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लोकप्रियता के शिखर पर, कई ताकतवर देशों के सरकारों के प्रमुख पीछे

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकप्रियता के मामले में दुनियाभर के प्रमुख नेताओं की सूची में सबसे ऊपर स्थान बनाए हुए हैं. मॉर्निंग कंसल्ट की तरफ से जारी ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग ट्रैकर रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी को 76 प्रतिशत भारतीयों का समर्थन प्राप्त है, जबकि सिर्फ 18 प्रतिशत भारतीय उनके विरोध में हैं. मॉर्निंग कंसल्ट ने दुनियाभर के कुल 22 देशों की सरकार के प्रमुखों की लोकप्रियता का आकलन किया है. इसमें भारत के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, जर्मनी, इटली, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख देशों के नेता शामिल हैं. खास बात है कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के आगे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी कहीं नहीं ठहरते हैं. वह इस सूची में सातवें स्थान पर हैं. प्रधानमंत्री की इस लोकप्रियता पर पूरे देश सहित काशी को विशेष नाज है.

काशी के सांसद के तौर पर उत्तर भारत में मिली विशेष पहचान

काशी के लोगों को आज भी 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का नामांकन भरने के बाद भाषण याद है, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘पहले मैं सोच रहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने मुझे यहां भेजा है फिर लगता है शायद मैं काशी जा रहा हूं. लेकिन, आज यहां आने के बाद मुझे लगता है कि न किसी ने मुझे भेजा है, न मैं यहां आया हूं, मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है.’

भाजपा ने 2014 में बतौर प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को वडोदरा के साथ-साथ वाराणसी से चुनाव मैदान में उतारा था. इसके पीछे उद्देश्य उत्तर प्रदेश के अधिक से अधिक मतदाताओं को बीजेपी को वोट देने के लिए आकर्षित करना था. दूसरी तरफ, काशी या वाराणसी से चुनाव लड़ना बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडा को भी पूरा करता था. इसीलिए जब दोनों विजयी सीटों में से एक को चुनना पड़ा तो प्रधानमंत्री ने काशी को चुना. तब से वह वाराणसी से सांसद हैं. सही मायनों में प्रधानमंत्री को लोकपियता के शिखर पर पहुंचाने में काशी का विशेष योगदान है. काशी के सांसद के तौर पर प्रधानमंत्री को उत्तर भारत में विशेष पहचान मिली.

जी-20 के सदस्य काशी की सुंदरता के हुए कायल

वहीं प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के कारण वाराणसी की तस्वीर भी पूरी तरह से बदल गई. प्रधानमंत्री ने सांसद चुने जाने के बाद काशी विश्वनाथ की नगरी का कायाकल्प करना शुरू करवाया. पीएम मोदी के प्रयासों और विकास योजनाओं के बदौलत ही वाराणसी की एक बदली हुई तस्वीर आज दुनिया के सामने है. वाराणसी में जी-20 समिति की बैठक में शामिल होने आए मेहमान दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में शरीक हुए. दरअसल पिछले नौ वर्षों में काशी का कायाकल्प हुआ है

काशी विश्वनाथ धाम के कायाकल्प के बाद कई गुना बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था. इसके बाद से काशी आने वाले पर्यटकों श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ गई है. लोकार्पण के एक साल के भीतर भक्तों ने 100 करोड़ रुपए से अधिक का दान दिया है. महज एक साल के भीतर ही 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ धाम के दर्शन किए हैं. यह संख्या पहले के मुकाबले 12 गुने से भी ज्यादा है. काशी विश्वनाथ मंदिर में बीते एक साल में नकदी के अलावा 60 किलो सोना, 10 किलोग्राम चांदी, 1500 किलोग्राम तांबा भी भक्तों ने चढ़ाया है. श्रद्धालुओं ने 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी दान में दी है. कुल मिले दान का 40 फीसदी ऑनलाइन आया है. खुद मंदिर प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते साल के मुकाबले इस साल आय में 500 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.

साढ़े सात करोड़ भक्तों ने किया दर्शन

जब से काशी विश्नाथ धाम ने मूर्त रूप लिया भक्तों का आकर्षण बढ़ता गया. काशी के होटल सहित सभी व्यवसाय अपने चरम पर हैं. भक्तों की आवक पहले विशेष मौकों पर होती थी लेकिन अब रोजाना डेढ़ लाख भक्त दर्शन कर रहे हैं. साल भर में लगभग साढ़े सात करोड़ भक्तों ने यहां मत्था टेका है, जिसके कारण अब मन्दिर की व्यवस्था को सुचारू करने के लिए खजाना पूरा भरा हुआ है. भक्तों की बढ़ती हुई संख्या के कारण होटल व्यवसाय बूम पर है. इतना ही नहीं पर्यटन से जुड़े सभी वर्ग उत्साहित हैं.

काशी आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा

इसके साथ ही बीते पांच साल में वाराणसी आने वाले पर्यटकों की संख्या दस गुना तक बढ़ चुकी है. कोरोना संकट खत्म होने के बाद से वाराणसी आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. पर्यटन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2022 में महज जुलाई महीने में वाराणसी पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 40.03 लाख है, जो जुलाई 2017 के 4.61 लाख के मुकाबले करीब दस गुना ज्यादा है. इस साल सावन और देव दीपावली में वाराणसी पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या ने रिकार्ड बनाया है. काशी विश्वनाथ मंदिर के चारों प्रवेश द्वारों पर लगे हेट स्कैनिंग मशीन से आने वालों की गिनती की जाती है.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने खोले उन्नति के द्वार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का काशी विश्वनाथ धाम अपने नए कलेवर में अब एक साल पूरा कर चुका है. जहां कभी संकरी गालियां थीं वह आज भव्य आकर्षण का केंद्र है. चाहे गंगा द्वार हो, वीविंग गैलरी हो या फिर मंदिर चौक हो, हर तरफ भव्यता भक्तों को अपनी तरफ खींच रही है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के साल भर के भीतर ही साढ़े सात करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए. इससे जहां शहर में समृद्धि आई है वहीं मंदिर प्रशासन की आय में भी वृद्धि हुई है.

घाटों के सौंदर्य पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र

घाटों के सौंदर्य से दुनिया भर के सैलानियों को काशी में पर्यटन के नए केंद्र मिल रहे हैं. अस्सी से संत रविदास घाट को जोड़ने वाला ब्रिज और गंगा व्यूइंग गैलरी के साथ ही खिड़कियां घाट पर आधुनिक सुविधाएं पर्यटकों को आकर्षित करेंगे. इसके साथ ही गंगा पार रेती पर टेंट सिटी से लेकर हाई फ्लड लेवल पर प्रस्तावित सड़क नई सुविधा के रूप में सैलानियों के सामने होंगी. वहीं गंगा घाटों के सौंदर्यीकरण के पूरा होने, क्रूज सेवाओं के बढ़ने और हेलिकॉप्टर से भ्रमण की सुविधा के शुरू होने के बाद वाराणसी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में और भी इजाफा होगा.

इस तरह बदली काशी की तस्वीर

भारत का पहला जलीय पोत के लिए मल्टी मोडल टर्मिनल काशी को मिला है. काशी को स्वतंत्र भारत में पहली ऐसी परियोजना का सम्मान मिला. प्रधानमंत्री मोदी ने धार्मिक नगरी में पहले जलीय पोत व कंटेनर का स्वागत किया. वाराणसी से आरम्भ होने वाली और उज्जैन एवं ओम्कारेश्वर से जोड़ने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस सेवा की भी शुरुआत की गई. पीएम मोदी ने यहां देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस का भी संचालन कराया. इसके अलावा काशी में गोमाता की सुरक्षा एवं आश्रय के लिए 102 गौ आश्रय केंद्र खुले. वहीं यहां के किसानों के लिए 100 मीट्रिक टन क्षमता वाला कृषि उत्पाद गोदाम और बहुप्रयोजक बीज भण्डार, कृषि उत्पाद के निर्यात को सहायता देने व किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आम एवं सब्जी के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस का उद्घाटन किया.

सीवेज ट्रीटमेंट से लेकर सांस्कृतिक धरोहर का विकास

ट्रांस्वर्स तकनीक से मोहन कतरा कोनिया घाट क्षेत्र एवं मुकीमगंज- मछोदरी के बीच में सीवर लाइन बिछाई गई, घाट व सेवज पम्पिंग स्टेशनों पर एफ्लुएंट मॉनिटरिंग सिस्टम एवं स्काडा सिस्टम लगाए गए. इसके साथ ही कोनिया मुख्य पम्पिंग स्टेशन पर ग्रिड द्वारा बिजली एवं 0.8 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया गया. प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में सारनाथ के धमेख स्तूप के ऐतिहासिक स्थल पर साउंड एंड लाइट शो का उद्घाटन किया गया. प्रतिदिन चलने वाला 30 मिनट का कार्यक्रम राजकुमार सिद्धार्थ से भगवान बुद्ध बनने तक के जीवन सफर पर प्रकाश डालता है जो पर्यटकों को काशी के इतिहास से जोड़ता, स्थानीय लोगों के गौरव को चिह्नित करता है और यह कार्यक्रम काशी की शान बना है.

काशी के लिए विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं

इसी तरह रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर काशी के सांस्कृतिक अक्षय वट की नई शाखा काशी की परंपरा के प्रतीक हेतु रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के मुहाने पर 108 रुद्राक्ष के साथ शिवलिंग की तरह डिजाइन बनवाई गई 100 लोगों की क्षमता वाला बैठक कक्ष दो कमरों में 50 प्रत्येक की क्षमता के साथ विभाजित हो सकता है, आर्ट गैलरी और बहुउद्देशीय पूर्व-कार्य क्षेत्र प्रदान किये गए हैं। इसके अलावा 1,200 लोगों की क्षमता वाले अंतरराष्ट्रीय मानक सभागार बनाए गए.

स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार

वहीं काशी में 430 बेड का सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन कराया गया जो कोविड महामारी के समय में लड़ाई में सहायक बना। 74 बेड का मनोरोग हॉस्पिटल शुरू किया गया जो कि मानसिक रोगों को प्राथमिकता और जागरूकता में अति कारगर सिद्ध हो रही है. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अस्पताल में 30 एनआईसीयू केयर बेड समर्पित, 30 उच्च निर्भरता इकाइयों और 40 मातृ देखभाल बिस्तरों के साथ 100 बिस्तरों वाले मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य शाखा का उद्घाटन किया. जिला अस्पताल में महिलाओं और बच्चों के लिए 50 बेड भी जोड़े गए. वहीं बीएचयू में आंखों से संबंधित बीमारियों के लिए क्षेत्रीय नेत्र संस्थान का उद्घाटन किया गया.

शहर में लगाए गए तीन हजार सीसीटीवी कैमरे

यातायात, पुलिस प्रबंधन प्रणाली एवं मेडिकल इमरजेंसी के लिए एकीकृत कमांड और कंट्रोल सेंटर, स्मार्ट निगरानी सुनिश्चित करने के लिए शहर के 720 महत्वपूर्ण स्थानों पर 3,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. पुलिस मामलों की बेहतर जांच कर सके इसके लिए वाराणसी में फोरेंसिक साइंस लेब यूनिट की स्थापना और शहर में शूटिंग रेंज बनाने के लिए नींव रखी गई.

विकास प्रोजेक्ट पर तेजी से किया जा रहा काम

गोदौलिया मल्टीलेवल टू व्हीलर पार्किंग और शहरों के चार प्रमुख पार्कों का सौंदर्यीकरण और अपग्रेडेशन किया गया. पंचकोशी परिक्रमा सड़क का सौंदर्यीकरण, वाराणसी गाजीपुर सड़क पर 3 लेन का फ्लाईओवर और 18 ग्रामीण सड़कों का सौदर्यीकरण व मरम्मत कराया गया. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लहरतारा-चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे ओपन कैफे व फूड कोर्ट, रो-रो सुविधा, रामनगर घाट क्रूज विकसित, 84 घाटों पर साइनेज लगाने का काम किया गया. इस तरह काशी में कई अन्य विकास प्रोजेक्ट पर तेजी से काम किया जा रहा है.

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