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घर लेने से पहले जान लें लीज, रेंट और फ्री होल्ड में क्या है अंतर, एक बार में समझें आपके लिए कौन है बेस्ट ऑप्शन

मोटे तौर पर बात करें तो लीज और रेंट प्रोपर्टी में काफी ज्यादा फर्क नहीं है. दोनों में आप किरायेदार की तरह रहते हैं. प्रोपर्टी आपके पास होती है, मगर मालिकाना हक प्रोपर्टी के असली मालिक के पास होता है. जबकि, फ्री-होल्ड प्रोपर्टी में जमीन का मालिकाना हक और हर तरह की जिम्मेदारी आपकी होती है.

अगर आप नया घर खरीदने या रेंट पर लेने का मन बना रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है. प्रोपर्टी सर्च करने के दौरान आपने लीज प्रोपर्टी, रेंट या फ्री होल्ड प्रोपर्टी के बारे में सुना होगा. मगर, क्या आपको इनमें अंतर पता है. इसमें कौन का विकल्प आपके लिए बेस्ट होगा. इस खबर में हम आपको बतायेंगे कि इनके बीच क्या अंतर है. मोटे तौर पर बात करें तो लीज और रेंट प्रोपर्टी में काफी ज्यादा फर्क नहीं है. दोनों में आप किरायेदार की तरह रहते हैं. प्रोपर्टी आपके पास होती है, मगर मालिकाना हक प्रोपर्टी के असली मालिक के पास होता है. जबकि, फ्री-होल्ड प्रोपर्टी में जमीन का मालिकाना हक और हर तरह की जिम्मेदारी आपकी होती है. इस जमीन या घर का पूरा हक आपका होता है. आइये इसके विस्तार में समझाते हैं.

लीज जमीन या प्रोपर्टी का क्या अर्थ है

लीज जमीन का अर्थ है कि किसी व्यक्ति या संगठन ने किसी अन्य व्यक्ति या संगठन को अपनी जमीन का उपयोग करने के लिए दी है, लेकिन उस उपयोग का मालिकाना नहीं है. यानी, जमीन का मालिक वह व्यक्ति या संगठन है जिसने इसे दिया है, लेकिन जमीन का वास्तविक मालिक वह व्यक्ति या संगठन रहता है जिसका नाम जमीन के दस्तावेजों में दर्ज होता है. यह एक आम वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति या संगठन जमीन का उपयोग कर सकता है, जैसे कि निर्माण, कृषि, व्यापार आदि के लिए, लेकिन उसे उसके पास वास्तविक मालिकाना अधिकार नहीं होता. यह अक्सर जमीन को बिजली विद्युत निगम, रेलवे, नगर निगम, सरकारी विभाग या विभिन्न उद्यमों के लिए ली जाती है ताकि वे उसे अपने उद्योग या सेवाओं के लिए उपयोग कर सकें. जमीन लीज पर लेने के लिए बैंक से लोन ली जा सकती है.

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रेंट जमीन या घर का क्या अर्थ है

रेंट जमीन एक वित्तीय शब्द है जिसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति या संगठन ने किसी अन्य व्यक्ति या संगठन को अपनी जमीन का उपयोग करने के लिए दी है और इस उपयोग का विरोध नहीं किया जाता है. इसमें एक निर्धारित समयावधि के लिए या निर्धारित शर्तों पर आधारित हो सकता है. यह एक वित्तीय लेखा प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति या संगठन जमीन का उपयोग कर सकता है और उसे इसके लिए वित्तीय मुआवजा देना होता है. रेंट जमीन का विरोध नहीं किया जाता है, और इससे व्यक्ति या संगठन को जमीन के उपयोग का लाभ होता है जिसे वे खरीदने या उसे मालिकाना नहीं कर सकते. यह अक्सर व्यवसायों या विभिन्न उद्यमों के लिए उपयोग होता है ताकि वे अपने व्यापारिक उद्देश्यों के लिए उपयोग कर सकें.

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फ्री होल्ड जमीन का क्या अर्थ है

फ्रीहोल्ड जमीन एक आम व्यावसायिक भूमि के निर्माण और बिक्री तक स्वामित्व के एक प्रकार को संकेत करता है. इसका अर्थ है कि व्यक्ति या संगठन जिसके पास यह जमीन है, वे उसके मालिक हैं और उसे विपणन और विनियमित कर सकते हैं जैसे चाहें. इस प्रकार की भूमि पर निर्मित इमारतों के मालिकाना अधिकार होते हैं. फ्रीहोल्ड जमीन के मालिक को जमीन को बेचने, संवितरित करने, दान करने या वस्त्राधिकारी किसी अन्य को जमीन पर निर्माण करने की अनुमति होती है. इसके विपरीत, लीजहोल्ड जमीन एक प्रकार की भूमि होती है जिसे किसी अन्य व्यक्ति या संगठन को निर्माण या उपयोग करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन उसके उपयोग का मालिकाना नहीं होता. इस प्रकार की भूमि पर उचित समयावधि के बाद मालिकाना हक वापस लौट जाता है.

लीज, रेंट और फ्री होल्ड प्रोपर्टी में क्या अंतर है

इन तीन प्रकार की प्रोपर्टी में स्वामित्व और नियंत्रण के स्तर में विभिन्नित होता है, जिसके आधार पर उनका उपयोग और मालिकाना अधिकार निर्धारित होता है. लीज, रेंट, और फ्रीहोल्ड प्रोपर्टी तीन विभिन्न प्रकार की भूमि स्वामित्व की अलग-अलग प्रकार को सूचित करती हैं, और उनमें अंतर होता है.

लीज प्रोपर्टी (Leasehold Property)

  • लीज प्रोपर्टी एक प्रकार की भूमि होती है जिसका स्वामित्व किसी अन्य व्यक्ति या संगठन के पास होता है, जिन्होंने इसे बहुत सालों के लिए किराये पर दिया होता है.

  • लीज प्रोपर्टी के मालिक को निर्माण, उपयोग, और विपणन का मालिकाना हक नहीं होता.

  • लीज प्रोपर्टी का लीज अवधि सामान्यत: 99 साल, 125 साल, या अन्य अवधियों के लिए हो सकता है. लीज के समापन के बाद, भूमि का मालिक या लीजधारक स्वामित्व की अनुमति के लिए पुनः विचार कर सकते हैं.

रेंट प्रोपर्टी (Rental Property)

  • रेंट प्रोपर्टी भूमि होती है जिसका स्वामित्व एक व्यक्ति या संगठन के पास होता है, और वे इसे दूसरों को किराए पर देते हैं.

  • रेंट प्रोपर्टी के मालिक के पास भूमि के उपयोग का मालिकाना हक होता है, लेकिन उसे खुद उसे उपयोग नहीं कर सकता है (यह किरायेदार का हक होता है).

फ्रीहोल्ड प्रोपर्टी (Freehold Property)

  • फ्रीहोल्ड प्रोपर्टी भूमि होती है जिसका पूरा स्वामित्व और नियंत्रण उसके मालिक के पास होता है.

  • इसमें किराये देने की कोई अवधि नहीं होती है, और मालिक इसे खुद उपयोग कर सकता है या इसे बेच सकता है जैसे वो चाहते हैं.

  • फ्रीहोल्ड प्रोपर्टी के मालिक के पास भूमि के स्वामित्व, निर्माण, विपणन, और उपयोग का पूरा नियंत्रण होता है.

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