Lucknow News: उत्तर प्रदेश के किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संगठन ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. वहीं उन्होंने विपक्ष के नेताओं पर सरकारी एजेंसियोंकी छापेमारी को लेकर भी सरकार पर कटाक्ष किया.
राकेश टिकैत ने पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के वहां ईडी की छापेमारी को लेकर भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसियां जिस तरह से सपा नेता आजम खां को परेशान कर रही हैं, पिछले दिनों तीन दिन जांच चली, वह गलत है. आजम खां के पक्ष में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को मजबूती के साथ खड़ा होना चाहिए.
राकेश टिकैत ने लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर विपक्ष के गठबंधन India National Developmental Inclusive Alliance (I-N-D-I-A) पर कहा कि इसमें बसपा सुप्रीमो मायावती इसलिए शामिल नहीं हैं, क्योंकि वे मन से भाजपा के साथ हैं. मायावती पर विपक्ष की ओर से पहले भी भाजपा की ‘बी’ टीम होने का आरोप लगाया जाता रहा है. हालांकि उन्होंने एनडीए और आईएनडीआईए दोनों गठबंधन से दूरी बनाए रखते हुए लोकसभा चुनाव 2024 सहित कई राज्यों के विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है.
गन्ना किसानों के भुगतान की समस्या बनी हुई है. राकेश टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन जमीन बचाने का आंदोलन है. सरकार गन्ने के रुपए क्यों नहीं दे रही और उसके दाम क्यों नहीं बढ़ा रही. क्या यह मुख्यमंत्री पूर्व सीएम मायावती से कमजोर हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि देश में कैमरा और कलम पर बंदूक का पहरा है.
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम राजधानी लखनऊ में आयोजित महापंचायत में अपनी बात रखने आए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में कहा कि हमारी सरकार आएगी तो बिजली फ्री रहेगी. फिर उन्होंने कहा कि एक साल के लिए बिजली फ्री होगी. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. अब बिजली के मीटर लग रहे हैं. टिकैत ने कहा कि जब पंजाब में किसानों के लिए फ्री बिजली है, तेलंगाना और आंध्रा में भी फ्री बिजली है तो यूपी में क्यों नहीं मिल सकती.
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की फसल गोवंश खेत में ही खत्म कर रहे हैं. किसान दिन रात रखवाली करने के बाद फसल बचा नहीं पा रहा है. आवारा जानवर और जंगली जानवर भी हमारा बड़ा इश्यू है. गन्ना भुगतान, बाढ़ से किसानों के नुकसान की भरपाई हो इसकी भी हमारी मांग है. पुरानी पेंशन बहाली की भी मांग की है. इसके साथ ही किसान नेता ने कहा कि महापंचायते चलती रहेगी. ट्रैक्टर पर मार्च निकलते रहेंगे.सरकार किसानों को न्यूतनम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ नहीं दे रही है. हम इसे लेकर रहेंगे.
राकेश टिकैत ने कहा कि आलू की समस्या है, बाजरा की समस्या है, फसल आधी रेट पर बिक रही है. जहां तक बिजली की बात है तो कई प्रदेशों में ये किसानों के लिए फ्री है. उन्होंने कहा कि आज बिजली के नाम पर किसानों को परेशान कर लूटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि जैसे नेताओं को ईडी का डर दिखाकर लूटा जा रहा है, वैसे ही बिजली के नाम पर देश के गांव के किसानों को लूट लिया गया.
उन्होंने कहा कि अगर किसी की नौकरी कहीं लग गई तो उसकी पुरानी पेंशन बहाल कर दी जाए, इसमें क्या दिक्कत है? ये भी बहुत बड़ा मुद्दा है. क्या देश में किसी को बोलने का अधिकार नहीं है. यह लोकतंत्र है, लोकतंत्र में भीड़ तंत्र ही उसकी समस्या का समाधान है. इसीलिए ये महापंचायत आयोजित की गई.
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार बांटने का काम कर रही है. धार्मिक आधार पर बांटने का काम कर रही है. इसके अलावा किसान संगठनों को जातीय आधार पर, फसलों के आधार पर और स्टेट के आधार पर किसानों को बांटने की कोशिश है. अभी देखा होगा कि पूरा देश का पहलवान एक था, लेकिन उनको भी बांट दिया गया. राकेश टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानून वापसी के बाद से ही सरकार बांटने पर लग गई है. उन्होंने कहा कि खाप पंचायतें कैसे बटेंगी, उस पर सरकार का टारगेट है.
राकेश टिकैत ने कहा कि किसी भी धर्म के खिलाफ किसी को नहीं बोलना चाहिए. संविधान में सबको राइट मिला है. अपनी पूजा करने का. इसलिए किसी को भी किसी के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब देश में लोकतंत्र दिखाई नहीं देता. यूपी और बिहार के चुनाव में क्या हुआ था. उन्होंने कहा कि हारे हुए उम्मीदवार को जीत के सर्टिफिकेट दिए गए हैं. जिला पंचायत और बैंक चुनाव को लेकर भी किसान नेता से सवाल खड़े कर दिए हैं. उपचुनाव में सरकार ने यह दिखाने की कोशिश की कि देश में संविधान, इलेक्शन कमीशन पूरा काम कर रहा है.
2024 लोकसभा चुनाव को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि अगर विपक्ष कमजोर पड़ा तो देश में उतने ही तानाशाह पैदा होंगे. छापेमारी के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने पूरे सिस्टम को कैप्चर कर लिया है. अब कोरिया और यहां कोई फर्क नहीं रहा है. इतना जरूर है कि यहां अभी अंग्रेज हुकूमत की तरह सूट एंड साइड का आर्डर नहीं है. जो कोरिया में है. लेकिन, यहां नहीं है. यहां दूसरे तरह से लोगों को दबाया जा रहा है लोगों को उनके कारोबार के जरिये दबा देते हैं. उन्होंने जी -20 को लेकर कहा कि बाहर से लोग आए, राष्ट्राध्यक्ष तक आए उनका कोई प्रोग्राम या प्रेस कॉन्फ्रेस नहीं हुई. राष्ट्राध्यक्ष दूसरी कंट्री में जाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. राकेश टिकैत ने पूछा कि क्या यहां पर प्रेस, कैमरा और कमल पर बंदूक का पहरा है.
इससे पहले राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मीडिया पर पूरी तरह से कब्जा कर रखा है. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग अब हमसे मिलना नहीं चाहते हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि सनातन धर्म को लेकर लोगों को भारतीय जनता पार्टी उलझा रही है. विपक्ष के गठबंधन से भाजपा के लोग डर गए हैं.