22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

I.N.D.I.A. को-ऑर्डिनेशन कमेटी से सीपीएम ने किया किनारा, बंगाल बीजेपी ने कहा- हमेशा नहीं चलेगा ड्रामा

बंगाल की धुर विरोधी पार्टियां केंद्र में बीजेपी को पटखनी देने के लिए I.N.D.I.A. गठबंधन का हिस्सा हैं. इसकी को-ऑर्डिनेशन कमेटी से सीपीएम ने किनारा कर लिया है. मोहम्मद सलीम कहते हैं कि हम गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे. साथ ही कहा कि सीट शेयरिंग पर राज्य स्तर पर बात होगी, तो गठबंधन का क्या मतलब.

पश्चिम बंगाल में करीब तीन दशक तक सरकार चलाने के बाद सत्ता से बेदखल हुई मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के को-ऑर्डिनेशन कमेटी से किनारा कर लिया है. उसने कहा है कि वह इस कमेटी का हिस्सा नहीं रहेगी. साथ ही यह भी कहा है कि वह लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सत्ता से बेदखल करने के लिए बने I.N.D.I.A. गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी. बताया जा रहा है कि शनिवार और रविवार (16 और 17 सितंबर 2023) को नयी दिल्ली में हुई पोलित ब्यूरो की बैठक में यह फैसला लिया गया है.

सीपीएम पोलित ब्यूरो ने जारी किया ये बयान

सीपीएम पोलित ब्यूरो ने एक बयान जारी कर कहा कि I.N.D.I.A. के विस्तार पर काम करना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ने की पहल होनी चाहिए. सभी फैसले सभी घटक दलों को मिलकर लेना चाहिए. इसके लिए कोई संगठन बनाने की जरूरत नहीं है. संगठन का ढांचा ऐसे निर्णयों में बाधक बनेगा. बता दें कि सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने अब तक की बैठकों में हिस्सा लिया था. पटना, बेंगलुरु और मुंबई में अब तक I.N.D.I.A. की तीन बैठकें हो चुकीं हैं.

13 सितंबर को हुई को-ऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक

बताया जा रहा है कि 13 सितंबर को नयी दिल्ली में हुई को-ऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक में सीपीएम ने कैंपेन कमेटी और सोशल मीडिया कमेटी जैसी कम महत्व वाली कमेटियों के लिए अपने सदस्यों के नाम भेजे थे. हालांकि, चर्चा इस बात की भी है कि इस बैठक में कहा गया था कि सीटों के बंटवारा पर राज्य स्तर पर ही बात होगी. यह भी कहा जा रहा है कि I.N.D.I.A. के दो अहम घटक दल तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ने सीपीएम के लिए असहज स्थिति उत्पन्न कर दी है.

बंगाल में राजनीतिक विरोधी हैं टीएमसी, सीपीएम, कांग्रेस

पश्चिम बंगाल में सीपीएम और कांग्रेस चुनाव में गठबंधन करते हैं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को अपना राजनीतिक विरोधी मानते हैं. केरल में सीपीएम सत्ता में है और वहां कांग्रेस पार्टी का विरोध करती है. बंगाल और केरल दो ऐसे राज्य हैं, जहां सीपीएम की अब भी अहमियत है. बंगाल में तो इसने 34 साल तक सरकार चलायी थी. इस राज्य में सीपीएम का न तो एक विधायक है, न सांसद.

2024 में टीएमसी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेगी सीपीएम

अगस्त में सीपीएम की केंद्रीय कमेटी ने बंगाल इकाई से कहा कि वह वर्ष 2024 में टीएमसी के खिलाफ चुनाव लड़े. अन्य राज्यों में I.N.D.I.A. को सफल बनाने की रणनीति के तहत फॉर्मूला तैयार किया जाएगा. यह पहला मौका था, जब घटक दलों में से एक ने दूसरे के खिलाफ औपचारिक रूप से फैसला लिया. इस संबंध में सीपीएम की पश्चिम बंगाल स्टेट कमेटी के सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.

I.N.D.I.A. को बीजेपी के खिलाफ जनआंदोलन के रूप में देख रहे

मोहम्मद सलीम ने एक अंग्रेजी वेबसाइट से बातचीत में कहा कि पोलित ब्यूरो ने यह फैसला किया, क्योंकि I.N.D.I.A. गठबंधन ने तय किया है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में सीट-शेयरिंग राज्य स्तर पर होगी. हमारे नेता शुरू से कहते रहे हैं कि गठबंधन में अलग से को-ऑर्डिनेशन कमेटी जैसा कोई ढांचा बनाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि हम I.N.D.I.A. को बीजेपी के खिलाफ जनआंदोलन के रूप में देख रहे हैं. हमें लगता है कि सभी पार्टियों को एकजुट होकर मिलकर प्रचार अभियान चलाना चाहिए.

राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन नहीं, तो को-ऑर्डिनेशन कमेटी क्यों?

मोहम्मद सलीम ने कहा कि अगर राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन ही नहीं होगा, तो इस को-ऑर्डिनेशन कमेटी की जरूरत क्या है? उन्होंने कहा कि पार्टी I.N.D.I.A. की अगली बैठक में भी पहले की तरह भाग लेगी. इस बीच हम सभी को सड़कों पर उतर जाना चाहिए. बता दें कि 13 सितंबर को जब को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई, उसी दिन बंगाल की जमीनी हकीकत सामने आ गई. कमेटी के सदस्य के रूप में टीएमसी सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को बैठक में भाग लेना था. उसी दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले रिश्वत मामले में उनको पूछताछ के लिए बुलाया था. इसलिए अभिषेक बनर्जी मीटिंग में शामिल नहीं हो पाए.

टीएमसी के लिए बैठक में खाली छोड़ दी थी कुर्सी

को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में कांग्रेस और अन्य पार्टियों के नेताओं ने टीएमसी की उपस्थिति दिखाने के लिए एक कुर्सी खाली छोड़ दी. साथ ही I.N.D.I.A. के नेताओं ने टीएमसी नेता के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार की निंदा की और उस पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया. वहीं, पश्चिम बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम ने टीएमसी पर निशाना साधा. बंगाल कांग्रेस के नेता कौस्तव बागची ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल को ई-मेल भेजकर कहा कि अत्याचार और भ्रष्टाचार करने वालों के साथ खड़ा होना और उनका समर्थन करना बंगाल के पार्टी कार्यकर्ताओं का अपमान है.

बंगाल की राजनीति में नहीं बची सीपीएम की जमीन : बीजेपी

उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 में से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. वर्ष 2019 में उसने 18 सीटें जीतीं थीं. बहरहाल, बंगाल बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा है कि सीपीएम जबरन अपना अस्तित्व दिखाने की कोशिश कर रही है. खासकर बंगाल की राजनीति में अब उसकी जमीन बची ही नहीं. उन्होंने कहा कि I.N.D.I.A. गठबंधन का असली चाल-चरित्र अभी से दिखने लगा है. बंगाल में इसके पोस्टर में टीएमसी नेता के साथ सीताराम येचुरी के फोटो लगे हैं. यह ड्रामा हमेशा नहीं चलेगा.

Also Read: विपक्ष की बैठक से पहले येचुरी ने बंगाल में टीएमसी के साथ गठबंधन की संभावना से किया इंकार

Also Read: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: टीएमसी सांसद शताब्दी राय ने गांगपुर गांव में क्यों खोया आपा?

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें