रांची: जैफ आलम की हत्या मामले में अपर न्यायायुक्त दिनेश कुमार की अदालत ने आठ दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी है. इनमें मुख्य आरोपी मो साजिद उर्फ माचिस के अलावा उसके पिता मो साबिर, उसकी मां बेबी फातिमा उर्फ निखत परवीन, भाई मो जाहिद उर्फ छोटका उर्फ परमाणु, मो आसिफ उर्फ माबो, डाेरंडा युनूस चौक निवासी दानिश, विक्की और इरशाद उर्फ राइडर शामिल हैं.
अभियुक्तों ने ब्राउन शुगर बेचने का विरोध करने को लेकर कर्बला चौक के समीप जैफ आलम की हत्या कर दी थी और आफान गौहर पर जानलेवा हमला किया था. घटना को सात दिसंबर 2018 की रात 9:00 बजे अंजाम दिया गया था. मृतक के दोस्त नफीस आलम ने लोअर बाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. अदालत ने 12 सितंबर को आरोपियों को दोषी करार दिया था. मामले में एपीपी परमानंद यादव ने 11 लोगों की गवाही दर्ज करायी थी.
सात दिसंबर 2018 को जैफ आलम, नफीस आलम अपने चार दोस्तों के साथ शहजादी कॉम्प्लेक्स, कलाल टोली के पास बातचीत कर रहे थे. उसी समय इन लोगों के दोस्त वसीम ने फोन किया और कहा कि तुमलोग कर्बला चौक आओ, तुम लोगों को चाउमिन खिलायेंगे. जब वे लोग कर्बला चौक पहुंचे, तो वहां मुख्य आरोपी मो साजिद उर्फ माचिस, उसके पिता मो साबिर तथा उसकी मां बेबी फातिमा , भाई मो जाहिद, मो आसिफ व उसके तीन अन्य दोस्त वहां खड़े थे.
वे लोग जैफ आलम काे देखते ही कहने लगे कि इसे मारो, यही ब्राउन शुगर बेचने का विरोध करता है. वे लोग जैफ आलम को रॉड व चाकू से मारने के लिए दौड़ पड़े. इसी क्रम में उन लोगों ने जैफ की स्कूटी का हैंडल पकड़ कर गिरा दिया. उस स्कूटी पर आफान गौहर भी सवार था. इसी बीच माचिस के परिजनों सहित उसके तीन दोस्त उसे गली में खींच कर ले गये और रॉड व चाकू से जैफ को मारने लगे. इस दौरान माचिस की मां बेबी फातिमा ने जैफ के गले में अपना दुपट्टा बांध दिया और सभी ने मिल कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी. घटना को अंजाम देने के बाद सभी अभियुक्त माचिस के घर में घुस गये.
जैफ आलम के पिता मकसूद आलम ठेकेदारी करते हैं. वे लोग लोअर बाजार थाना क्षेत्र के फतेहउल्लाह रोड, कलाल टोली में रहते हैं. जैफ आलम आठ भाई-बहनों में सबसे छोटा था. उसकी चार बहनें हैं. आफान गौहर जैफ का भांजा है.